पटनाः राजधानी में लगातार बढ़ते तापमान से लोगों का हाल बेहाल है. वहीं, पटना नगर निगम की ओर से लोगो को गर्मी में राहत पहुंचाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की कितनी व्यवस्था की गई है. इसकी पड़ताल करने निकले ईटीवी भारत की टीम ने शहर के कई चौक-चौराहों पर जाकर जायजा लिया.
पटना समेत राज्य के सभी जिलों में लोग गर्मी से बेहाल हो रहे हैं. ऐसे में सरकार की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था भी पूरी तरह से नहीं नजर आई. पटना के सबसे बड़े शॉपिग कॉम्लेक्स मौर्या लोक पर पटना नगर निगम का मुख्यालय है. इस पूरे कैम्पस में एक सार्वजनिक नल लगा हुआ था. जिसके बारे में भी लोगों को नहीं पता. इस नल का गेट लगा रखा है. जिसके बारे में लोग नहीं जानते.
नगर निगम की तरफ से नहीं है व्यवस्था
कॉम्प्लेक्स में तैनात सुरक्षा कर्मी ने बताया कि जब प्यास लगती है तो निजी नल का सहारा लेते हैं. प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नजर नहीं आती. आगे बढ़ते हैं तो एक पाव भाजी वाले को भी निजी और सरकारी नल के बारे में पता ही नहीं था. वे सिर्फ नल जानते हैं.
वहीं, दूसरे दुकानदार ने निगम की तारीफ करते कहा हर ब्लॉक में पानी की व्यवस्था की गई है. यहां पानी की कोई कमी नहीं है. दुकानदार निजी नलों की गिनती करवाकर निगम की गलतियों पर पर्दा डाल रहे थे. क्योंकि वे निगम के खिलाफ बोलने से बच रहे थे. यहां आने-जाने वाले लोगों का कहना है कि वे खरीद कर पानी पीते हैं.
कारगिल चौक पर हाल
यह चौक राजधानी के प्रमुख चौक में से है. इस चौक के हालात तो मुख्यालय से भी खराब नजर आए. जहानाबाद से आये एक बुजुर्ग से पूछा कि प्यास लगती है तो कहां पानी पीते हैं. इसपर उन्होंने कहा लिट्टी खाने दुकान पर जाते हैं तो वहीं पानी पी लेते हैं. नालंदा से आए युवक ने बताया कि कहीं कोई पानी की व्यवस्था नहीं है. प्यास लगती है तो 20 रुपए का पानी खरीदकर पीते हैं.
उठ रहे कई सवाल
बता दें कि इस चौक से एक छोर पटना विश्वविद्यालय, राज्य का सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल पीएमसीएच और पटना सिटी को जाता है. तो वहीं, दूसरी की सड़क लोगों को पटना जंक्शन ले जाती है. तीसरी ओर सड़क गोलघर, बांसघाट होते हुए दानापुर जाते है. इस चौक की चौथी सड़क गंगा घाट और जिलाधिकारी कार्यालय ले जाती है. बहरहाल पटना नगर निगम स्मार्ट सिटी की रैंकिंग की सुधार को लेकर कई तरह के कदम भले ही उठाये जा रहे हों. लेकिन राजधानी पटना के सार्वजनिक स्थानों पर इस भीषण गर्मी में भी पेयजल की व्यवस्था न होना कई सवाल खड़े करती है.