बक्सर: जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत गंगा फ्लड कंट्रोल कमीशन में मेंबर कोऑर्डिनेशन चन्द्र कुमार लाल दास बक्सर दौरे पर पहुंचे. जहां उन्होंने 1960 के दशक में बने बक्सर कोइलवर तटबन्ध का निरीक्षण किया. इस दौरान वह बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से जिले के सिमरी प्रखंड अंतर्गत केशोपुर में किये गए कटाव रोधी कार्य से असंतुष्ट दिखे. उन्होंने कहा कि मानव जीवन के साथ खिलवाड़ करना अपराध है. इस लापरवाही के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि 25 अगस्त को कटाव को लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से खबर दिखाई थी. जिसके बाद निरिक्षण का कार्य किया गया.
कोईलवर तटबंध का निरीक्षण
बिहार के 14 जिले में बाढ़ से मची तबाही को देखते हुए डीएम अमन समीर के निर्देश पर जिले के 5 प्रखंड चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर में बाढ़ नियंत्रण विभाग के देखरेख में 10 एजेंसियों की ओर से कटाव रोधी कार्य किया गया था. लेकिन बाढ़ आने से पहले ही 24 अगस्त को 15 मिनट की बारिश में सिमरी प्रखंड के केशवपुर पंचायत में किया गया कटाव रोधी कार्य गंगा में समाहित हो गया. इस खबर को ईटीवी भारत की ओर से 25 अगस्त को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद डीएम ने मामले को संज्ञान लेते हुए 26 अगस्त को एडीएम और एसडीएम को जांच का आदेश दिया. इसके बाद 30 अगस्त को खुद एसपी के साथ उक्त स्थान पर पहुंचकर निरिक्षण किया.
कार्य में बरती गई लापरवाही
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के फ्लड कंट्रोल कमीशन के मेंबर कोर्डिनेशन चन्द्र कुमार लाल दास ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ बक्सर कोईलवर तटबंध का निरीक्षण किया. इस दौरान बाढ़ नियंत्रण विभाग के स्थानीय अधीक्षण अभियंता संजय कुमार श्रीवास्तव ने दिल्ली से आये अधिकारी को गुमराह करने के लिए केवल उसी जगह का कटाव रोधी कार्य दिखाया. जंहा विभाग की ओर से ठीक काम किया गया था. लेकिन देर रात जैसे ही ईटीवी संवाददाता ने सिमरी प्रखंड के केशपुर पंचायत में किये गए कटाव रोधी कार्य के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मुझे उस जगह पर नहीं ले जाया गया है. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप घोर अनियमितता हुई है और यह गलती माफ नहीं की जाएगी. साथ ही कहा कि अगर ऐसे समय में बाढ़ आ जाती तो न जाने कितने लोगों को नुकसान झेलना पड़ता.