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फिल्म 'आर्टिकल 15' के प्रदर्शन को लेकर छात्रों ने किया हंगामा, पुलिस ने भांजी लाठियां

फिल्म आर्टिकल 15 की ट्रेलर रिलीज होने के बाद से फिल्म का लगातार विरोध हो रहा है. कई ब्राह्मण संगठनों ने आरोप लगाया है कि फिल्म में उनकी छवि धूमिल की गई है. जबकि दलित संगठन इस फिल्म के प्रदर्शन की मांग कर रहे हैं

लाठीचार्ज करती पुलिस
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Published : Jun 30, 2019, 8:03 PM IST

पटना: फिल्म 'आर्टिकल 15' पर विवाद बढ़ता जा रहा है. राजधानी पटना के मोना सिनेमा हॉल के पास रविवार शाम छात्रों ने फिल्म के प्रदर्शन को लेकर हंगामा किया. भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया. इसमें दर्जनों छात्र जख्मी हो गए. छात्रों की माने तो वे सभी फिल्म 'आर्टिकल 15' के प्रदर्शन को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. अचानक ही पुलिस ने वहां पहुंचकर मारपीट शुरू कर दी.

ट्रेलर रिलीज के बाद से लगातार हो रहा विरोध
आर्टिकल 15 फिल्म की ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही इस फिल्म का लगातार विरोध हो रहा है. कई ब्राह्मण संगठनों ने आरोप लगाया कि फिल्म में उनकी छवि धूमिल की गई है. जबकि दलित संगठन के लोग इस फिल्म के प्रदर्शन की मांग कर रहे हैं. फिल्म की कहानी एक दलित लड़की के बलात्कार के साथ सामाजिक भेदभाव को दिखाया गया है. छात्रों की मानें तो यह दलितों पर और आज के सामाजिक नैतिक पतन पर बनी हुई फिल्म है. यह फिल्म लोगों को देखनी चाहिए.

प्रदर्शन करते छात्र

क्या है फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी यूरोप में एक लंबा दौर बिता चुके अयान रंजन के इर्द-गिर्द घुमती है. अयान अपने देश से बहुत प्यार करते हैं. वे अपने देश की दिलचस्प कहानियां अपने यूरोपियन दोस्तों को सुनाते हुए गर्व महसूस करते हैं. बाद में अयान की पोस्टिंग भारत के गांव में होती है. यहां दो लड़कियों का दुष्कर्म हुआ है और उन्हें पेड़ से लटका दिया गया है. पुलिस प्रशासन इस केस को रफा-दफा करने का भरसक प्रयास करती हैं. अयान के लिए यह एक तगड़ा कल्चरल शौक होता है. उसे अपने देश की एक अलग सच्चाई दिखाई देती है लेकिन वह इस केस की तह तक जाता है और इस पूरी यात्रा में उसे कड़वी सच्चाई का सामना करना पड़ता है.

पटना: फिल्म 'आर्टिकल 15' पर विवाद बढ़ता जा रहा है. राजधानी पटना के मोना सिनेमा हॉल के पास रविवार शाम छात्रों ने फिल्म के प्रदर्शन को लेकर हंगामा किया. भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया. इसमें दर्जनों छात्र जख्मी हो गए. छात्रों की माने तो वे सभी फिल्म 'आर्टिकल 15' के प्रदर्शन को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. अचानक ही पुलिस ने वहां पहुंचकर मारपीट शुरू कर दी.

ट्रेलर रिलीज के बाद से लगातार हो रहा विरोध
आर्टिकल 15 फिल्म की ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही इस फिल्म का लगातार विरोध हो रहा है. कई ब्राह्मण संगठनों ने आरोप लगाया कि फिल्म में उनकी छवि धूमिल की गई है. जबकि दलित संगठन के लोग इस फिल्म के प्रदर्शन की मांग कर रहे हैं. फिल्म की कहानी एक दलित लड़की के बलात्कार के साथ सामाजिक भेदभाव को दिखाया गया है. छात्रों की मानें तो यह दलितों पर और आज के सामाजिक नैतिक पतन पर बनी हुई फिल्म है. यह फिल्म लोगों को देखनी चाहिए.

