पटना: बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर बिहार में भी अधिवक्ता सड़कों पर उतर आए हैं. वे राजधानी की सड़कों पर पैदल मार्च कर रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर केंद्र सरकार के समक्ष कई मांगे रखी हैं. बीसीआई ने वकीलों को पेंशन, मुआवजा, आवास के लिए आर्थिक मदद समेत बजट में हर साल 50 हजार करोड़ रुपये वकीलों की सुविधाओं के लिए आवंटित करने की मांग की है.
सूबे के कई जिलों में अधिवक्ताओं ने बीसीआई के आह्वान का समर्थन करते हुए प्रदर्शन और पैदल मार्च कर डीएम को ज्ञापन सौंपा है. सैकड़ों की संख्या में उतरे अधिवक्ताओं ने साफ कर दिया है कि बीसीआई की मांगों पर केंद्र सरकार को जल्द ही फैसला लेना होगा.
मुजफ्फरपुर में अधिवक्ताओं का प्रदर्शन
मुजफ्फरपुर स्टेट बार काउंसिल ने बीसीआई के आह्वान का समर्थन किया है. इसके चलते वकीलों ने जिला कोर्ट परिसर में विरोध मार्च निकाला. वहीं, डीएम के समक्ष भी वकीलों ने विरोध प्रदर्शन कर अपनी सात सूत्रीय मांग रखी हैं. यहां अधिवक्ताओं का दो दिवसीय आंदोलन का जारी है.
सुपौल में सैकड़ों ने किया प्रदर्शन
बार काउंसिल ऑफ इंडिया का समर्थन करते हुए जिला विधिज्ञ संघ ने मांगों को लेकर पैदल मार्च निकाल कर डीएम को ज्ञापन सौंपा था. सोमवार को सुपौल कोर्ट से सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता सड़क मार्ग होते समाहरणालय पहुंचे थे. यहां उन्होंने डीएम से मिलकर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा.
तारापुर विधिज्ञ संघ का हल्ला बोल
इसी कड़ी में तारापुर विधिज्ञ संघ के अधिवक्ता न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं. इसको लेकर अधिवक्ताओ ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए एसडीओ कार्यालय के समक्ष धरना दिया. प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने केंद्र सरकार से पेंशन और बीमा सुविधा की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
भागलपुर में पीएम को ज्ञापन
भागलपुर जिला विधिज्ञ संघ के अधिवक्ताओं ने छह सूत्री मांग को लेकर समाहरणालय भागलपुर में प्रधानमंत्री के नाम से जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. महासचिव जिला विधिक संघ भागलपुर संजय मोदी ने बताया कि काफी दिनों से विधिज्ञ संघ के द्वारा लगातार कई मांगों को रखा गया है लेकिन सरकार जिला विधिक संघ की मांगों को दरकिनार कर देती रही है.
कटिहार में भी प्रदर्शन
कटिहार में भी सिविल कोर्ट कटिहार के सभी अधिवक्ता अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए और प्रदर्शन करते हुए समाहरणालय पहुंचे. यहां उन्होंने अपनी मांगों का ज्ञापन पत्र जिला पदाधिकारी को सौंपा.
ये हैं अहम मांग-
अधिवक्ताओं की मानें तो 2014 में वर्तमान सरकार ने अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए 500 करोड़ रुपए देने का वादा किया था. लेकिन वर्तमान सरकार ने अभी तक वादे को पूरा नहीं किया है. उनकी प्रमुख मांगे निम्न हैं.
⦁ सभी अधिवक्ताओं को स्टाइपेंड के रूप में 10000 रुपये प्रतिमाह दिया जाए.देश के सभी अधिवक्ताओं के लिए न्यायालय परिसर में भवन, पुस्तकालय, शौचालय आदि की व्यवस्था की जाए.
⦁ हर साल बजट में वकीलों की सुविधा के लिए 50 हजार करोड़ रुपये आवंटित करने की मांग की है.
⦁ महिलाओं के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की जाए.
⦁ अधिवक्ताओं की असामयिक मृत्यु होने पर 50 लाख का बीमा.
⦁ परिजनों को मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था मिले.
⦁ वृद्ध वकीलों को पेंशन दी जाए.