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मिथिलांचल के सबसे बड़े अस्पताल DMCH का हाल बेहाल, मरीज से लेकर परिजन तक परेशान - BAD CONDITION DMCH IN DARBHANGA

नीतीश सरकार ने साल 2019-20 के बजट में स्वास्थ्य विभाग के लिए 9622 करोड़ रुपये का आवंटन किया था. मंत्री ने दावा था कि इन पैसों से स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से सुधार होगा. हो सकता है कुछ अस्पतालों की तस्वीरें बदली होगी लेकिन डीएमसीएच की स्थिति मौजूदा वक्त में यह है कि यहां के कई वार्डों की खिड़कियां तक टूटी हुई है.

BAD CONDITION DMCH
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Published : Jan 27, 2021, 4:32 PM IST

दरभंगा: स्वास्थ्य विभाग हर एक साल लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करती है और दावा करती है कि स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से सुधार हो रहा है. लेकिन राज्य के कई ऐसे अस्पताल हैं. जहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है. दरभंगा के DMCH में मरीजों का हाल-बदहाल है.

ठंड से कांप रहे हैं मरीज
दरअसल, डीएमसीएच के गायनी वार्ड में खिड़कियां टूटी हुई हैं. लिहाजा ठंड की वजह से मरीज और उनके साथ रह रहे परिजन परेशान हैं. आलम यह है कि कहीं टूटे दरवाजे पर मरीज के परिजन गमछा या चादर लगाकर तो कहीं अखबार के पन्नों के सहारे सर्द हवा से बचने की जुगाड़ में लगे रहते हैं.

शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
मरीज के परिजनों का आरोप है कि कई बार अस्पताल के वरीय अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन कोई सुनने तक को तैयार नहीं है. ऐसे में बीमारी से तो बाद में मरीज की मौत होगी. उससे पहले ठंड की वजह से ही जान चली जाएगी.

'इस बात की जानकारी हुई है. गायनी विभाग के वार्डों की कुछ खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं. जिससे मरीज और उनके परिजन को परेशानी हो रही है. जल्द ही टूटे दरवाजे और खिड़कियों को ठीक कर दिया जाएगा'. -डॉ मणिभूषण शर्मा, अस्पताल अधीक्षक

अस्पताल अधीक्षक ने कहा टूटी खिड़कियों को पैक करवाना सही नहीं होगा. इसलिए स्लाइडर विंडो लगाने की तैयारी है. ताकि गर्मी के समय में मरीजों खिड़की खोलने पर मरीजों को राहत मिल सके.

दरभंगा: स्वास्थ्य विभाग हर एक साल लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करती है और दावा करती है कि स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से सुधार हो रहा है. लेकिन राज्य के कई ऐसे अस्पताल हैं. जहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है. दरभंगा के DMCH में मरीजों का हाल-बदहाल है.

ठंड से कांप रहे हैं मरीज
दरअसल, डीएमसीएच के गायनी वार्ड में खिड़कियां टूटी हुई हैं. लिहाजा ठंड की वजह से मरीज और उनके साथ रह रहे परिजन परेशान हैं. आलम यह है कि कहीं टूटे दरवाजे पर मरीज के परिजन गमछा या चादर लगाकर तो कहीं अखबार के पन्नों के सहारे सर्द हवा से बचने की जुगाड़ में लगे रहते हैं.

शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
मरीज के परिजनों का आरोप है कि कई बार अस्पताल के वरीय अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन कोई सुनने तक को तैयार नहीं है. ऐसे में बीमारी से तो बाद में मरीज की मौत होगी. उससे पहले ठंड की वजह से ही जान चली जाएगी.

'इस बात की जानकारी हुई है. गायनी विभाग के वार्डों की कुछ खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं. जिससे मरीज और उनके परिजन को परेशानी हो रही है. जल्द ही टूटे दरवाजे और खिड़कियों को ठीक कर दिया जाएगा'. -डॉ मणिभूषण शर्मा, अस्पताल अधीक्षक

अस्पताल अधीक्षक ने कहा टूटी खिड़कियों को पैक करवाना सही नहीं होगा. इसलिए स्लाइडर विंडो लगाने की तैयारी है. ताकि गर्मी के समय में मरीजों खिड़की खोलने पर मरीजों को राहत मिल सके.

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