प्रदर्शन करते छात्र

क्या है फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी यूरोप में एक लंबा दौर बिता चुके अयान रंजन के इर्द-गिर्द घुमती है. अयान अपने देश से बहुत प्यार करते हैं. वे अपने देश की दिलचस्प कहानियां अपने यूरोपियन दोस्तों को सुनाते हुए गर्व महसूस करते हैं. बाद में अयान की पोस्टिंग भारत के गांव में होती है. यहां दो लड़कियों का दुष्कर्म हुआ है और उन्हें पेड़ से लटका दिया गया है. पुलिस प्रशासन इस केस को रफा-दफा करने का भरसक प्रयास करती हैं. अयान के लिए यह एक तगड़ा कल्चरल शौक होता है. उसे अपने देश की एक अलग सच्चाई दिखाई देती है लेकिन वह इस केस की तह तक जाता है और इस पूरी यात्रा में उसे कड़वी सच्चाई का सामना करना पड़ता है.

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आर्टिकल 15 पर पटना में बवाल मचा हुआ है राजधानी पटना के मोना सिनेमा हॉल के पास आज छात्रों ने जमकर हंगामा किया मजबूरन पुलिस ने लाठीचार्ज कर छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर पिटाई की जिसमें दर्जनों छात्र जख्मी हो गए हैं छात्रों की माने तो मोना सिनेमा हॉल में फिल्म आर्टिकल 15 चलाने को लेकर शांति पूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे कि अचानक पुलिस वहां पहुंचकर छात्रों के साथ पिटाई करना शुरू कर दिया


Body:आर्टिकल 15 फिल्म को लेकर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, ट्रेलर रिलीज होने के बाद से इस फिल्म का लगातार विरोध हो रहा है, कई ब्राह्मण संगठनों ने आरोप लगाया कि फिल्म में उनकी छवि धूमिल की गई है, जबकि दलित संगठन के लोग इस फिल्म को सिनेमा हॉल में चलाने की बात कर रहे हैं, दरअसल इस फिल्म में एक दलित लड़की के बलात्कार के साथ सामाजिक और भेदभाव को दिखाया गया है और आज के सामाजिक परिदृश्य में नैतिक पतन को फिल्माया गया है

क्या है फिल्म की कहानी
यूरोप में एक लंबा दौर बिता चुके अयान रंजन अपने देश से बहुत प्यार करते हैं वे अपने देश की दिलचस्प कहानियों को अपने यूरोपियन दोस्तों को सुनाते हुए गर्व महसूस करते हैं बाद में आयानकी पोस्टिंग इंडिया के गांव में होती है जहां दो लड़कियों का बलात्कार हुआ है और उन्हें पेड़ से लटका दिया गया है पुलिस प्रशासन इस केस को रफा-दफा करने का भरसक प्रयास करती हैं अयान के लिए यह एक तगड़ा कल्चरल शौक होता है उसे अपने देश की एक अलग सच्चाई दिखाई देती है लेकिन वह इस केस की तरह तक जाता है और इस पूरी यात्रा में उसे कड़वी सच्चाई का सामना करना पड़ता है


Conclusion: बाहरहाल पटना में आर्टिकल 15 फिल्म को शुरू कराने आए पटना कॉलेज के दलित छात्रों पर पुलिस का लाठीचार्ज हुआ, जिसमें दर्जनों छात्र जख्मी हो गए हैं, आक्रोशित छात्रों की मानें तो यह दलितों पर और आज के सामाजिक नैतिक पतन पर बनी हुई फिल्म है जो फिल्म चलनी चाहिए और लोगों को देखनी चाहिए



बाईट-संतोष,पिडित छात्र,पटना कॉलेज
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