पटना: आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव रहते भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है. ईडी ने अपनी कार्रवाई में आय अधिक संपत्ति का पता लगाया था. संजीव हंस की गिरफ्तारी भी हुई. इसके बाद ही केंद्रीय कार्मिक विभाग की अनुमति के बाद बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने सेवा से निलंबित का आदेश जारी कर दिया है.
संजीव हंस निलंबित: संजीव हंस को अक्टूबर 2024 के प्रभाव से निलंबित किया गया है. संजीव हंस पीएमएलए की धाराओं के तहत ईडी के केस में जेल में बंद हैं. ईडी ने संजीव हंस को अक्टूबर में गिरफ्तार किया था.
ईडी ने किया था गिरफ्तार: संजीव हंस को गिरफ्तार करने से पहले उनके कई ठिकानों पर लगातार ईडी ने छापेमारी की थी, जिसमें बड़े पैमाने पर संपत्ति का पता चला था. लोक सेवक नियमावली के अनुसार कोई सरकारी सेवक 48 घंटे या इससे अधिक समय तक किसी आरोप में जेल में रहता है तो निलंबित माना जाएगा.
23 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त: आईएएस अधिकारी संजीव हंस मामले में भी यही नियम लागू हुआ है. ईडी ने संजीव हंस के साथ पूर्व विधायक गुलाब यादव पर भी कार्रवाई की थी और उनके भी कई ठिकानों पर छापेमारी किया था. इस केस में पूर्व विधायक गुलाब यादव भी गिरफ्तार हो चुके हैं. ईडी ने संजीव हंस के 23 करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त किया है.
मनी लॉन्ड्रिंग और दुष्कर्म का आरोपः बता दें संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. इसी मामले में ईडी की कार्रवाई हो रही है. इसके साथ ही दुष्कर्म का भी आरोप है.
महिला वकील से दुष्कर्म का आरोप: दोनों पर एक महिला वकील के साथ दुष्कर्म का आरोप है. महिला वकील ने आरोप लगाया था कि उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देकर वीडियो बनाकर वायरल कर दिया गया था. इसके बाद ब्लैकमेल कर बराबर शोषण किया जाता था. साल 2021 में महिला ने कोर्ट में केस दर्ज कराया था.
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