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आर्थिक समीक्षा : बीते साल ट्रेनों की टक्कर नहीं हुई, पर आग लगने की घटनाएं बढ़ी

वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान ट्रेनों की टक्कर का कोई मामला सामने नहीं आया लेकिन रेलगाड़ियों में आग लगने की घटनाओं में इजाफा हुआ. संसद में बृहस्पतिवार को पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष में ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाएं घटकर 46 पर आ गईं.

आर्थिक समीक्षा
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Published : Jul 4, 2019, 11:49 PM IST

पटना/नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 के अनुसार, देश में बीते वित्त वर्ष के दौरान ट्रेनों की टक्कर की कोई घटना नहीं हुई और ट्रेनों की बेपटरी होने की घटनाओं में भी कमी आई. लेकिन रेलगाड़ियों में आग लगने की घटनाओं में इजाफा हुआ.

आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 पेश किया. जिसके अनुसार, रेलगाड़ियों के बेपटरी होने की घटना 2016-17 में 78 से घटकर 2018-19 में 46 हो गई. हालांकि, इस दौरान ट्रेनों में आग लगने की घटनाएं बढ़कर छह पर पहुंच गईं. 2016-17 में ट्रेनों में आग की एक घटना ही हुई थी.

भारतीय रेल ने अपने ब्रॉडगेज नेटवर्क का शतप्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका मकसद आयातित डीजल तेल पर निर्भरता कम करना है.

ट्रेन हादसों के आकंड़े

रेलवे से माल ढुलाई में हुआ वृद्धि

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि एक अप्रैल 2019 तक की स्थिति के अनुसार, भारतीय रेल के पास विद्युत चालित 35,488 किलोमीटर मार्ग का नेटवर्क है, जो कुल नेटवर्क का 51.85 प्रतिशत है और 64.50 प्रतिशत माल ढुलाई करता है, जबकि 53.70 प्रतिशत कोचिंग ट्रैफिक का वहन करता है. विद्युतीकरण की गति में वृद्धि हुई है और वर्ष 2021 तक इसे बढ़ाकर 38,000 किलोमीटर करना तय किया गया है. सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान रेलवे से माल ढुलाई में 5.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक 2018-19 के दौरान रेलवे के द्वार 115.955 करोड़ टन की माल ढुलाई (कोंकण रेलवे द्वारा किए गए लदान को छोड़कर) की गई. जबकि 2016-17 की अवधि में यह आंकड़ा 110.615 करोड़ टन दर्ज किया गया था. इस प्रकार, 2016-17 के मुकाबले 2018-19 में 534.9 लाख टन, 4.83 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.

यात्रियों की संख्या में वृद्धि
आर्थिक समीक्षा के अनुसार, भारतीय रेलवे ने 122.14 करोड़ टन का राजस्व अर्जक माल भाड़ा लदान किया था जो वर्ष 217-18 के माल भाड़ा यातायात से 618.4 लाख टन की वृद्धि दशार्ता है. इस प्रकार इसमें 5.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. 2016-17 की तुलना में वर्ष 2017-18 के दौरान भारतीय रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में 2.09 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इसी प्रकार 2017-18 की तुलना में वर्ष 2018-19 में भारतीय रेलवे में यात्रा करने वालों की संख्या में 0.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

विशाखापत्तनम रहा टॉप
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि स्वच्छ रेलवे, स्वच्छ भारत, मिशन स्वच्छता पर केंद्रित है. स्वच्छ रेलवे पोर्टल के अनुसार क श्रेणी के स्टेशनों में स्वच्छता के मामले में भारत में ब्यास रेलवे स्टेशन को प्रथम स्थान हासिल हुआ है और क-1 की सूची वाले रेल स्टेशनों में 'विशाखापत्तनम' शीर्ष पर रहा. ऊर्जा और जल संरक्षण के क्षेत्र में भी रेलवे ने वास्तविक प्रयास किए हैं और ग्रीन रेटिंग हासिल करने के लिए रेलवे स्टेशनों में होड़ लगी हुई है.

इसी प्रकार ग्रीन इंडस्ट्रिज सर्टिफिकेट के जरिये भारतीय रेलवे उत्पादक ईकाइयों और वर्कशॉपों के ग्रीन ग्रीन सर्टिफिकेट को बढ़ावा दे रहा है. भारतीय रेलवे इस काम को भारतीय उद्योग परिसंघ के सहयोग से अंजाम दे रहा है. अभी तक सीआईआई द्वारा 10 रेलवे स्टेशनों, 34 वर्कशापों और 4 उत्पादक ईकाइयों को ग्रीन इंडस्ट्रिज सर्टिफिकेट मिला है.

