दरभंगा: कोरोना संक्रमण को लेकर देशभर में लगे लॉकडाउन ने पान उत्पादक किसानों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न कर दी है. दुकानें बंद होने से पान की बिक्री समाप्त हो गई है. वहीं, दूसरी तरफ खपत नहीं होने के कारण पान की फसल खेतों में बर्बाद हो रही है. उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है.
दरअसल, खेतों में लगे पत्ते को किसान तोड़ नहीं रहे हैं. ऐसे में पत्ते झड़ कर नष्ट हो रहे हैं. मेहनत से तैयार पत्तों को बर्बाद होता देख किसानों की आंखों से आंसू निकल गिर रहे हैं. ऐसे में उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
फसल बचाना किसानों के लिए बड़ी चुनौती
लॉकडाउन के कारण पान बाजार बंद होने से पान उत्पादक किसानों के सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है. पान किसानों ने बताया कि मिथिला के मान का प्रतीक पान की खेती जिले के लगभग 250 बीघे में की जाती है. पान की सिंचाई सहित अन्य कार्यों के लिए मजदूरों की समस्या आ गई है. इसके कारण पान की फसल बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है. जिसके कारण पान उत्पादक किसान एक ओर भुखमरी की समस्या से जूझ रहे हैं तो दूसरी ओर पान की खेती को बचाना उनके सामने बड़ी चुनौती बन गई है.
पान की खेती से जुड़े हैं 10 हजार से अधिक परिवार
पीड़ित किसानों ने बताया कि इस व्यवसाय से जिले के लगभग 10 हजार से अधिक परिवारों का भरण-पोषण होता है. वर्ष 2004 की बाढ़ के कारण जिले के अधिकतर प्रखंडों में पान की फसल डूबकर बर्बाद हो गई थी इसके बाद कई बार बाढ़ और शीतलहर ने पान उत्पादन को भारी क्षति पहुंचाई है. सरकारी मदद नहीं मिलने के बावजूद किसानों ने कर्ज लेकर मिथिला की इस प्रमुख फसल को जिंदा रखा. लेकिन, इस बार हुए लॉकडाउन ने उनकी कमर तोड़ कर रख दी है.