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आर्थिक सर्वेक्षण : 21 करोड़ घरों में बिजली पहुंची, एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा

भोजन पकाने के ईंधन के रूप में एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा है, रिपोर्टों में यह भी बताया गया कि शहरों में भोजन बनाने के लिए एलपीजी ईंधन का एक प्राथमिक स्रोत है.

एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा
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Published : Jul 4, 2019, 11:59 PM IST

पटना/नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 7 करोड़ घर एलपीजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब मुख्य काम घरों में खाना पकाने के लिए एलपीजी के निरंतर इस्तेमाल से स्वच्छ ऊर्जा को सुनिश्चित करना है. इसके लिए एलपीजी के रिफिलिंग को निरंतर जारी रखने की बात कही गई है.

100 फीसदी विद्युतीकरण की लक्ष्य प्राप्ति
इसमें यह भी कहा गया है कि 21.44 करोड़ घरों तक बिजली पहुंचने के साथ ही भारत ने करीब 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है. केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 संसद में पेश की.

एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा

LGP का बढ़ा इस्तेमाल
आर्थिक समीक्षा के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर भोजन पकाने के लिए एलपीजी की स्वीकार्यता है. भोजन पकाने के ईंधन के रूप में एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा है, रिपोर्टों में यह भी बताया गया कि शहरों में भोजन बनाने के लिए एलपीजी ईंधन का एक प्राथमिक स्रोत है.

सब्सिडी लिकेज को रोकने के लिए एलपीजी उपभोक्ता के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना (डीबीटीएल) जिसे 'पहल' के नाम से भी जाना जाता है, 15 नवंबर 2014 को देश के 54 जिलों में लॉन्च की गई थी. 5 मार्च 2019 के मुताबिक 24.39 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता अब इस योजना से जुड़ चुके हैं. 'पहल' को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ योजना के तौर पर दर्ज किया गया है.

पटना/नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 7 करोड़ घर एलपीजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब मुख्य काम घरों में खाना पकाने के लिए एलपीजी के निरंतर इस्तेमाल से स्वच्छ ऊर्जा को सुनिश्चित करना है. इसके लिए एलपीजी के रिफिलिंग को निरंतर जारी रखने की बात कही गई है.

100 फीसदी विद्युतीकरण की लक्ष्य प्राप्ति
इसमें यह भी कहा गया है कि 21.44 करोड़ घरों तक बिजली पहुंचने के साथ ही भारत ने करीब 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है. केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 संसद में पेश की.

एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा

LGP का बढ़ा इस्तेमाल
आर्थिक समीक्षा के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर भोजन पकाने के लिए एलपीजी की स्वीकार्यता है. भोजन पकाने के ईंधन के रूप में एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा है, रिपोर्टों में यह भी बताया गया कि शहरों में भोजन बनाने के लिए एलपीजी ईंधन का एक प्राथमिक स्रोत है.

सब्सिडी लिकेज को रोकने के लिए एलपीजी उपभोक्ता के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना (डीबीटीएल) जिसे 'पहल' के नाम से भी जाना जाता है, 15 नवंबर 2014 को देश के 54 जिलों में लॉन्च की गई थी. 5 मार्च 2019 के मुताबिक 24.39 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता अब इस योजना से जुड़ चुके हैं. 'पहल' को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ योजना के तौर पर दर्ज किया गया है.

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भोजन पकाने के ईंधन के रूप में एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा है, रिपोर्टों में यह भी बताया गया कि शहरों में भोजन बनाने के लिए एलपीजी ईंधन का एक प्राथमिक स्रोत है.



आर्थिक सर्वेक्षण : 21 करोड़ घरों में बिजली पहुंची, एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा

 



पटना/नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 7 करोड़ घर एलपीजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब मुख्य काम घरों में खाना पकाने के लिए एलपीजी के निरंतर इस्तेमाल से स्वच्छ ऊर्जा को सुनिश्चित करना है. इसके लिए एलपीजी के रिफिलिंग को निरंतर जारी रखने की बात कही गई है.

इसमें यह भी कहा गया है कि 21.44 करोड़ घरों तक बिजली पहुंचने के साथ ही भारत ने करीब 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है. केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 संसद में पेश की.

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर भोजन पकाने के लिए एलपीजी की स्वीकार्यता है. भोजन पकाने के ईंधन के रूप में एलपीजी का इस्तेमाल बढ़ा है, रिपोर्टों में यह भी बताया गया कि शहरों में भोजन बनाने के लिए एलपीजी ईंधन का एक प्राथमिक स्रोत है.

सब्सिडी लिकेज को रोकने के लिए एलपीजी उपभोक्ता के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना (डीबीटीएल) जिसे 'पहल' के नाम से भी जाना जाता है, 15 नवंबर 2014 को देश के 54 जिलों में लॉन्च की गई थी. 5 मार्च 2019 के मुताबिक 24.39 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता अब इस योजना से जुड़ चुके हैं. 'पहल' को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ योजना के तौर पर दर्ज किया गया है.




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