बक्सर: द ग्रेट खली के सानिध्य में वर्ल्ड हेलिवेट टैग टीम चैम्पियनशिप (World Heavyweight Tag Team Championship) जीतने वाले बक्सर के रेसलर रूद्र राहुल कुशवाहा (Buxar wrestler Rudra Rahul Kushwaha) का अपने शहर में जोरदार स्वागत किया गया. उनके स्वागत के लिए बक्सर रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक पहुंचे थे. उसके बाद कोइरपुरवा स्थित कुशवाहा मैरेज हॉल में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया. जहां नगर परिषद के पूर्व मुख्य पार्षद मीना सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता हिटलर सिंह, जयराम सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे.
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रूद्र राहुल कुशवाहा का बक्सर में स्वागत: वहीं, अपने जोरदार स्वागत पर रूद्र ने प्रसन्नता जाहिर की. उन्होंने कहा कि चैंपियनशिप उन्होंने मई में ही जीती थी लेकिन पहली बार बक्सर पहुंचने पर उनका इस तरह से स्वागत किया जाना मेरे लिए गर्व की बात है. राहुल ने बताया कि वह बिहार के अभी पहले प्रोफेशनल रेसलर हैं, जिनके साथ राजस्थान के प्रदीप सैनी ने भी दिया है. उन्होंने वर्ल्ड स्तर की चैंपियनशिप जीती है. इस रेसलिंग के फाइनल में अपने निकटतम रहे अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी हिमाचल प्रदेश के सूर्या टेकर और पंजाब के हरमन सिंह को पराजित कर इस खिताब को अपने नाम किया है.
रूद्र ने बताया कि घरवालों की इच्छा थी कि वह पढ़-लिखकर किसी प्रतियोगी परीक्षा को हासिल कर एक अच्छा अधिकारी बन देश और समाज हित में काम करें. स्नातक की पढ़ाई पूरा करने के बाद वह आंखों में उज्जवल भविष्य का सपना लिए पटना और दिल्ली में रहकर कई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. कोरोना महामारी ने पूरे दुनिया में तबाही मचा दी. लॉकडाउन के समय यह भी अपने गांव कोनौली चले आए. यहां लगभग दो-तीन महीना रहने के बाद पढ़ाई नहीं होने की वजह से मन नहीं लग रहा था. मन के अंदर कुछ और ही करने का जज्बा था. एक अच्छे खिलाड़ी के तौर पर देश का नाम रौशन करने का सपना लिए वह इंटरनेट की दुनिया से रेसलर संस्थान का पता ढूंढने लगे. जानकारी मिलते ही वह पंजाब के जालंधर जा पहुंचे. जहां दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली के संस्थान में अपना नामांकन करा लिया. इसके बाद से ही इसने बहुत काफी कठिन परिश्रम किया.
राजपुर प्रखंड के कोनौली के रहने वाले हैं रूद्र: इस खेल को सीखने में रूद्र को कई बड़ी कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा. कई बार इन्हें शरीर पर गंभीर चोटें भी आई. इसके बावजूद इलाज एवं खेल दोनों अनवरत जारी रखा. जिसका परिणाम यह हुआ महज एक वर्ष में ही द ग्रेट खली के नेतृत्व में इतने बड़े सम्मान को हासिल कर लिया.आज यह उस संस्थान में द ग्रेट खली के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में से एक हैं. जो अभी भी दुनिया के कई देशों में खेलने के लिए अभ्यासरत हैं. बेटे की सफलता पर पिता वंश नारायण सिंह भी काफी खुश हैं. रूद्र जिले के राजपुर प्रखंड के कोनौली के रहने वाले हैं.
"बचपन से ही टीवी शो पर रेसलिंग एवं बॉक्सिंग खेल को देखा करता था, तब कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं इस खेल का हिस्सा बनूंगा. लोगों का प्यार देखकर बहुत अच्छा लग रहा है. आगे भी कोशिश करूंगा कि अच्छा खेलूं"- रूद्र राहुल कुशवाहा, रेसलर