आर्थिक समीक्षा 2018-19 में कहा गया है कि लागत प्रभावी लंबी दूरी के परिवहन के क्षेत्र में रेलवे ने उल्लेखनीय प्रगति की है. यात्रियों की सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने लिफ्ट, स्केलेटर, प्लास्टिक बोटल क्रशर मशीन, मशीन से साफ-सफाई और हाउस कीपिंग जैसे कई कदम उठाए हैं.

पटना/नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 के अनुसार, देश में बीते वित्त वर्ष के दौरान ट्रेनों की टक्कर की कोई घटना नहीं हुई और ट्रेनों की बेपटरी होने की घटनाओं में भी कमी आई. लेकिन रेलगाड़ियों में आग लगने की घटनाओं में इजाफा हुआ.

आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 पेश किया. जिसके अनुसार, रेलगाड़ियों के बेपटरी होने की घटना 2016-17 में 78 से घटकर 2018-19 में 46 हो गई. हालांकि, इस दौरान ट्रेनों में आग लगने की घटनाएं बढ़कर छह पर पहुंच गईं. 2016-17 में ट्रेनों में आग की एक घटना ही हुई थी.

भारतीय रेल ने अपने ब्रॉडगेज नेटवर्क का शतप्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका मकसद आयातित डीजल तेल पर निर्भरता कम करना है.

ट्रेन हादसों के आकंड़े

रेलवे से माल ढुलाई में हुआ वृद्धि

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि एक अप्रैल 2019 तक की स्थिति के अनुसार, भारतीय रेल के पास विद्युत चालित 35,488 किलोमीटर मार्ग का नेटवर्क है, जो कुल नेटवर्क का 51.85 प्रतिशत है और 64.50 प्रतिशत माल ढुलाई करता है, जबकि 53.70 प्रतिशत कोचिंग ट्रैफिक का वहन करता है. विद्युतीकरण की गति में वृद्धि हुई है और वर्ष 2021 तक इसे बढ़ाकर 38,000 किलोमीटर करना तय किया गया है. सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान रेलवे से माल ढुलाई में 5.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक 2018-19 के दौरान रेलवे के द्वार 115.955 करोड़ टन की माल ढुलाई (कोंकण रेलवे द्वारा किए गए लदान को छोड़कर) की गई. जबकि 2016-17 की अवधि में यह आंकड़ा 110.615 करोड़ टन दर्ज किया गया था. इस प्रकार, 2016-17 के मुकाबले 2018-19 में 534.9 लाख टन, 4.83 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.

यात्रियों की संख्या में वृद्धि
आर्थिक समीक्षा के अनुसार, भारतीय रेलवे ने 122.14 करोड़ टन का राजस्व अर्जक माल भाड़ा लदान किया था जो वर्ष 217-18 के माल भाड़ा यातायात से 618.4 लाख टन की वृद्धि दशार्ता है. इस प्रकार इसमें 5.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. 2016-17 की तुलना में वर्ष 2017-18 के दौरान भारतीय रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में 2.09 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इसी प्रकार 2017-18 की तुलना में वर्ष 2018-19 में भारतीय रेलवे में यात्रा करने वालों की संख्या में 0.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

विशाखापत्तनम रहा टॉप
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि स्वच्छ रेलवे, स्वच्छ भारत, मिशन स्वच्छता पर केंद्रित है. स्वच्छ रेलवे पोर्टल के अनुसार क श्रेणी के स्टेशनों में स्वच्छता के मामले में भारत में ब्यास रेलवे स्टेशन को प्रथम स्थान हासिल हुआ है और क-1 की सूची वाले रेल स्टेशनों में 'विशाखापत्तनम' शीर्ष पर रहा. ऊर्जा और जल संरक्षण के क्षेत्र में भी रेलवे ने वास्तविक प्रयास किए हैं और ग्रीन रेटिंग हासिल करने के लिए रेलवे स्टेशनों में होड़ लगी हुई है.

इसी प्रकार ग्रीन इंडस्ट्रिज सर्टिफिकेट के जरिये भारतीय रेलवे उत्पादक ईकाइयों और वर्कशॉपों के ग्रीन ग्रीन सर्टिफिकेट को बढ़ावा दे रहा है. भारतीय रेलवे इस काम को भारतीय उद्योग परिसंघ के सहयोग से अंजाम दे रहा है. अभी तक सीआईआई द्वारा 10 रेलवे स्टेशनों, 34 वर्कशापों और 4 उत्पादक ईकाइयों को ग्रीन इंडस्ट्रिज सर्टिफिकेट मिला है.

आर्थिक समीक्षा 2018-19 में कहा गया है कि लागत प्रभावी लंबी दूरी के परिवहन के क्षेत्र में रेलवे ने उल्लेखनीय प्रगति की है. यात्रियों की सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने लिफ्ट, स्केलेटर, प्लास्टिक बोटल क्रशर मशीन, मशीन से साफ-सफाई और हाउस कीपिंग जैसे कई कदम उठाए हैं.

