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मिथिला हस्तकला केंद्र के सीकी कलाकार बना रहे हैं राखी, देश-विदेश में हो रही मांग

मिथिला हस्तकला केंद्र के सीकी कलाकार सीकी से खूबसूरत राखियां तैयार करने में लगे हैं. देश-विदेश में इसकी मांग हो रही है. ये राखियां भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुखों को भी भेजी जाएगा.

राखी
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Published : Jul 20, 2020, 6:05 AM IST

Updated : Jul 20, 2020, 6:53 AM IST

दरभंगाः इस बार बहने अपने भाइयों की कलाई पर चीन से आयातित राखी नहीं बांधेंगी. बिहार के मिथिला के कलाकारों ने अपनी मशहूर सीकी कला से ड्रैगन को टक्कर देने की पूरी तैयारी कर ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल से प्रेरित होकर दरभंगा सदर प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव स्थित मिथिला हस्तकला केंद्र के सीकी कलाकार सीकी से खूबसूरत राखियां बनाने में लगे हैं. इस केंद्र की सीकी से बनी राखियों की देश-विदेश से ऑर्डर मिल रहे हैं. केंद्र की ओर से इस बार ये राखियां भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुखों को भी भेजी जा रही हैं.

darbhanga
राखी बनाने में जुटे कलाकार

देश-विदेश में है मांग
मिथिला हस्तकला केंद्र के संयोजक राजेश कुमार कर्ण ने बताया कि सीकी कला प्राचीन समय से ही मिथिला में प्रचलित रही है. वे लोग इसे प्रमोट करते हैं. उन्होंने कहा कि सीकी से राखियां बनाई जा रही हैं. इसकी मांग देश के विभिन्न राज्यों के साथ दुनिया के कई देशों में भी है. एक राखी को बनाने में कम से कम डेढ़ घंटे का लगते हैं और सामान्य राखी में कम से कम 15 रुपये की लागत आती है. ये राखियां 50 रुपये तक मे बिकती हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली हाट में उनका एक स्टॉल है जहां से राखियां देश-विदेश में पहुंचती हैं.

दरभंगा
राष्ट्रपति सहित कई गणमान्य तक पहुंचेगी राखी

दुनिया तक पहुंचेगी सीकी कला
केंद्र की कलाकार स्नेहा ने कहा कि चीन से कोरोना आया है. इसके अलावा उसने हमारे देश की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की है. ऐसे में वहां की राखियों से भाइयों की कलाई क्यों सजाई जाए. उसने कहा कि यही वक्त है जब मिथिला की खूबसूरत सीकी कला को दुनिया भर में पहुंचाया जा सकता है. स्नेहा ने कहा कि वो इस कला को पूरी दुनिया मे पहुंचाने के लिए काम कर रही है.

पेश है खास रिपोर्ट

खूब हो रही है डिमांड
मिथिला हस्तकला केंद्र के संचालक उज्ज्वल कुमार ने बताया कि वे लोग दिन-रात मेहनत करके सीकी से राखियां बना रहे हैं. अभी चीन के प्रति देश मे जबर्दस्त गुस्सा है. ऐसे में इन राखियों की खूब डिमांड हैं. उन्हें विश्वास है कि ये देश-विदेश में पहुंचेंगी और लोग पसंद भी करेंगे.

दरभंगाः इस बार बहने अपने भाइयों की कलाई पर चीन से आयातित राखी नहीं बांधेंगी. बिहार के मिथिला के कलाकारों ने अपनी मशहूर सीकी कला से ड्रैगन को टक्कर देने की पूरी तैयारी कर ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल से प्रेरित होकर दरभंगा सदर प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव स्थित मिथिला हस्तकला केंद्र के सीकी कलाकार सीकी से खूबसूरत राखियां बनाने में लगे हैं. इस केंद्र की सीकी से बनी राखियों की देश-विदेश से ऑर्डर मिल रहे हैं. केंद्र की ओर से इस बार ये राखियां भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुखों को भी भेजी जा रही हैं.

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राखी बनाने में जुटे कलाकार

देश-विदेश में है मांग
मिथिला हस्तकला केंद्र के संयोजक राजेश कुमार कर्ण ने बताया कि सीकी कला प्राचीन समय से ही मिथिला में प्रचलित रही है. वे लोग इसे प्रमोट करते हैं. उन्होंने कहा कि सीकी से राखियां बनाई जा रही हैं. इसकी मांग देश के विभिन्न राज्यों के साथ दुनिया के कई देशों में भी है. एक राखी को बनाने में कम से कम डेढ़ घंटे का लगते हैं और सामान्य राखी में कम से कम 15 रुपये की लागत आती है. ये राखियां 50 रुपये तक मे बिकती हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली हाट में उनका एक स्टॉल है जहां से राखियां देश-विदेश में पहुंचती हैं.

दरभंगा
राष्ट्रपति सहित कई गणमान्य तक पहुंचेगी राखी

दुनिया तक पहुंचेगी सीकी कला
केंद्र की कलाकार स्नेहा ने कहा कि चीन से कोरोना आया है. इसके अलावा उसने हमारे देश की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की है. ऐसे में वहां की राखियों से भाइयों की कलाई क्यों सजाई जाए. उसने कहा कि यही वक्त है जब मिथिला की खूबसूरत सीकी कला को दुनिया भर में पहुंचाया जा सकता है. स्नेहा ने कहा कि वो इस कला को पूरी दुनिया मे पहुंचाने के लिए काम कर रही है.

पेश है खास रिपोर्ट

खूब हो रही है डिमांड
मिथिला हस्तकला केंद्र के संचालक उज्ज्वल कुमार ने बताया कि वे लोग दिन-रात मेहनत करके सीकी से राखियां बना रहे हैं. अभी चीन के प्रति देश मे जबर्दस्त गुस्सा है. ऐसे में इन राखियों की खूब डिमांड हैं. उन्हें विश्वास है कि ये देश-विदेश में पहुंचेंगी और लोग पसंद भी करेंगे.

Last Updated : Jul 20, 2020, 6:53 AM IST
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