बक्सर: जिले के डुमरांव अनुमंडल में वीर सपूतों की याद में 101 मीटर लम्बी तिरंगा यात्रा निकाली गई. 16 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 4 वीर सपूतों ने शहादत दे दी थी. जिनको श्रद्धांजलि देने के लिए हर वर्ष तिरंगा यात्रा निकाली जाती है.
वीर सपूतों को किया याद
16 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते हुए डुमराव के चार वीर सपूतों ने देश के लिए अपनी शहादत दे दी थी. जिनकी याद में लोगों ने 101 मीटर लम्बी तिरंगा यात्रा निकाली. इस यात्रा में शामिल लोगों ने बताया कि1942 में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए चार वीर सपूतों ने शहादत दे दी थी. इसलिए हर साल तिरंगा यात्रा निकाली जाती है. तिरंगे का आकार हर वर्ष बड़ा होता जाता है. एक दिन ऐसा भी आएगा कि तिरंगा का आकार इतना बड़ा होगा कि इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज होगा.
सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम
वहीं इस तिरंगा यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इतंजाम किये गये थे. एसडीओ हरेंद्र राम और डीएसपी के.के सिंह ने बताया कि डुमराव शहर के ट्रैफिक रुट को डायवर्ट कर दिया गया है. जगह- जगह मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये गए हैं.
भारत छोड़ो आंदोलन
बात भारत की शहादत की हो तो डुमराव के चार वीर सपूतों की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता. 1942 में जब अग्रेंजी सेना भारतीयों की आवाज को दबा रही थी, तभी उनसे मुक्त कराने के लिए इन वीर सपूतों ने मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहूति दे दी. 1947 से आजादी मिलने के बाद से हर साल इन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली जाती है.