बक्सर: केंद्रीय राज्यमंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने कांग्रेस के झंडे पर सवाल उठाया (Ashwini Choubey raised questions on Congress flag) है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का झंडा भारत का झंडा है और वो जनता की आवाज आपलोग के सामने रख रहा हूं कि तिरंगा झंडा में कोई भी चिन्ह नहीं लगना चाहिए. तिरंगा झंडा भारत का है. भारत का अभिमान है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वो चुनाव आयोग से कहेंगे कि तिरंगा झंडा के अंदर ये कैसे इन्होंने हाथ दे दिया. तिरंगा झंडा में हाथ देने का किसी को भी पावर नहीं हैं.
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"कांग्रेस का झंडा भारत का झंडा है और मैं जनता की आवाज आपलोग के सामने रख रहा हूं कि तिरंगा झंडा में कोई भी चिन्ह नहीं लगना चाहिए. तिरंगा झंडा भारत का अभिमान है. मैं चुनाव आयोग से कहूंगा कि तिरंगा झंडा के अंदर ये कैसा इन्होंने हाथ दे दिया. तिरंगा झंडा में हाथ देने का किसी को भी पावर नहीं हैं. इस पर पहले ही चुनाव आयोग को विचार करना चाहिए. भारत का तिरंगा झंडा देश के लिए है. कांग्रेस का नहीं है. जिसने देश को लुटा, आज ऐसे ही लोग देश में फांसीवाद और भ्रष्टाचार का ढिढ़ोरा पिट रहे हैं."- अश्विनी चौबे, केंद्रीय राज्य मंत्री
केंद्रीय मंत्री पर बरसे कांग्रेस विधायक : केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस अश्विनी चौबे पर भड़क गई. बक्सर से कंग्रेस विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने इस मुद्दे पर केंद्रीय राज्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए मानसिक आरोग्यशाला जाने की बात कह दी. संजय तिवारी ने कहा कि हिंदू धर्म में कहा जाता है कि सत्तर की उम्र के बाद दिमाग का संतुलन बिगड़ने लगता है. ऐसे में इनका मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है. इन्हें मानसिक आरोग्यशाला में जाकर अपनी इलाज करानी चाहिए.
"आजादी के समय से ही कंग्रेस को चरखे के निशान वाला तिरंगा मिला हुआ है. 1979 में इसे पंजे निशान वाला झंडा मिला. बीजेपी के ही अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. अभी नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह हैं. पैंतालीस-अड़तालीस साल हो गया. ये लोग कोई ब्लेम नहीं किये. ऐसे में अब इनका ब्लेम करना निश्चित रूप से मानसिक दिवालियापन है. इनको जाकर अपना इलाज करावाना चाहिए."- संजय तिवारी, कांग्रेस विधायक, बक्सर