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PMCH दवा खरीद घोटाला मामले में 14 लोगों पर आरोप तय - पटना

पीएमसीएच में वर्ष 2008-09 और 2009-10 में दवा केमिकल और मशीनरी की खरीदारी में भारी अनियमितता पाई गई थी.दवा लोकल कंपनी के माध्यम से खरीदी गई थी.

पीएमसीएच घोटाला
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Published : May 2, 2019, 9:04 AM IST

पटनाः सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में दवा और मशीन खरीद घोटाला मामले में निगरानी कोर्ट ने 14 लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. जिनके खिलाफ आरोप तय किए गए हैं उनमें पीएमसीएच के कई डॉक्टर और ड्रग इंस्पेक्टर शामिल हैं. निगरानी कोर्ट के वकील नंदी सिंह ने इसकी जानकारी दी है.

पीएमसीएच में साल 2008-09 और 2009-10 में दवा केमिकल और मशीनरी की खरीदारी में भारी अनियमितता पाई गई थी. दवा लोकल कंपनी के माध्यम से खरीदी गई थी. जिसमें सरकार को 12 करोड़ 63 लाख 62 हजार 970 रूपये की राजस्व हानी हुई थी. पीएमसीएच के 2008-09 और 2009-10 के दो सुपरिटेंडेंट डॉक्टर अंजनी कुमार सिंह और डॉक्टर ओम प्रकाश चौधरी पर आरोप तय किए गए हैं.

निगरानी कोर्ट ने सुनाया फैसला

ये था मामला
पीएमसीएच में बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर दवा खरीदारी करने का आरोप लगा था. सामाजिक कार्यकर्ता गुड्डू बाबा ने इसको लेकर निगरानी कोर्ट में याचिका दायर की थी. बताया जा रहा है कि लोकल कंपनी के माध्यम से खरीद हुई थी.

निगरानी कोर्ट ने जून 2014 में इस मामले की जांच शुरू की थी. 27 फरवरी 2015 को निगरानी ने चार्जशीट दाखिल कर दिया था. मामले में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी. 14 लोगों पर आरोप तय हुए. जिसमें एक आरोपी तत्कालीन सर्जिकल इंचार्ज रघुनाथ शरण के खिलाफ कोर्ट ने वारंट भी जारी कर दिया है.

पटनाः सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में दवा और मशीन खरीद घोटाला मामले में निगरानी कोर्ट ने 14 लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. जिनके खिलाफ आरोप तय किए गए हैं उनमें पीएमसीएच के कई डॉक्टर और ड्रग इंस्पेक्टर शामिल हैं. निगरानी कोर्ट के वकील नंदी सिंह ने इसकी जानकारी दी है.

पीएमसीएच में साल 2008-09 और 2009-10 में दवा केमिकल और मशीनरी की खरीदारी में भारी अनियमितता पाई गई थी. दवा लोकल कंपनी के माध्यम से खरीदी गई थी. जिसमें सरकार को 12 करोड़ 63 लाख 62 हजार 970 रूपये की राजस्व हानी हुई थी. पीएमसीएच के 2008-09 और 2009-10 के दो सुपरिटेंडेंट डॉक्टर अंजनी कुमार सिंह और डॉक्टर ओम प्रकाश चौधरी पर आरोप तय किए गए हैं.

निगरानी कोर्ट ने सुनाया फैसला

ये था मामला
पीएमसीएच में बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर दवा खरीदारी करने का आरोप लगा था. सामाजिक कार्यकर्ता गुड्डू बाबा ने इसको लेकर निगरानी कोर्ट में याचिका दायर की थी. बताया जा रहा है कि लोकल कंपनी के माध्यम से खरीद हुई थी.

निगरानी कोर्ट ने जून 2014 में इस मामले की जांच शुरू की थी. 27 फरवरी 2015 को निगरानी ने चार्जशीट दाखिल कर दिया था. मामले में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी. 14 लोगों पर आरोप तय हुए. जिसमें एक आरोपी तत्कालीन सर्जिकल इंचार्ज रघुनाथ शरण के खिलाफ कोर्ट ने वारंट भी जारी कर दिया है.

Intro: अस्पताल पीएमसीएच दवा खरीद घोटाला मामला :-

सूबे के सबसे बडे अस्पताल पीएमसीएच में दवा खरीद घोटाले में
निगरानी कोर्ट ने 14 के खिलाफ आरोप किए तय

पीएमसीएच में वर्ष 2008-09 एवं 2009-10 में दवा केमिकल और मशीनरी की खरीदारी में भारी अनियमितता पाई गई थी, और लोकल कंपनी के माध्यम से खरीद की हुई थी जिसमें सरकार को 12 करोड 63 लाख 62 हजार 970 रूपये की राजस्व हानी हुई थी।


Body: सूबे के सबसे बडे अस्पताल पीएमसीएच में दवा और मशीनरी खरीद घोटाले मामले में निगरानी कोर्ट ने 14 लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिया है। जिन लोगों के खिलाफ आरोप गठन किया गया है उनमें पीएमसीएच के कई तत्कालीन डॉक्टर और ड्रग इंस्पेक्टर शामिल हैं, आपको बता दें कि आरोप तय किए गए लोगों में पीएमसीएच के दो तत्कालीन सुपरिटेंडेंट डॉक्टर अंजनी कुमार सिंह और डॉक्टर ओम प्रकाश चौधरी शामिल है। साथ ही इनके अलावा तत्कालीन डिप्टी सुपरिटेंडेंट गणेश प्रसाद सिंह नेफ्रोलॉजी के एचओडी डॉक्टर विनोद कुमार सिंह एवं ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरोमणि और अशोक कुमार यादव के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। विषधारी ठाकुर विष्णु प्रसाद आनंद विहारी, सुनील कुमार गुप्ता, सुधीर कुमार, विजय नारायण राय और शिव इंद्र प्रसाद के खिलाफ भी आरोप तय किया गया है। निगरानी के वकील नंदी सिंह ने इसकी जानकारी दी है। सामाजिक कार्यकर्ता गुड्डू बाबा ने इसको लेकर निगरानी कोर्ट में याचिका दायर की थी आपको बता दें कि पीएमसीएच में वर्ष 2008 -09 एवं 2009-2010 में केमिकल और मशीनरी की खरीदगी में भारी अनियमितता पाई गई थी। बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर सभी की खरीदारी करने का आरोप लगा था बताया जा रहा है कि लोकल कंपनी के माध्यम से खरीद हुई थी जिसमें ₹12 करोड 63 लाख 62 हजार 970 रूपये की राजस्व की हानी हूई थी।


Conclusion:गौरतलब है कि निगरानी ने जून 2014 में इसको लेकर जांच शुरू किया था, 27 फरवरी 2015 को निगरानी चार्जशीट दाखिल कर दिया था इसको लेकर 15 लोगों के खिलाफ निगरानी ने चार्जशीट दायर किया था। 14 लोगों पर आरोप गठित कर दिया गया है एक आरोपी तत्कालीन सर्जिकल इंचार्ज रघुनाथ शरण के खिलाफ कोर्ट ने वारंट भी जारी कर दिया गया है

नोट:-याचिकाकर्ता के द्वारा मिले पत्र के आधारित खबर
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