दरभंगा: बिहार के दरभंगा के प्रसिद्ध मां श्यामा माई मंदिर परिसर में बलि प्रदान पर मां श्यामा मंदिर न्यास समिति के द्वारा रोक लगाने के निर्णय से भक्तों के बीच आक्रोश फैलता ही जा रहा था. मां श्यामा भक्त न्यास समिति के फैसले के विरूद्ध आंदोलन शुरू कर दिया. जिसे देखते हुए न्यास समिति ने बलिप्रथा नियम में कुछ बदलाव करते हुए रोक हटा लिया है. यह निर्णय दरभंगा के जिलाधिकारी राजीव रोशन के साथ बैठक के बाद कुछ नियम में बदलाव के बाद लिया गया है.
दरभंगा श्यामा माई मंदिर में बलि प्रथा पर रोक हटी: माँ श्यामा न्यास समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र मोहन झा ने कहा कि बलि प्रथा रोक का निर्णय शर्तों के साथ वापस लिया है. शर्तों के अनुसार बलि प्रथा में मंदिर प्रशासन की कोई भूमिका नहीं होगी. भक्त निजी व्यवस्था कर मंदिर परिसर में बलिप्रदान कर सकते हैं. मंदिर प्रशासन बलि प्रथा को लेकर ना तो कोई कर्मी देगा और ना ही इसके बदले किसी प्रकार का शुल्क लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि बली प्रथा का विरोध या समर्थन न्यास समिति नहीं करती है. जिनकी जैसी श्रद्धा है वो कर सकते हैं. इसके लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जायेगा.
मंदिर प्रशासन की कोई भूमिका नहीं होगी: उन्होंने कहा कि बलि प्रदान के लिए किसी प्रकार का कोई व्यक्ति मंदिर के द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जायेगा. मां श्यामा न्यास समिति शांति पूर्वक बलि प्रदान को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि जो लोग इस बलिप्रथा का समर्थन या विरोध कर रहे हैं. उनको किसी प्रकार का ठेस इस निर्णय से नहीं पहुंचेगा. क्योंकि समिति ने सबको ध्यान मे रख कर निर्णय किया है. यह निर्णय दरभंगा मां श्यामा माई न्यास समिति बोर्ड का है.
"बलिप्रथा नियम में कुछ बदलाव करते हुए रोक हटा लिया गया है. बलि प्रदान के लिए किसी प्रकार का कोई व्यक्ति मंदिर के द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जायेगा. मंदिर प्रशासन बलि प्रथा को लेकर ना तो कोई कर्मी देगा और ना ही इसके बदले किसी प्रकार का शुल्क लिया जाएगा." -सुरेंद्र मोहन झा, अध्यक्ष, मां श्यामा न्यास समिति, दरभंगा
श्रद्धालुओं में आक्रोश गहराने लगा था: बता दें यह मंदिर दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह की चिता पर है. यहां तांत्रिक पद्धति से माता काली की पूजा-अर्चना की जाती है. इस चिता भूमि पर वैवाहिक व मांगलिक कार्यक्रम होते हैं. शक्ति पीठ की तर्ज पर शास्त्रानुसार यहां बलि प्रदान करने की परंपरा है. जिसे नव गठित न्यास समिति ने रोक लगा दी थी. इधर बलि प्रदान पर रोक के बाद श्रद्धालुओं में आक्रोश गहराने लगा था. मां श्यामा भक्त सड़कों पर उतरकर बलिप्रथा को पुनः बहाल करने की मांग करने लगे. जिसे देखते हुए न्यास समिति ने बलिप्रथा नियम में कुछ बदलाव करते हुए रोक हटा लिया है.
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