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दरभंगा: बिहार की पहली भूकंपरोधी इमारत का होगा संरक्षण, कई राजा रह चुके हैं अतिथि - बेल्जियम ग्लास

एलएमएनयू द्वारा राज दरभंगा में स्थित खूबसूरत नरगौना पैलेस के संरक्षण की योजना बनाई जा रही है. इस महल की दीवारों और फर्श पर इटालियन मार्बल और दरवाजे-खिड़कियों में बेल्जियम ग्लास लगे हैं. नरगौना पैलैस का होगा संरक्षण

पैलेस
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Published : Jul 16, 2019, 8:38 AM IST

Updated : Jul 16, 2019, 9:07 AM IST

दरभंगा: राज दरभंगा की खूबसूरत नरगौना पैलेस बिहार की पहली भूकंप रोधी इमारत मानी जाती है. इस महल का निर्माण वर्ष 1963 में हुआ था. फिलहाल यह महल ललित नारायण मिथिला विवि के अधिकार में है. इसमें विवि के स्नातकोत्तर विभाग चलते हैं. इस महल की स्थिति जर्जर होती जा रही है. विवि द्वारा इस महल के संरक्षण की योजना बनाई गई है. इसमें लगी 81 साल पुरानी 3 लिफ्ट को फिर से शुरू किया जाएगा.

दरभंगा
81 साल पुरानी लिफ्ट

कई रियासतों के राजा रह चुके हैं अतिथि

इस महल में हिंदुस्तान और नेपाल की कई रियासतों के राजा-महाराजा और ब्रिटिश सरकार के बड़े अधिकारी अतिथि बनकर रह चुके हैं. इसमें उन महाराजाओं के नाम पर अलग-अलग सुईट बनी हुई है. इस महल की दीवारों और फर्श पर इटालियन मार्बल और दरवाजे-खिड़कियों में बेल्जियम ग्लास लगे हैं. इस महल में 20वीं सदी में उपलब्ध विलासिता की सभी आधुनिक चीजें जैसे एसी, गीजर आदि उपलब्ध थी.

नरगौना पैलैस का होगा संरक्षण

सभी हेरिटेज भवनों को संरक्षित किया जाएगा

विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि विवि सभी हेरिटेज भवनों और साजो सामान को संरक्षित कर रहा है. नरगौना पैलेस के संरक्षण की भी योजना पर काम चल रहा है. उसमें लगीं 3 लिफ्ट को उसके मूल स्वरूप में चालू कराया जाएगा.

दरभंगा: राज दरभंगा की खूबसूरत नरगौना पैलेस बिहार की पहली भूकंप रोधी इमारत मानी जाती है. इस महल का निर्माण वर्ष 1963 में हुआ था. फिलहाल यह महल ललित नारायण मिथिला विवि के अधिकार में है. इसमें विवि के स्नातकोत्तर विभाग चलते हैं. इस महल की स्थिति जर्जर होती जा रही है. विवि द्वारा इस महल के संरक्षण की योजना बनाई गई है. इसमें लगी 81 साल पुरानी 3 लिफ्ट को फिर से शुरू किया जाएगा.

दरभंगा
81 साल पुरानी लिफ्ट

कई रियासतों के राजा रह चुके हैं अतिथि

इस महल में हिंदुस्तान और नेपाल की कई रियासतों के राजा-महाराजा और ब्रिटिश सरकार के बड़े अधिकारी अतिथि बनकर रह चुके हैं. इसमें उन महाराजाओं के नाम पर अलग-अलग सुईट बनी हुई है. इस महल की दीवारों और फर्श पर इटालियन मार्बल और दरवाजे-खिड़कियों में बेल्जियम ग्लास लगे हैं. इस महल में 20वीं सदी में उपलब्ध विलासिता की सभी आधुनिक चीजें जैसे एसी, गीजर आदि उपलब्ध थी.

नरगौना पैलैस का होगा संरक्षण

सभी हेरिटेज भवनों को संरक्षित किया जाएगा

विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि विवि सभी हेरिटेज भवनों और साजो सामान को संरक्षित कर रहा है. नरगौना पैलेस के संरक्षण की भी योजना पर काम चल रहा है. उसमें लगीं 3 लिफ्ट को उसके मूल स्वरूप में चालू कराया जाएगा.

Intro:दरभंगा। राज दरभंगा के खूबसूरत नरगौना पैलेस का संरक्षण किया जाएगा। इस महल में लगी 81 साल पुरानी तीन लिफ्ट भी फिर से चालू करायी जाएंगी। इस महल की स्थिति जर्जर होती जा रही है। फिलहाल यह महल ललित नारायण मिथिला विवि के अधिकार में है। इसमें विवि के स्नातकोत्तर विभाग चलते हैं। विवि ने इसके संरक्षण की योजना बनाई है।


Body:इस महल का निर्माण वर्ष 1936 में कराया गया था। यह बिहार की पहली भूकंप रोधी इमारत मानी जाती है। इसमें हिंदुस्तान और नेपाल की कई रियासतों के राजे-महाराजे और ब्रिटिश सरकार के बड़े अधिकारी अतिथि बनकर रह चुके हैं। इसमें उन महाराजाओं के नाम पर अलग-अलग सुईट बनी हैं। इस महल की दीवारों और फर्श पर इटालियन मार्बल और दरवाजे-खिड़कियों में बेल्जियम ग्लास लगे हैं। इस महल में 20वीं सदी में उपलब्ध विलासिता की सभी आधुनिक चीजें जैसे एसी, गीजर आदि उपलब्ध थीं।


Conclusion:विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि विवि सभी हेरिटेज भवनों और साजो सामान को संरक्षित कर रहा है। नरगौना पैलेस के संरक्षण की भी योजना पर काम चल रहा है। उसमें लगीं तीन लिफ्ट को भी उसके मूल स्वरूप में चालू कराया जाएगा।

बाइट 1- कर्नल निशीथ कुमार राय, रजिस्ट्रार, एलएनएमयू

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा

नोट- ये खबर वीओ के साथ पैकेज फॉर्मेट में भी भेजी गयी है.
Last Updated : Jul 16, 2019, 9:07 AM IST
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