दरभंगा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को दरभंगा जिले के अलीनगर प्रखंड स्थित मिर्जापुर गांव में बाढ़ पीड़ितों का हालचाल लेने पहुंचे. मुख्यमंत्री ने बाढ़ पीड़ितों के रहने,खाने- पीने, पशुओं के चारे और मेडिकल सुविधा की व्यवस्था का जायजा लिया. वहीं मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ितों से मिलने के बाद अलीनगर के राजद विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी के आवास पर पहुंचे और उनसे चाय पर बातचीत की.
मुख्यमंत्री ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा
सीएम हेलीकॉप्टर से सीधे अलीनगर प्रखंड स्थित मदरसा बघेला के मैदान में उतरे और वहां से सड़क मार्ग से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मिर्जापुर गांव पहुंचे. मिर्जापुर गांव के स्कूल पर बाढ़ पीड़ितों के रहने की व्यवस्था की गई है. वहां पहुंचकर मुख्यमंत्री ने सामुदायिक रसोई घर, पशुओं के चारा, पीने का पानी, मेडिकल की व्यवस्था आदि का जायजा लिया. बता दें कि अलीनगर प्रखंड में बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान हुआ है.
अब्दुल बारी सिद्दीकी के घर पहुंचे सीएम
बाढ़ पीड़ितों के बीच 15 मिनट रुकने के बाद मुख्यमंत्री लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान विधायक अब्दुल बारी सिद्धकी के रूपसपुर स्थित आवास पर पहुंचे. जहां उन्होंने करीब 15 मिनट बीताये. इस दौरान मुख्यमंत्री और अब्दुल बारी सिद्दीकी के बीच चाय पर बातचीत हुई. इसके बाद वहां से मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर के पास पहुंचे और वापस पटना के लिए निकल गए. इस दौरान सीएम ने न तो मीडिया से बात की और न ही बाढ़ पर कोई बयान जारी किया.
राजनीतिक चर्चा हो गई है तेज
मिर्जापुर में मुख्यमंत्री जब बाढ़ पीड़ित का हालचाल ले रहे थे तो वहां स्थानीय विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी और बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी मौजूद थे. राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी से अचानक अकेले में मुलाकात को लेकर क्षेत्र में राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है. लोग बोलने लगे हैं कि कहीं बाढ़ के बहाने मुख्यमंत्री का अब्दुल बारी सिद्दीकी से मिलना कोई सियासी खेल तो नहीं.
प्रशासन ने की थी पूरी तैयारी
हांलाकि मुख्यमंत्री के आने की सूचना तो प्रशासन को एक दिन पूर्व ही मिल गई थी. जिसको लेकर युद्ध स्तर पर उनकी सुरक्षा व्यवस्था और उनके आगमन को लेकर प्रस्थान तक कि प्रशासन ने तैयारी पूरी की थी. लेकिन राजद के विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी के यहां भी जाने का होगा, इसका खुलासा रविवार को ही हो सका. वहीं प्रशासनिक स्तर पर उन सभी रास्तों की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. जिन रास्तों से मुख्यमंत्री का काफिला गुजरने वाला था.