पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते 10 दिनों से पटना से बाहर हैं और मधेपुरा में रणनीति के तहत कैम्प बना रखा है. मुख्यमंत्री ने 2 अप्रैल से चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी. इस दौरान उन्होंने गया में प्रधानमंत्री के साथ सभा की. इसके बाद से वे हर दिन लगातार दिन में 4 से 6 सभाएं तक कर रहे हैं.
माना जा रहा है कि जो चुनावी कैंप नीतीश कुमार ने चुनावों से पहले शुरु किया था. वह अब चुनावों के बाद ही खत्म होगा. चुनावी सभाओं में नीतीश के साथ बीच-बीच में रामविलास पासवान और सुशील मोदी जैसे एनडीए के बड़े नेता भी मंच शेयर करते रहे हैं. भागलपुर में भी प्रधानमंत्री की सभा में एनडीए के सभी बड़े चेहरे नजर आए थे लेकिन अधिकांश जनसभाओं में नीतीश ही चेहरा होते हैं.
मधेपुरा में जमाया डेरा
जहां अधिकांश बड़े नेता प्रचार में सुबह जाते हैं और शाम तक पटना लौट आते हैं. वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 10 दिनों से मधेपुरा में हैं. वहां अपना अस्थाई कैम्प बना रखा है रात में भी वही रहते हैं और दिन में 4 से 6 सभाएं अलग-अलग स्थानों पर करते हैं. बिहार में ना केवल जदयू उम्मीदवारों के बल्कि बीजेपी और लोजपा उम्मीदवारों के सबसे अधिक डिमांड में नीतीश कुमार ही हैं.
ज्यादा से ज्यादा लोगों से सम्पर्क
पार्टी के नेता और चुनाव कार्यक्रम को देख रहे नवीन आर्या का कहना है कि मुख्यमंत्री ने मधेपुरा में इसलिए अस्थाई डेरा जमाया है ताकि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों से सम्पर्क साध सकें.
फायर ब्रांड नेता भी कर रहे डिमांड
जदयू नेताओं के अनुसार, नीतीश कुमार की डिमांड बीजेपी के फायर ब्रांड नेता भी खूब कर रहे हैं. पार्टी नेताओं के अनुसार जदयू के लिए दूसरा और तीसरा चरण का चुनाव महत्वपूर्ण होने के कारण नीतीश कुमार पूरी ताकत फिलहाल इन पहले दो चरणों के चुनाव पर लगा रहे हैं. आने वाले चरणों के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के सीट में भी प्रचार करेंगे.
माहिर हैं नीतीश
नीतीश चुनाव रणनीति के लिए माहिर माने जाते हैं. 2005 से लेकर 2015 तक उन की चुनावी रणनीति के कारण ही जदयू बिहार में सत्ता के केंद्र में है. उनकी चुनावी रणनीति के कायल विपक्षी नेता और विशेषज्ञ भी हैं. मुख्यमंत्री नीतीश पिछले 2 अप्रैल से 60 से अधिक जनसभा कर चुके हैं.