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पटना: सार्वजनिक जगहों पर पेयजल की नहीं है व्यवस्था, लोगों को हो रही परेशानी - sarkar

पटना के कई चौक-चौराहों पर प्रशासन की तरफ से पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं की गई. लोगों का कहना है कि वे इधर-उधर से पानी मांग कर या खरीदकर पीते हैं.

भीषण गर्मी
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Published : May 11, 2019, 8:37 PM IST

पटनाः राजधानी में लगातार बढ़ते तापमान से लोगों का हाल बेहाल है. वहीं, पटना नगर निगम की ओर से लोगो को गर्मी में राहत पहुंचाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की कितनी व्यवस्था की गई है. इसकी पड़ताल करने निकले ईटीवी भारत की टीम ने शहर के कई चौक-चौराहों पर जाकर जायजा लिया.

पटना समेत राज्य के सभी जिलों में लोग गर्मी से बेहाल हो रहे हैं. ऐसे में सरकार की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था भी पूरी तरह से नहीं नजर आई. पटना के सबसे बड़े शॉपिग कॉम्लेक्स मौर्या लोक पर पटना नगर निगम का मुख्यालय है. इस पूरे कैम्पस में एक सार्वजनिक नल लगा हुआ था. जिसके बारे में भी लोगों को नहीं पता. इस नल का गेट लगा रखा है. जिसके बारे में लोग नहीं जानते.

नगर निगम की तरफ से नहीं है व्यवस्था
कॉम्प्लेक्स में तैनात सुरक्षा कर्मी ने बताया कि जब प्यास लगती है तो निजी नल का सहारा लेते हैं. प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नजर नहीं आती. आगे बढ़ते हैं तो एक पाव भाजी वाले को भी निजी और सरकारी नल के बारे में पता ही नहीं था. वे सिर्फ नल जानते हैं.

वहीं, दूसरे दुकानदार ने निगम की तारीफ करते कहा हर ब्लॉक में पानी की व्यवस्था की गई है. यहां पानी की कोई कमी नहीं है. दुकानदार निजी नलों की गिनती करवाकर निगम की गलतियों पर पर्दा डाल रहे थे. क्योंकि वे निगम के खिलाफ बोलने से बच रहे थे. यहां आने-जाने वाले लोगों का कहना है कि वे खरीद कर पानी पीते हैं.

कारगिल चौक पर हाल
यह चौक राजधानी के प्रमुख चौक में से है. इस चौक के हालात तो मुख्यालय से भी खराब नजर आए. जहानाबाद से आये एक बुजुर्ग से पूछा कि प्यास लगती है तो कहां पानी पीते हैं. इसपर उन्होंने कहा लिट्टी खाने दुकान पर जाते हैं तो वहीं पानी पी लेते हैं. नालंदा से आए युवक ने बताया कि कहीं कोई पानी की व्यवस्था नहीं है. प्यास लगती है तो 20 रुपए का पानी खरीदकर पीते हैं.

चौक-चौराहों पर पानी की व्यवस्था

उठ रहे कई सवाल

बता दें कि इस चौक से एक छोर पटना विश्वविद्यालय, राज्य का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल पीएमसीएच और पटना सिटी को जाता है. तो वहीं, दूसरी की सड़क लोगों को पटना जंक्शन ले जाती है. तीसरी ओर सड़क गोलघर, बांसघाट होते हुए दानापुर जाते है. इस चौक की चौथी सड़क गंगा घाट और जिलाधिकारी कार्यालय ले जाती है. बहरहाल पटना नगर निगम स्मार्ट सिटी की रैंकिंग की सुधार को लेकर कई तरह के कदम भले ही उठाये जा रहे हों. लेकिन राजधानी पटना के सार्वजनिक स्थानों पर इस भीषण गर्मी में भी पेयजल की व्यवस्था न होना कई सवाल खड़े करती है.

पटनाः राजधानी में लगातार बढ़ते तापमान से लोगों का हाल बेहाल है. वहीं, पटना नगर निगम की ओर से लोगो को गर्मी में राहत पहुंचाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की कितनी व्यवस्था की गई है. इसकी पड़ताल करने निकले ईटीवी भारत की टीम ने शहर के कई चौक-चौराहों पर जाकर जायजा लिया.

पटना समेत राज्य के सभी जिलों में लोग गर्मी से बेहाल हो रहे हैं. ऐसे में सरकार की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था भी पूरी तरह से नहीं नजर आई. पटना के सबसे बड़े शॉपिग कॉम्लेक्स मौर्या लोक पर पटना नगर निगम का मुख्यालय है. इस पूरे कैम्पस में एक सार्वजनिक नल लगा हुआ था. जिसके बारे में भी लोगों को नहीं पता. इस नल का गेट लगा रखा है. जिसके बारे में लोग नहीं जानते.

नगर निगम की तरफ से नहीं है व्यवस्था
कॉम्प्लेक्स में तैनात सुरक्षा कर्मी ने बताया कि जब प्यास लगती है तो निजी नल का सहारा लेते हैं. प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नजर नहीं आती. आगे बढ़ते हैं तो एक पाव भाजी वाले को भी निजी और सरकारी नल के बारे में पता ही नहीं था. वे सिर्फ नल जानते हैं.

वहीं, दूसरे दुकानदार ने निगम की तारीफ करते कहा हर ब्लॉक में पानी की व्यवस्था की गई है. यहां पानी की कोई कमी नहीं है. दुकानदार निजी नलों की गिनती करवाकर निगम की गलतियों पर पर्दा डाल रहे थे. क्योंकि वे निगम के खिलाफ बोलने से बच रहे थे. यहां आने-जाने वाले लोगों का कहना है कि वे खरीद कर पानी पीते हैं.

