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गाइडलांइस की धज्जियां उड़ा रहे सरकारी प्रोजेक्ट, बिना ग्रीन कवर के चल रहा काम - प्रदूषित शहर

लोेहिया पथ निर्माण कार्य बिना किसी ग्रीन कवर के चल रहा है. जबकि गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भी कंस्ट्रक्शन का काम चाहे वो सरकारी हो या निजी बिना ग्रीन कवर ढके नहीं होगा.

लोहिया पथ निर्माण कार्य
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Published : Feb 28, 2019, 8:59 AM IST

पटनाः कुछ दिनों पहले जारी एक रिपोर्ट के अनुसार पटना देश के टॉप प्रदूषित शहरों में शामिल है. प्रदूषण लेवल कम करने के लिए पेड़-पौधे लगाने के साथ-साथ बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गाइ़़डलाइंस भी जारी किए थे. लेकिन शहर में सरकारी प्रोजेक्ट में ही सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

राजधानी में सरकारी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे लोहिया पथ निर्माण कार्य बिना किसी ग्रीन कवर के चल रहा है. जबकि गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भी कंस्ट्रक्शन का काम चाहे वो सरकारी हो या निजी बिना ग्रीन कवर ढके नहीं होगा.

नियम तोड़ रहे सरकारी प्रोजेक्ट

प्रदूषण नियंत्रण के लिए जारी गाइडलाइंस
⦁ निर्माण सामग्री का ढंककर ट्रांसपोर्टेशन.
⦁ सभी तरह के निर्माण के दौरान ग्रीन कवर का प्रयोग.
⦁ बड़ी संख्या में पौधारोपण.
⦁ नदी किनारे ग्रीन कवर बढ़ाना.
⦁ सड़कों के किनारे फुटपाथों को टाइल्स से ढंकना.
⦁ 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को परिचालन से बाहर करना.
⦁ पाल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट सभी वाहनों के लिए सख्ती से लागू करना.

पटनाः कुछ दिनों पहले जारी एक रिपोर्ट के अनुसार पटना देश के टॉप प्रदूषित शहरों में शामिल है. प्रदूषण लेवल कम करने के लिए पेड़-पौधे लगाने के साथ-साथ बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गाइ़़डलाइंस भी जारी किए थे. लेकिन शहर में सरकारी प्रोजेक्ट में ही सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

राजधानी में सरकारी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे लोहिया पथ निर्माण कार्य बिना किसी ग्रीन कवर के चल रहा है. जबकि गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भी कंस्ट्रक्शन का काम चाहे वो सरकारी हो या निजी बिना ग्रीन कवर ढके नहीं होगा.

नियम तोड़ रहे सरकारी प्रोजेक्ट

प्रदूषण नियंत्रण के लिए जारी गाइडलाइंस
⦁ निर्माण सामग्री का ढंककर ट्रांसपोर्टेशन.
⦁ सभी तरह के निर्माण के दौरान ग्रीन कवर का प्रयोग.
⦁ बड़ी संख्या में पौधारोपण.
⦁ नदी किनारे ग्रीन कवर बढ़ाना.
⦁ सड़कों के किनारे फुटपाथों को टाइल्स से ढंकना.
⦁ 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को परिचालन से बाहर करना.
⦁ पाल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट सभी वाहनों के लिए सख्ती से लागू करना.

Intro:पटना में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये लगातार प्रयास हो रहे हैं। पौधे लगाने के साथ सड़क किनारे सभी फुटपाथों को टाइल्स लगाकर ढंका जा रहा है। लेकिन दूसरी तरफ सरकारी काम में ही नियम कानूनों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। एक खास रिपोर्ट


Body:कुछ दिन पहले तक वायु प्रदूषण को लेकर पटना देश भर में टाप पर था। वायु प्रदूषण और खासकर पीएम 2.5 लेवल को जबरदस्त हाय तौबा मची थी। इसके बाद बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् ने सभी सरकारी एजेंसियों को गाइडलाइंस जारी की। इन गाइडलाइंस पर काम भी शुरु हुआ जिसका असर कुछ हद तक होता दिखाई दिया।
लेकिन एक बार फिर राजधानी में सरकारी प्रोजेक्ट में ही जमकर गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिनके कारण एक बार फिर पटना में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।
पटना में ऐसे ही एक बड़े सरकारी निर्माण कार्य का जायजा लिया पटना सहयोगी अमित वर्मा ने।


Conclusion:प्रदूषण नियंत्रण के लिये गाइडलाइंस -

1. निर्माण सामग्री का ढंककर ट्रांसपोर्टेशन
2. सभी तरह के निर्माण के दौरान ग्रीन कवर का प्रयोग
3. बड़ी संख्या में पौधारोपण
4. नदी किनारे ग्रीन कवर बढ़ाना
5. सड़कों के किनारे फुटपाथों को टाइल्स से ढंकना
6. 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को परिचालन से बाहर करना
7. पाल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट सभी वाहनों के लिए सख्ती से लागू करना।
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