दरभंगा: तजाकिस्तान में आयोजित एशियन पारा रोड साइकिलिंग चैंपियनशिप (Asian Para Road Cycling Championship) में पांचवा स्थान लाने वाले दरभंगा के दिव्यांग साइकिलिस्ट जलालुद्दीन अंसारी घर लौट आए हैं. सोमवार को रेलवे स्टेशन पर उनका भव्य स्वागत किया गया. मानव सेवा समिति और विद्यापति सेवा संस्थान की ओर से जलालुद्दीन को मिथिला परंपरा के अनुसार पाग और चादर देकर सम्मानित किया गया. वहीं विद्यापति सेवा संस्थान ने जलालुद्दीन अंसारी को 2022 का मिथिला विभूति सम्मान देने की घोषणा की.
जलालुद्दीन ने लाया पांचवां स्थान: दिव्यांग साइकिलिस्ट जलालुद्दीन अंसारी ने बताया कि तजाकिस्तान में 12 देशों के प्रतियोगी पारा रोड साइकिलिंग चैंपियनशिप में भाग लेने पहुंचे थे. इस प्रतियोगिता में वे पहली बार खेल रहे थे, इसलिए कुछ कमियां रह गई थी. जिसकी वजह से उन्हें पांचवा स्थान मिला. उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में भारत की महिला साइकिलिंग टीम ने गोल्ड मेडल मेडल जीता है. भारत को कुल मिलाकर 3 पदक इस प्रतियोगिता में मिले हैं. जलालुद्दीन ने कहा कि आगे वे 2024 में पेरिस में होने वाले पारालंपिक खेलों की तैयारी करेंगे और कोशिश करेंगे कि वे इसमें देश के लिए गोल्ड मेडल जीत सकें.
जलालुद्दीन को मिले बेहतर ट्रेनिंग व्यवस्था: जलालुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए तैयार करने में आर्थिक रूप से मदद पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली संस्था मानव सेवा समिति के सदस्य उज्जवल कुमार ने कहा कि एक समय था जब जलालुद्दीन के पास अच्छी रेसिंग साईकिल तक नहीं थी. सामाजिक सहयोग और सरकारी मदद से उन्होंने जलालुद्दीन के लिए 2 लाख की रेसिंग साइकिल उपलब्ध कराई. उन्होंने कहा कि जलालुद्दीन में काफी प्रतिभा है. वे 2024 के पेरिस पैरालंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीत सकें, इसके लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया को इनके लिए बेहतर ट्रेनिंग और डाइट की व्यवस्था करनी होगी.
12 घंटे तक साइकिल चलाने का रिकॉर्ड: भारत सरकार ने जलालुद्दीन को तजाकिस्तान जाने का सारा खर्च उठाया, लेकिन इसके बावजूद कई छोटे-छोटे खर्चे थे जिनके लिए मानव सेवा समिति ने फेसबुक पर अभियान चलाकर धन इकट्ठा किया. बता दें कि जलालुद्दीन अंसारी जिले के सिंहवाड़ा ब्लॉक के टेकटार गांव के रहने वाले हैं. 6 साल की उम्र में ट्रेन की चपेट में आने से उन्होंने अपना एक पैर गंवा दिया था. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वे साइक्लिंग के बेहतरीन खिलाड़ी बनकर उभरे. वे देश की कई बड़ी साइक्लिंग प्रतियोगिताओं में अव्वल स्थान हासिल किया है. लखनऊ के बाबू केडी सिंह स्टेडियम में 2016 में लगातार 12 घंटों तक साइकिल चलाकर उन्होंने रिकॉर्ड कायम किया था.
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