दरभंगाः व्यवहार न्यायालय में आने वाले वकीलों और न्याय अतिथियों का इलाज अब कोर्ट परिसर के अंदर ही होगा. वकीलों के प्राथमिक उपचार के लिए चलंत स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था की गई है. जिसको लेकर यहां के वकीलों मुवक्किलों और कोर्ट कर्मियों के बीच खुशी का माहौल है.
काफी दिनों से थी वकीलों की मांग
दरअसल,113 वर्षों से क्रियाशील सिविल कोर्ट में अधिवक्ताओं और मुकदमे के पक्षकारों के लिए प्राथमिक उपचार की व्यवस्था नहीं थी. जिसको लेकर बार एसोसिएशन के दर्जनों अधिवक्ताओं ने सिविल सर्जन को ज्ञापन देकर प्राथमिक उपचार के लिए चलंत स्वास्थ्य केंद्र की मांग की थी. जिसमें एक चिकित्सक समेत स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करने की मांग भी थी. इसी मांग को लेकर सिविल सर्जन ने सिविल कोर्ट परिसर में चिकित्सीय व्यवस्था बहाल किया है.
शुक्रवार और मंगलवार को निशुल्क उपचार
कोर्ट परिसर में प्रत्येक सप्ताह दो दिन, शुक्रवार और मंगलवार को निशुल्क प्राथमिक उपचार के लिए चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति दवा के साथ की गई है. अपना चेकअप करा रहे अधिवक्ता विजय कुमार ने कहा कि सिविल सर्जन और जज साहेब के संयुक्त प्रयास से यहां एक प्राथमिक उपचार केंद्र की स्थापना की गई है. जिसकी आवश्यकता हम लोगों को भी थी. वकील या अन्य लोगों को जो न्यायालय परिसर में रहते हैं, अगर किसी तरह की चिकित्सीय सुविधा की जरूरत तत्काल हो तो, यहां पर उपस्थित डॉक्टर और अन्य स्टाफ उनका इलाज करेंगे
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SC-ST अत्याचार अधिनियम का हो रहा दुरुपयोग , एक साल में 194 मामले दर्ज#EtvBharatSpecial #SC-ST #CrimeNews #Begusarihttps://t.co/AjO2EGkpxU
— ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) August 24, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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'सिविल सर्जन साहब का है आदेश'
मरीजों का इलाज कर रहे डॉ मयंक भूषण ने कहा कि सिविल सर्जन साहब का आदेश हुआ है कि सप्ताह में दो दिन यहां मेडिकल सुविधा उपलब्ध करानी है. इसके लिए हमें एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी दिया गया है. सप्ताह में मंगलवार और शुक्रवार दो दिन हम लोग यहां आते हैं और जो भी प्राथमिक उपचार होता है, उसे हमलोग देते हैं.
जज साहब ने किया सकारात्मक प्रयास
वहीं, दरभंगा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बहुत दिनों से वकीलों की मांग थी कि बहुत सारे वकील उम्र दराज रहते हैं. उनकी तबीयत भी खराब रहती है. उनके लिए यह बहुत जरूरी है. जिला जज ने सकारात्मक प्रयास किया और सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार में डॉक्टर को नियमित रूप से बैठाया जाए. जिन लोगों को आवश्यता होती है, वे लोग वहां अपना चेकअप करवाते है और उनका रजिस्टर मेंटेन भी होता है. वहीं, उन्होंने कहा कि अगर उपस्थिति ज्यादा रहेगी, तो फिर इसका विस्तार किया जाएगा.