दरभंगाः जिले में चंडीगढ़ के मशहूर रॉक गार्डेन का एक मिनी स्वरूप जल्द ही देखने को मिलेगा. यहां ललित नारायण मिथिला विवि के नरगौना पैलेस परिसर में बेकार पड़ी लोहे और लकड़ी की चीजों से एक 'प्रेरणा सेतु' बनाया जा रहा है. साथ ही इसके एक भाग को 'विंटेज पार्क' के रूप में विकसित किया जा रहा है. जिसमें विलुप्त हो रही पुरानी चीजों को रखा जाएगा.
चंडीगढ़ के मशहूर रॉक गार्डेन का एक मिनी स्वरूप
विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि दरभंगा राज के इस ऐतिहासिक तालाब के किनारे इस जमीन पर गंदगी फैली रहती थी. यहां बेकार पड़ी लोहे और लकड़ी की वस्तुओं से महज 10 हजार रुपये की लागत से प्रेरणा सेतु बनाया जा रहा है. साथ ही इसी जमीन पर एक विंटेज पार्क विकसित किया जा रहा है, जिसमें दरभंगा राज की पुरानी वस्तुओं जैसे गीजर, एसी, पुरानी कार और डिश एंटेना को सजा कर रखा जाएगा.
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नई पीढ़ी को पुरानी वस्तुओं से परिचित कराना
निशीथ कुमार राय ने बताया कि इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को पुरानी वस्तुओं से परिचित कराना तो है ही, साथ ही यह भी बताना है कि कोई भी चीज पुरानी भले ही हो जाए लेकिन वह अनुपयोगी नहीं होती. दरअसल, यह दरभंगा राज का परिसर है, जिसमें उसके महल और बागीचे हैं. अब विवि इस परिसर को हेरिटेज के रूप में विकसित कर रहा है. इसी उद्देश्य से यहां की हर पुरानी वस्तु को किसी न किसी रूप में संरक्षित किया जा रहा है.