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दरभंगा: चंडीगढ़ के रॉक गार्डेन की तर्ज पर यहां बन रहा है खूबसूरत 'विंटेज पार्क'

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Published : Jan 22, 2020, 11:38 PM IST

विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को पुरानी वस्तुओं से परिचित कराना तो है ही, साथ ही यह भी बताना है कि कोई भी चीज पुरानी भले ही हो जाए लेकिन वह अनुपयोगी नहीं होती. दरअसल, यह दरभंगा राज का परिसर है, जिसमें उसके महल और बागीचे हैं.

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दरभंगाः जिले में चंडीगढ़ के मशहूर रॉक गार्डेन का एक मिनी स्वरूप जल्द ही देखने को मिलेगा. यहां ललित नारायण मिथिला विवि के नरगौना पैलेस परिसर में बेकार पड़ी लोहे और लकड़ी की चीजों से एक 'प्रेरणा सेतु' बनाया जा रहा है. साथ ही इसके एक भाग को 'विंटेज पार्क' के रूप में विकसित किया जा रहा है. जिसमें विलुप्त हो रही पुरानी चीजों को रखा जाएगा.

चंडीगढ़ के मशहूर रॉक गार्डेन का एक मिनी स्वरूप
विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि दरभंगा राज के इस ऐतिहासिक तालाब के किनारे इस जमीन पर गंदगी फैली रहती थी. यहां बेकार पड़ी लोहे और लकड़ी की वस्तुओं से महज 10 हजार रुपये की लागत से प्रेरणा सेतु बनाया जा रहा है. साथ ही इसी जमीन पर एक विंटेज पार्क विकसित किया जा रहा है, जिसमें दरभंगा राज की पुरानी वस्तुओं जैसे गीजर, एसी, पुरानी कार और डिश एंटेना को सजा कर रखा जाएगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन हड़ताल: दवा दुकानें बंद, बढ़ी मरीजों की परेशानी

नई पीढ़ी को पुरानी वस्तुओं से परिचित कराना
निशीथ कुमार राय ने बताया कि इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को पुरानी वस्तुओं से परिचित कराना तो है ही, साथ ही यह भी बताना है कि कोई भी चीज पुरानी भले ही हो जाए लेकिन वह अनुपयोगी नहीं होती. दरअसल, यह दरभंगा राज का परिसर है, जिसमें उसके महल और बागीचे हैं. अब विवि इस परिसर को हेरिटेज के रूप में विकसित कर रहा है. इसी उद्देश्य से यहां की हर पुरानी वस्तु को किसी न किसी रूप में संरक्षित किया जा रहा है.

दरभंगाः जिले में चंडीगढ़ के मशहूर रॉक गार्डेन का एक मिनी स्वरूप जल्द ही देखने को मिलेगा. यहां ललित नारायण मिथिला विवि के नरगौना पैलेस परिसर में बेकार पड़ी लोहे और लकड़ी की चीजों से एक 'प्रेरणा सेतु' बनाया जा रहा है. साथ ही इसके एक भाग को 'विंटेज पार्क' के रूप में विकसित किया जा रहा है. जिसमें विलुप्त हो रही पुरानी चीजों को रखा जाएगा.

चंडीगढ़ के मशहूर रॉक गार्डेन का एक मिनी स्वरूप
विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि दरभंगा राज के इस ऐतिहासिक तालाब के किनारे इस जमीन पर गंदगी फैली रहती थी. यहां बेकार पड़ी लोहे और लकड़ी की वस्तुओं से महज 10 हजार रुपये की लागत से प्रेरणा सेतु बनाया जा रहा है. साथ ही इसी जमीन पर एक विंटेज पार्क विकसित किया जा रहा है, जिसमें दरभंगा राज की पुरानी वस्तुओं जैसे गीजर, एसी, पुरानी कार और डिश एंटेना को सजा कर रखा जाएगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

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नई पीढ़ी को पुरानी वस्तुओं से परिचित कराना
निशीथ कुमार राय ने बताया कि इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को पुरानी वस्तुओं से परिचित कराना तो है ही, साथ ही यह भी बताना है कि कोई भी चीज पुरानी भले ही हो जाए लेकिन वह अनुपयोगी नहीं होती. दरअसल, यह दरभंगा राज का परिसर है, जिसमें उसके महल और बागीचे हैं. अब विवि इस परिसर को हेरिटेज के रूप में विकसित कर रहा है. इसी उद्देश्य से यहां की हर पुरानी वस्तु को किसी न किसी रूप में संरक्षित किया जा रहा है.

Intro:दरभंगा। चंडीगढ़ के मशहूर रॉक गार्डेन का एक मिनी स्वरूप जल्द ही दरभंगा में देखने को मिलेगा। यहां ललित नारायण मिथिला विवि के नरगौना पैलेस परिसर में बेकार पड़ी लोहे और लकड़ी की चीजों से एक 'प्रेरणा सेतु' बनाया जा रहा है। साथ ही इसके एक भाग को 'विंटेज पार्क' के रूप में विकसित किया जा रहा है जिसमें विलुप्त हो रही पुरानी चीजों को रखा जाएगा। ई टीवी भारत संवाददाता ने आकार ले रहे विंटेज पार्क का जायजा लिया।


Body:विवि के रजिस्ट्रार कर्नल निशीथ कुमार राय ने बताया कि दरभंगा राज के इस ऐतिहासिक तालाब के किनारे इस जमीन पर गंदगी फैली रहती थी। अब यहां बेकार पड़ी लोहे और लकड़ी की वस्तुओं से महज 10 हज़ार रुपये की लागत से प्रेरणा सेतु बनाया जा रहा है। साथ ही इसी जमीन पर एक विंटेज पार्क विकसित किया जा रहा है जिसमें दरभंगा राज की पुरानी वस्तुओं जैसे गीजर, एसी, पुरानी कार और डिश एंटेना को सजा कर रखा जाएगा। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को पुरानी वस्तुओं से परिचित कराना तो है ही साथ ही यह भी बताना है कि कोई भी चीज पुरानी भले ही हो जाए लेकिन वह अनुपयोगी नहीं होती।


Conclusion:बता दें कि करीब तीन सौ एकड़ में फैला ललित नारायण मिथिला विवि का परिसर बिहार के सबसे बड़े शैक्षणिक परिसर में शुमार है। दरअसल यह दरभंगा राज का परिसर है जिसमें उसके महल और बागीचे हैं। अब विवि इस परिसर को हेरिटेज के रूप में विकसित कर रहा है। इसी उद्देश्य से यहां की हर पुरानी वस्तु को किसी न किसी रूप में संरक्षित किया जा रहा है।

बाइट 1- कर्नल निशीथ कुमार राय, रजिस्ट्रार, एलएनएमयू.

walkthrough के साथ
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विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
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