दरभंगा: बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को लेकर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक हुई. इस बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने जिलाधिकारियों से कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए जरूरी मुद्दों पर बातचीत की. साथ ही जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से किए जा रहे कार्यों का फीडबैक लिया.
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति और कोरोना संक्रिमतों के इलाज के लिए उपलब्ध व्यवस्था, टीकाकरण की स्थिति, कोरोना टेस्टिंग और एक्टिव केस के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आज की तिथि में बिहार में लगभग 4 हजार 600 एक्टिव केस है. वहीं, 17 अप्रैल 2021 को 8 हजार 556 पॉजिटिव मामले मिले हैं.
इसके साथ ही प्रत्यय अमृत ने कहा कि कोरोना के इलाज के लिए बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज और जिलों में स्थित डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर और कोविड केयर सेंटर में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध हैं. वहीं, उन्होंने जिला में उपलब्ध आईसीयू और वेंटीलेटर युक्त बेडों की संख्या से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.
![CM Nitish meeting with all district DM on the issue of growing impact of Corona](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-dar-01-corona-pkg-bh10006_18042021185226_1804f_1618752146_359.jpg)
ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने का दिया सुझाव
इसके बाद सीएम ने सभी जिलाधिकारी से उनके जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति तथा उनके इलाज के लिए उपलब्ध व्यवस्था, ऑक्सीजन गैस की उपलब्धता, सैम्पल जांच एवं टीकाकरण का फीडबैक प्राप्त किया. साथ ही संक्रमण को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदम के बारे में सुझाव मांगा. इस पर लगभग सभी जिलाधिकारियों ने ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने की बात कही. वहीं, कई जिलाधिकारी ने आरटी-पीसीआर रिपोर्ट देर से उपलब्ध होने की जानकारी दी. साथ ही कई डीएम ने वेंटीलेटर चलाने के लिए तकनीकी कर्मचारी की मांग की. इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिलाने की आवश्यकता बताई गई. कोरोना के इलाज के लिए रेमडेसिविर के साथ अन्य दवाओं को भी अन्य राज्यों की तरह सम्बद्ध करने की आवश्यकता बताई. हालांकि सभी डीएम ने आवश्यक वस्तुओं के वाहन और जरूरी दुकानों को छोड़कर 10 से 12 दिनों के लिए लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया. ताकि कोरोना का चेन तोड़ा जा सके.
डीएमसीएच में ऑक्सिजन युक्त 120 बेड
दरभंगा से जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने बताया कि दरभंगा में ऑक्सीजन गैस आपूर्ति का प्लांट है, इसलिए यहां पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन गैस आपूर्ति है. उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल के बाद जिले में 381 पॉजिटिव मामले मिले हैं. अन्य राज्य से आने वाले लोगों का सर्वे कराया गया है. वैसे 359 गांव चिन्हित किए गए हैं, जहां कोरोना की जांच कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट 24 से 36 घंटे के अंदर मिल जाती है. डीएमसीएच में ऑक्सिजन युक्त 120 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है और आईसीयू में 7 बेड उपलब्ध हैं.
14 प्रखंडों में कोविड केअर सेंटर
बता दें कि जिले में डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल परीक्षा भवन में बनाया गया है. इसमें 200 बेड की व्यवस्था की गई है. इसमें से 100 बेड ऑक्सीजन युक्त हैं. वहीं, जिले के 18 में से 14 प्रखंडों में कोविड केअर सेंटर बनाया गया है. यहां कुल 388 बेड उपलब्ध हैं, जिनमें 119 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं. जिले के 16 प्रमुख निजी अस्पतालों को भी कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए डीएमसीएच से सम्बद्ध किया गया है, जिनमें 314 बेड ऑक्सीजन युक्त उपलब्ध हैं तथा 38 बेड वेंटीलेटर युक्त हैं. जिले के शहरी क्षेत्र में 36 वार्डों में कोरोना का संक्रमण काफी फैला हुआ है. इस वजह से वहां शिविर लगाकर टीकाकरण किया जा रहा है.
82 रेमडेसिविर उपलब्ध
इस बैठक में दरभंगा के डीएम ने कहा कि जिले में जितने भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन हैं, उसके बदले कंटेनमेंट जोन बनाया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि दरभंगा बाढ़ प्रभावित जिला है और बाढ़ निरोधक कार्य एवं बाढ़ राहत कार्य में 18 वर्ष से ऊपर के बहुत सारे कर्मी लगाए जाते हैं. उनका टीकाकरण किया जाना जरूरी है. वहीं, जिले में 82 रेमडेसिविर उपलब्ध हैं. डीएम ने सुझाव दिया कि कोरोना से मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये अनुदान में दिए जाते हैं लेकिन, कई परिजन अंत्येष्टि के लिए भी आगे नहीं आते हैं. अगर वैसे परिजनों के अनुदान की राशि पर प्रतिबंध लगाया जाए तो ऐसी घटना नहीं होगी.
गाइडलाइन का पालने करन के लिए करें जगरूक
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से प्राप्त सुझाव के अनुसार व्यवस्था करने के निर्देश दिए. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को कहा कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए ग्रामीण स्तर पर जागरुकता अभियान चलाएं. जिले में कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाएं. इस बैठक में बिहार सरकार के सभी विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, डीएम, एसएसपी, एसपी और सभी मेडिकल कॉलेज के सुपरिटेंडेंट के साथ सभी सिविल सर्जन उपस्थित रहे.