दरभंगा: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले में संचालित दो क्वॉरंटाइन केंद्रों में आवासित प्रवासियों से सीधे बात कर उनकी जानकारी ली. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रवासियों से पूछा कि क्वॉरंटाइन केन्द्र में उन्हें नाश्ता, खाना समेत अन्य जरूरत के सामान मिले हैं कि नहीं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रवासियों के बैक ग्राउंड के बारे में भी जानकारी ली. पहले कहां और क्या काम करते थे, कार्य का कोई प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है या अनस्किल्ड हैं.
प्रवासियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष व्यवस्था पर जताया संतोष
वहीं, डीपीएस पब्लिक स्कूल में बने क्वॉरंटाइन केंद्र में ठहरे हुए प्रवासी कामगार विकास सहनी ने बताया कि वे अपने अन्य साथियों के साथ मुंबई से विशेष श्रमिक ट्रेन से दरभंगा पहुंचे थे. स्टेशन पर इन सभी की स्क्रीनिंग हुई. इसके बाद खाने का पैकेट और पानी का बोतल दिया गया. फिर एमएलएसएम कॉलेज राहत शिविर में लाया गया. वहां निबंधन प्रक्रिया पूरी करने के बाद डीपीएस स्कूल में लाया गया. उन्होंने कहा कि यहां पर सारी सुविधा समय पर मिल रही है.
DM ने सीएम को क्वॉरंटीन सेंटर की व्यवस्था से कराया अवगत
डीएम डॉ. त्यागराजन ने सीएम को बताया कि इस केन्द्र में अभी कुल 44 आदमी हैं. इसमें मुंबई और अन्य शहरों के लोग शामिल हैं. एक कमरे में दो व्यक्ति को ठहराया गया है. हर 2-3 व्यक्ति पर एक बाथरूम टैग किया गया है. साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. केन्द्र में ही खाना बनवाकर खिलाया जाता है. इसके बाद डीएम ने बारी बारी से सभी कमरे, मनोरंजन हेतु कमरे में लगे टीवी, रसोई घर को सीएम को दिखाया.
सीएम ने की मिथिला पेंटिंग मास्क की तारीफ
आईटीआई केन्द्र पर आवासित नंद किशोर लाल देव ने बताया कि इस केन्द्र पर उन्हें सभी सुविधाएं मिल रही है. वे आसाम में बिजली मिस्त्री का काम करते थे. काम बंद हो जाने पर मजबूर होकर अपने घर आये हैं. मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासियों से पूछा कि क्या वे फिर से वापस जायेंगे. इस पर उन्होंने कहा कि अपने राज्य में काम मिलेगा तो यही रहेंगे. इसके साथ ही सीएम ने प्रवासियों के बीच जिला प्रशासन की ओर से लगाई गई मास्क पहने मिथिला पेंटिंग की खूब सराहना की.