बक्सर: मेडिकल में प्रवेश के लिए आयोजित हुई नीट परीक्षा (NEET UG 2022) में बक्सर जिले की बेटी ने सफलता हासिल कर अपने जिले और गांव का मान बढ़ाया है. कठिन परिश्रम व गुरुजनों के आशीर्वाद से मुकाम हासिल करने वाली किसान की बेटी प्रीति कुमारी (Priti Kumari From Buxar) की सफलता पर परिवार और दोस्तो के साथ पूरे गांव में खुशी का माहौल है. नीट यूजी का रिजल्ट (NEET Result 2022) कल देर रात घोषित किया गया था. जिसमें कोटा की तनिष्का ने देश भर में टॉप किया.
यह भी पढ़ें: NEET Topper 2022: नीट में पटना के अक्षत रंजन ने मारी बाजी, बताया अपनी सफलता का राज
किसान की बेटी ने बाजी मारी: जिले के चौसा निवासी प्रीति के पिता दीनबंधु सिंह किसान है, तो वही माँ मीरा देवी एक सफल गृहणी ह. प्रीति अपनी सफलता का श्रेय पूरे परिवार के साथ सबसे ज्यादा अपनी मां को देती है. कोटा में रहकर कोचिग करने वाले प्रीति को उनके माँ मीरा देवी ने सबसे ज्यादा प्रेरित करने के साथ ही हौसला बढ़ाया. प्रीति ने कहा कि बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था. जिसकी तैयारी के लिए माता-पिता ने काफी सहयोग किया. माँ पढ़ी लिखी नहीं है, लेकिन वे मुझे खूब पढ़ना चाहती थी.
प्रीती ने 614 अंक प्राप्त की: प्रीति कुमारी का प्राथमिक शिक्षा बक्सर के डीएवी स्कूल से पूरी हुई थी. वहीं इंटरमीडिएट महर्षि च्यवन महाविद्यालय से की. उसके बाद नीट में सफलता के लिए वह पहले वराणसी में तैयारी की. जहां से सफलता नहीं मिलने पर माता-पिता ने कोटा भेज दिया. प्रीति ने बताया कि कोरोना काल की वजह से पढ़ाई बाधित होने के कारण 2021 में सफलता नहीं मिल पाई. लेकिन दूसरी बार कड़ी मेहनत के कारण सफलता मिल गई. 700 में 614 अंक प्राप्त की है. प्रीति को पूरे देश में रैंक 6159 आया है.
गांव में है उत्सव का माहौल: प्रीति के गांव में खुशी का माहौल है. प्रीति का आगे का लक्ष्य एमबीबीएस के बाद गांव में अस्पताल खोलकर गरीब और असहाय लोगो को सुविधा देने का है. बेटी की सफलता पर किसान दीनबंधु सिंह के आंखों में चमक साफ दिखाई दे रहा है. किसान पिता ने वीडियो जारी कर कहा कि यह हमारे माता-पिता का आशीर्वाद और बेटी की कड़ी मेहनत का नतीजा है कि उसे सफलता प्राप्त हुई है. अपनी बेटी पर आज काफी गर्व महसूस कर रहा हूं. साथ ही गांव के लोगों में काफी खुशी माहौल है.
सुबह से ही फोन पर गांव वालों की बधाइयां मिल रही है. उन्होंने कहा कि हमने कभी भी अपने बच्चो पर यह दबाव नहीं बनाया कि तुम्हें डाक्टर नही इंजीनयर बनना है. बेटी का बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना है. जिसको लेकर हमलोग हमेशा तैयार रहें.