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आर्थिक समीक्षा : बीते साल ट्रेनों की टक्कर नहीं हुई, पर आग लगने की घटनाएं बढ़ी

वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान ट्रेनों की टक्कर का कोई मामला सामने नहीं आया लेकिन रेलगाड़ियों में आग लगने की घटनाओं में इजाफा हुआ. संसद में बृहस्पतिवार को पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष में ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाएं घटकर 46 पर आ गईं.





 



पटना/नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 के अनुसार, देश में बीते वित्त वर्ष के दौरान ट्रेनों की टक्कर की कोई घटना नहीं हुई और ट्रेनों की बेपटरी होने की घटनाओं में भी कमी आई. लेकिन रेलगाड़ियों में आग लगने की घटनाओं में इजाफा हुआ.

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 पेश किया जिसके अनुसार, रेलगाड़ियों के बेपटरी होने की घटना 2016-17 के 78 से घटकर 2018-19 में 46 हो रह गई. हालांकि, इस दौरान ट्रेनों में आग लगने की घटनाएं बढ़कर छह पर पहुंच गईं. 2016-17 में ट्रेनों में आग की एक घटना ही हुई थी

भारतीय रेल ने अपने ब्रॉडगेज नेटवर्क का शतप्रतिशत विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका मकसद आयातित डीजल तेल पर निर्भरता कम करना है.

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि एक अप्रैल 2019 तक की स्थिति के अनुसार, भारतीय रेल के पास विद्युत चालित 35,488 किलोमीटर मार्ग का नेटवर्क है, जो कुल नेटवर्क का 51.85 प्रतिशत है और 64.50 प्रतिशत माल ढुलाई करता है, जबकि 53.70 प्रतिशत कोचिंग ट्रैफिक का वहन करता है. विद्युतीकरण की गति में वृद्धि हुई है और वर्ष 2021 तक इसे बढ़ाकर 38000 किलोमीटर करना तय किया गया है. सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान रेलवे से माल ढुलाई में 5.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक 2018-19 के दौरान रेलवे ने 115.955 करोड़ टन की माल ढुलाई (कोंकण रेलवे द्वारा किए गए लदान को छोड़कर) की गई जबकि 2016-17 की अवधि में यह आंकड़ा 110.615 करोड़ टन दर्ज किया गया था. इस प्रकार, 2016-17 के मुकाबले 2018-19 में 534.9 लाख टन, 4.83 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.

आर्थिक समीक्षा के अनुसार, भारतीय रेलवे ने 122.14 करोड़ टन का राजस्व अर्जक माल भाड़ा लदान किया था जो वर्ष 217-18 के माल भाड़ा यातायात से 618.4 लाख टन की वृद्धि दशार्ता है. इस प्रकार इसमें 5.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। 2016-17 की तुलना में वर्ष 2017-18 के दौरान भारतीय रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में 2.09 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इसी प्रकार 2017-18 की तुलना में वर्ष 2018-19 में भारतीय रेलवे में यात्रा करने वालों की संख्या में 0.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि स्वच्छ रेलवे, स्वच्छ भारत, मिशन स्वच्छता पर केंद्रित है. स्वच्छ रेलवे पोर्टल के अनुसार क श्रेणी के स्टेशनों में स्वच्छता के मामले में भारत में ब्यास रेलवे स्टेशन को प्रथम स्थान हासिल हुआ है और क-1 की सूची वाले रेल स्टेशनों में 'विशाखापत्तनम' शीर्ष पर रहा. ऊर्जा और जल संरक्षण के क्षेत्र में भी रेलवे ने वास्तविक प्रयास किए हैं और ग्रीन रेटिंग हासिल करने के लिए रेलवे स्टेशनों में होड़ लगी हुई है.

इसी प्रकार ग्रीन इंडस्ट्रिज सर्टिफिकेट के जरिये भारतीय रेलवे उत्पादक ईकाइयों और वर्कशॉपों के ग्रीन ग्रीन सर्टिफिकेट को बढ़ावा दे रहा है. भारतीय रेलवे इस काम को भारतीय उद्योग परिसंघ के सहयोग से अंजाम दे रहा है. अभी तक सीआईआई द्वारा 10 रेलवे स्टेशनों, 34 वर्कशापों और 4 उत्पादक ईकाइयों को ग्रीन इंडस्ट्रिज सर्टिफिकेट मिला है.

आर्थिक समीक्षा 2018-19 में कहा गया है कि लागत प्रभावी लंबी दूरी के परिवहन के क्षेत्र में रेलवे ने उल्लेखनीय प्रगति की है. यात्रियों की सुरक्षित यात्रा को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ने लिफ्ट, स्केलेटर, प्लास्टिक बोटल क्रशर मशीन, मशीन से साफ-सफाई और हाउस कीपिंग जैसे कई कदम उठाए हैं.




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