दरभंगा: पहली दिसंबर से बिहार गृह रक्षा वाहिनी (होमगार्ड) के प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव हुआ है. अब ब्लॉक स्तर पर 100 जवानों की एक कंपनी बनाई गई है, जिसमें कंपनी कमांडेंट नियुक्त किए गए हैं. हर कंपनी में 10 जवानों पर एक सेक्शन कमांडेंट और 30 जवानों पर एक प्लाटून कमांडेंट भी बनाए गए हैं. इन सभी का नियंत्रण जिला कमांडेंट के पास होगा. इस बदलाव की शुरुआत दरभंगा से हुई है.
बिहार के डीजी (होमगार्ड एवं अग्निशमन सेवाओं) आरके मिश्रा ने रविवार की शाम नवनियुक्त कमांडेंट्स के साथ बैठक कर उन्हें दायित्व सौंपा. डीजी आरके मिश्रा ने बताया कि बिहार के दरभंगा, गया और अररिया में नई व्यवस्था लागू कर दी गयी है. दरभंगा में पहली बैठक हुई है. 31 दिसंबर 2019 तक बिहार के सभी जिलों में होमगार्ड का यह प्रशासनिक ढांचा बना दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी, उनका दैनिक भुगतान और वेलफेयर का काम आसान हो जाएगा.
होमगार्ड के लिए सरकार की नई योजनाएं
डीजी ने बताया कि होमगार्ड के जवानों को अब हर महीने की पहली तारीख तक वेतन मिलने लगा है. वे जिस विभाग में ड्यूटी करते हैं. अगर, वह विभाग पहली तारीख तक वेतन नहीं देता तो बिहार रक्षा वाहिनी अपने स्तर से इसे सुनिश्चित कर रही है.
इसके अलावा होमगार्ड जवानों का पीएफ काटने की भी व्यवस्था की जा रही है. सरकार को इसके लिए राशि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि ड्यूटी के दौरान जवान की मौत होने पर उसकी तेरहवीं तक हर हाल में मुआवजा का पैसा उसके परिजनों को देने की भी व्यवस्था लागू कर दी गयी है.