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बक्सर: वीर सपूतों की याद में निकाली गई 101 मीटर लम्बी तिरंगा यात्रा

1942 में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए चार वीर सपूतों ने देश के लिए शहादत दे दी थी. जिनकी याद में 101 मीटर लम्बी तिरंगा यात्रा निकाली गई. साथ ही उनको श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

तिरंगा यात्रा
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Published : Aug 16, 2019, 5:43 PM IST

बक्सर: जिले के डुमरांव अनुमंडल में वीर सपूतों की याद में 101 मीटर लम्बी तिरंगा यात्रा निकाली गई. 16 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 4 वीर सपूतों ने शहादत दे दी थी. जिनको श्रद्धांजलि देने के लिए हर वर्ष तिरंगा यात्रा निकाली जाती है.

101 meter long tricolor journey
101 मीटर लम्बा तिरंगा

वीर सपूतों को किया याद
16 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते हुए डुमराव के चार वीर सपूतों ने देश के लिए अपनी शहादत दे दी थी. जिनकी याद में लोगों ने 101 मीटर लम्बी तिरंगा यात्रा निकाली. इस यात्रा में शामिल लोगों ने बताया कि1942 में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए चार वीर सपूतों ने शहादत दे दी थी. इसलिए हर साल तिरंगा यात्रा निकाली जाती है. तिरंगे का आकार हर वर्ष बड़ा होता जाता है. एक दिन ऐसा भी आएगा कि तिरंगा का आकार इतना बड़ा होगा कि इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज होगा.

tricolor
तिरंगा यात्रा में शामिल लोग

सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम
वहीं इस तिरंगा यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इतंजाम किये गये थे. एसडीओ हरेंद्र राम और डीएसपी के.के सिंह ने बताया कि डुमराव शहर के ट्रैफिक रुट को डायवर्ट कर दिया गया है. जगह- जगह मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये गए हैं.

शहीदों की याद में निकाली गई 101 मीटर लम्बी तिरंगा यात्रा

भारत छोड़ो आंदोलन

बात भारत की शहादत की हो तो डुमराव के चार वीर सपूतों की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता. 1942 में जब अग्रेंजी सेना भारतीयों की आवाज को दबा रही थी, तभी उनसे मुक्त कराने के लिए इन वीर सपूतों ने मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहूति दे दी. 1947 से आजादी मिलने के बाद से हर साल इन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली जाती है.

tribute to brave sons
वीर सपूतों को दी गई श्रद्धांजलि

बक्सर: जिले के डुमरांव अनुमंडल में वीर सपूतों की याद में 101 मीटर लम्बी तिरंगा यात्रा निकाली गई. 16 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 4 वीर सपूतों ने शहादत दे दी थी. जिनको श्रद्धांजलि देने के लिए हर वर्ष तिरंगा यात्रा निकाली जाती है.

101 meter long tricolor journey
101 मीटर लम्बा तिरंगा

वीर सपूतों को किया याद
16 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते हुए डुमराव के चार वीर सपूतों ने देश के लिए अपनी शहादत दे दी थी. जिनकी याद में लोगों ने 101 मीटर लम्बी तिरंगा यात्रा निकाली. इस यात्रा में शामिल लोगों ने बताया कि1942 में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए चार वीर सपूतों ने शहादत दे दी थी. इसलिए हर साल तिरंगा यात्रा निकाली जाती है. तिरंगे का आकार हर वर्ष बड़ा होता जाता है. एक दिन ऐसा भी आएगा कि तिरंगा का आकार इतना बड़ा होगा कि इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज होगा.

tricolor
तिरंगा यात्रा में शामिल लोग

सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम
वहीं इस तिरंगा यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इतंजाम किये गये थे. एसडीओ हरेंद्र राम और डीएसपी के.के सिंह ने बताया कि डुमराव शहर के ट्रैफिक रुट को डायवर्ट कर दिया गया है. जगह- जगह मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये गए हैं.

शहीदों की याद में निकाली गई 101 मीटर लम्बी तिरंगा यात्रा

भारत छोड़ो आंदोलन

बात भारत की शहादत की हो तो डुमराव के चार वीर सपूतों की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता. 1942 में जब अग्रेंजी सेना भारतीयों की आवाज को दबा रही थी, तभी उनसे मुक्त कराने के लिए इन वीर सपूतों ने मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहूति दे दी. 1947 से आजादी मिलने के बाद से हर साल इन वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए तिरंगा यात्रा निकाली जाती है.

tribute to brave sons
वीर सपूतों को दी गई श्रद्धांजलि
Intro:बक्सर जिला के डुमरांव अनुमंडल में निकाला गया 101 मीटर लम्बा तिरंगा यात्रा,16 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 4 बीर सपूतो ने अंग्रेजो से लड़ते हुए दे दी थी,शहादत।।


Body:16 अगस्त सन 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंग्रेजी हुकूमत से लड़ते हुए,बक्सर जिला के डुमराव अनुमंडल के चार वीर सपूतों ने अपनी शहादत दे थी । जिनके याद में आज डुमराँव अनुमंडल वासियो द्वारा 101 मीटर लम्बा तिरंगा यात्रा निकाला गया ,इस तिरंगा यात्रा में शामिल लोगो ने बताया कि 1942 में अंग्रेजो से लोहा लेते हुए हमारे 4 वीर सपूतों ने अपनी शहादत दे दी थी । जिनके याद में प्रत्येक साल तिरंगा यात्रा निकाला जाता है,जिसका आकर पिछले साल से बड़ा होता है। एक दिन वह भी आएगा जब हमारा तिरंगा का आकार इतना बड़ा होगा कि हम अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज करा सकेंगे।

byte- स्थानीय

वही इस तिरंगा यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात एसडीओ हरेंद्र राम,एवं डीएसपी के के सिंह ने तिरंगा यात्रा की जनकारी देते हुए बताया कि डुमराव शहर का ट्रैफिक रुट डायवर्ट कर दिया गया,जगह जगह मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के साथ ही, सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है,


Conclusion:गौरतलब है,की देश की आजदी के लिए बक्सर से उठी चिंगारी ने राष्ट्रीय स्तर के नेताओ को इतना प्रभावित किया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 5 बार बक्सर आना पड़ा
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