बक्सर: विश्व में 20 मार्च को गौरैया दिवस के रूप में मनाया जाता है. गौरैया संरक्षण के लिए सरकार लोगों की जागरूक करने की कोशिश कर रही है. लेकिन प्रदूषण के वजहों से इनकी प्रजाति खत्म होने की कगार पर है.
देश में एक-दो दशक पहले से गौरैया विलुप्त हो रही पक्षी की श्रेणी में आ गई है. भारत सहित यूरोप के कई देशों में भी इसकी संख्या लगातार कम होती जा रही है. नीदरलैंड ने गौरैया को दुर्लभ प्रजाति के श्रेणी में शामिल कर लिया है. इसे देखते हुए गौरैया संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 20 मार्च 2010 से पूरे विश्व गौरैया दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.
बता दें गौरैया को पासेरादेई परिवार की सदस्य मानी जाती है. इसे वीवर फिंच फैमिली का भी लोग प्रजाति मानते हैं. इसकी लंबाई 14 से 16 सेमी तक की होती है. इसका वजन 25 से 32 ग्राम तक होता है. गौरैया एकबार में तीन अंडे ही देती है. यह झुंड में रहने वाली यह पक्षी 2 मील तक भोजन की तलाश में जा सकती है.
गौरैया पर डाक टिकट जारी है
दिल्ली सरकार ने 2012 में इसे राज्य पक्षी घोषित किया. गौरैया के प्रति जागरूकता लाने के लिए ही भारतीय डाक विभाग ने 9 जुलाई 2010 को गौरैया पर डाक टिकट जारी कर चुका है. लोगों को गौरैया के लिए भोजन और रहने के लिए स्थान बचा कर इनके संरक्षण करने के लिए कदम उठानी चाहिए.