कारगिल चौक पर हाल
यह चौक राजधानी के प्रमुख चौक में से है. इस चौक के हालात तो मुख्यालय से भी खराब नजर आए. जहानाबाद से आये एक बुजुर्ग से पूछा कि प्यास लगती है तो कहां पानी पीते हैं. इसपर उन्होंने कहा लिट्टी खाने दुकान पर जाते हैं तो वहीं पानी पी लेते हैं. नालंदा से आए युवक ने बताया कि कहीं कोई पानी की व्यवस्था नहीं है. प्यास लगती है तो 20 रुपए का पानी खरीदकर पीते हैं.

चौक-चौराहों पर पानी की व्यवस्था

उठ रहे कई सवाल

बता दें कि इस चौक से एक छोर पटना विश्वविद्यालय, राज्य का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल पीएमसीएच और पटना सिटी को जाता है. तो वहीं, दूसरी की सड़क लोगों को पटना जंक्शन ले जाती है. तीसरी ओर सड़क गोलघर, बांसघाट होते हुए दानापुर जाते है. इस चौक की चौथी सड़क गंगा घाट और जिलाधिकारी कार्यालय ले जाती है. बहरहाल पटना नगर निगम स्मार्ट सिटी की रैंकिंग की सुधार को लेकर कई तरह के कदम भले ही उठाये जा रहे हों. लेकिन राजधानी पटना के सार्वजनिक स्थानों पर इस भीषण गर्मी में भी पेयजल की व्यवस्था न होना कई सवाल खड़े करती है.

Intro:राजधानी पटना में लगातार बढ़ते तापमान से लोगो का हाल बेहाल है...वही पटना नगर निगम की ओर से लोगो को गर्मी में राहत पहुचाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की कितनी व्यवस्था की गई है...इसकी पड़ताल करने निकले ईटीवी भारत की टीम को चौकानें वाले सच्चाई से सामना हुआ।


Body:पटना समेत राज्य के सभी जिलों में आसमान से मानो आग वर्ष रहा हो.गर्मी इतनी की लोग बेहाल हो रहे है...वही मौसम विभाग की माने तो मई के पहले हप्ते में जिस तरह की गर्मी पड़ रही है...ऐसी गर्मी पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ रही है।वही पटना नगर निगम की ओर से पब्लिक प्लेस पर पीने के पानी की क्या व्यवस्था उसका पड़ताल किया ईटीवी भारत के संवाददाता विक्की कुमार ने।

सबसे पहले पीने के पानी की तलाश में पटना के सबसे बड़े शॉपिग कॉम्लेक्स मौर्या लोक पहुँचे जहां पटना नगर निगम का मुख्यालय है...इस पूरे कैम्पस में हमे एक भी नल नही देखा..जहां लोग अपनी प्यास बुझा सके..वही इस काम्प्लेक्स में सुरक्षा में तैनात कर्मी ने बताया जब हमें प्यास लगती है...तो निजी नल पर जाकर अपनी प्यास बुझते है..क्योंकि यहां पर पेयजल की कही कोई व्यवस्था नही है।

हम अपनी पड़ताल में आगे बढ़ते है..वहां के दुकानदारों से जानने की कोशिश करते है...इस काम्प्लेक्स में पीने की पानी क्या व्यवस्था है..सबसे पहले हम पाउ भाजी की दुकान पर काम कर रहे कर्मी से बात की तो उसने बताया कि कुछ नल है..वही जाकर पानी पीते है...वही दूसरे दुकानदार ने निगम की तारीफ करते कहा हर ब्लॉक में पानी की व्यवस्था यहा पानी की कोई कमी नही है..जब हम दुकानदार के दावे की सच्ची जानी तो दुकानदारों की दावों की पोल खुल गई...दुकानदार निजी नलों की गिनती कराकर निगम की गलतियों पर पर्दा डाल रहे थे...क्योंकि निगम के खिलाफ बोलकर पंगा नही लेना चाहते।वही वहां खड़ी एक निजी गाड़ी के चालक से पूछा जब आपको प्यास लगती है..कहा पानी पीते है..तो उन्होंने कहा यहां तो पानी खरीद कर पीना पड़ता है...क्योंकि यहां पर पानी की कही कोई व्यवस्था नही है।

हमे अपनी के दूसरे पड़ाव करगिल चौक पर पहुँचते है...यह चौक राजधानी पटना के प्रमुख्य चौक में एक है...यहा से एक छोर पटना विश्वविद्यालय,राज्य का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल पीएमसीएच और पटना सिटी को जाता है...तो वही दूसरी की सड़क लोगो को पटना जक्शन ले जाती है...वही तीसरी ओर सड़क गोलघर,बांसघाट होते हुए दानापुर जाते है...वही इस चौक की चौथी सड़क गंगा घाट और जिलाधिकारी कार्यालय ले जाती है।

इस चौक की हालात तो मुख्यालय से खराब निकली..जहानाबाद से आये एक बुजुर्ग से जब हमने पूछा कि प्यास लगती है...कहा पानी पीते है..तो उन्होंने जब लिट्टी खाने दुकान पर जाते है तो वही पानी पीते है..वही नालंदा से आये युवक ने बताया कही कोई पानी की व्यवस्था नही..जब प्यास लगती है तो 20 रुपया पानी खरीदकर बुझनी पड़ती है।

बहरहाल पटना नगर निगम स्मार्ट सिटी की रैंकिंग की सुधार को लेकर कई तरह के कदम भले ही उठाये जा रहे हो..लेकिन जब राजधानी पटना के सार्वजनिक स्थानों पर इस भीषण गर्मी में भी पीने की पानी की व्यवस्था नही होना निगम के क्रियाकलापो सवाल तो उठना लाजमी है।



Conclusion:
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