दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि में छात्रसंघ चुनाव की तैयारियां जोरों पर है. विश्वविद्यालय में दो चरणों में 1 और 15 दिसंबर को मतदान होना है. कैंपस में आम मतदाता छात्रों को लुभाने के लिए विभिन्न छात्र संगठनों के छात्र नेता कई वादे और दावे कर रहे हैं. उधर, आम छात्रों का कहना है कि वे लुभावने वादों के बजाए छात्र हित में काम करने वाले प्रत्याशियों को चुनेंगे. ईटीवी भारत संवाददाता ने कुछ छात्र नेताओं और आम छात्रों से बात की आइए जानते हैं उनकी राय.
'कैंपस में रहते हैं सक्रिय'
आइसा के राज्य सह सचिव संदीप चौधरी ने कहा कि वे हमेशा कैंपस में सक्रिय रहते हैं. विवि में बेतहाशा फीस वृद्धि और सीटों में कटौती हो रही है. इस मुद्दे पर वे लगातार विवि का विरोध करते आए हैं. छात्र संघ चुनाव में यही उनका मुद्दा होगा.
'अराजकता है सबसे बड़ा मुद्दा'
जन अधिकार छात्र मोर्चा के साईं कुमार निरूपम ने कहा कि जाप संरक्षक पप्पू यादव छात्रों-युवाओं के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे हैं. कैंपस में अराजकता उनका सबसे बड़ा मुद्दा होगा. उन्हें इस बार भी छात्रों के व्यापक समर्थन की उम्मीद है.
'भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लड़ेंगे चुनाव'
छात्र जेडीयू के अभिषेक चौधरी ने कहा कि उन्होंने विवि में छात्रों के फर्जी नामांकन और छात्रसंघ में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है. खुद छात्रसंघ अध्यक्ष भी इसमें फंसी थीं. उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इस बार वे चुनाव लड़ेंगे.
'मिथिला की मिट्टी-पानी के लोग'
वहीं, मिथिला स्टूडेंट्स यूनियन के जयप्रकाश झा ने कहा कि एमएसयू के लगातार आंदोलन से ही विवि में समय पर परीक्षा हुई है और 30 जून तक पीजी का रिजल्ट घोषित हुआ है. उन्होंने कहा कि वे मिथिला की मिट्टी-पानी के लोग हैं. वे अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेंगे और इस बार क्लीन स्वीप भी करेंगे.
'कंप्यूटर की नहीं है व्यवस्था'
गौरतलब है कि इन सबसे इतर एक आम छात्र वैभव कुमार ने कहा कि उन्हें चुनाव के मुद्दे पर किसी भी दल के छात्र संगठन से कोई सहानुभूति नहीं है. उनके लिए छात्रों की सुविधा ही अहम मुद्दा है. उन्होंने कहा कि विवि की लाइब्रेरी में सिलेबस के अनुसार किताबें नहीं हैं. यहां कंप्यूटर की व्यवस्था नहीं है. जो भी प्रत्याशी उनसे वोट मांगने आएंगे वे उनसे ये सवाल जरूर करेंगे.