बक्सर: बिहार के बक्सर में विधवा महिला और प्रेमी की शादी (Marriage ceremony Of widowed Woman) बड़े ही धूमधाम के साथ हुई. ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के रक्षा नगर गांव में एक महिला मुस्कान के पति की मृत्यु के बाद एक युवक से प्यार हो गया. परिजनों के इस रिश्ते से इंकार के बाद भी दारोगा ने दोनों की शादी उनके परिजनों के सामने ही कराई.
ये भी पढ़ें- लड़की के पिता ने दर्ज कराया केस तो प्रेमी जोड़े ने कहा- 'एक-दूसरे से प्यार करते हैं हम, चाहिए सुरक्षा'
बच्चे की मां है विधवा महिला: पहली शादी के बाद महिला का दो साल का बच्चा भी है. महिला को अपने दो साल के बच्चे के साथ जीवन अकेले काटना बहुत ही विवश कर रहा था. उसी समय महिला की पहचान ब्रह्मपुर गांव के स्थानीय निवासी सूरज कुमार साह से हो गई. दोनों में काफी देर तक फोन पर बातचीत बढ़ने लगी. दोनों एक दूसरे के साथ रहना पसंद करने लगे. दोनों में मेल-जोल के बाद एक दूसरे के लिए प्यार बढ़ गया. इसकी जानकारी मिलने के बाद दोनों के घरवालों से रिश्ते से मना कर दिया.
घर से निकलकर दोनों हुए फरार: दोनों एक साथ ही गांव से निकले और वहां से जमशेदपुर पहुंच गए. इधर घरवालों ने महिला और पुरुष के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया कि वे दोनों जमशेदपुर में हैं. वहां से दोनों को लाकर पुलिस ने पूछताछ किया. उसी समय महिला ने बताया कि हमदोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं. दोनों शादी भी करना चाहते हैं. लेकिन घरवाले नहीं मान रहे हैं. इसी लिए घर छोड़कर भाग गए थे.
थानेदार ने किया कन्यादान, सहायक थानेदार बना बराती: ब्रह्मपुर थानाध्यक्ष बैजनाथ चौधरी ने खुद सभी रस्मों को निभाते हुए बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर में भगवान भोलेनाथ को साक्षी मानकर दोनों की शादी करा दी. इस दौरान बाराती बने सहायक थानेदार समेत अन्य पुलिस कर्मियो का भी जोरदार तरीके से स्वागत किया गया. मंदिर परिसर में उपस्थित महिलाओं ने मांगलिक गीतों को गाकर माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया.
थानेदार ने खुद की सैलरी से दिया दुल्हन को विदाई: थानाध्यक्ष की तरफ से मंदिर में उपस्थित सभी लोगों के बीच मिठाईयां बांटी गई. शादी के बाद विदाई के समय थानाध्यक्ष ने दुल्हन को उसके नए घर के लिए उपहार स्वरूप मिठाई देकर विदाई भी किया. थानाध्यक्ष के इस अनोखी पहल की पूरे थाने में काफी चर्चा हो रही है. उनकी सराहना भी हो रही है.
सबको जीवन जीने का है अधिकार: पत्रकारों के सवाल पर थानाध्यक्ष ने कहा कि सभी को अपना जीवन जीने का अधिकार है. जब किसी का जीवन बेरंग हो जाए, तब उसमें दोबारा रंग भरना कतई गलत नहीं है. इस विवाह में सहायक थानाध्यक्ष रमन राउत, सब इंस्पेक्टर गंगा दयाल ओझा समेत अन्य पुलिस के जवानों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.