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बक्सर: लाखों रुपये की लागत से बने पोस्टमार्टम हाउस में लटक रहा है ताला

अस्पताल में वर्षों पुराने एक छोटे कमरे में बने पोस्टमार्टम हाउस से निजात पाने के लिए विभाग ने नए आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण कराया था. जिसे वेंटिलेटशन की व्यवस्था नहीं होने से बंद करना पड़ा.

लाखों रुपये की लागत से बने पोस्टमार्टम हाउस में लट रहा है ताला
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Published : Oct 24, 2019, 1:29 PM IST

बक्सर: जिले में स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधाओं का घोर अभाव है. केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग वेंटीलेटर पर है. यहां के सदर अस्पताल में लाखों रुपये की लागत से बने नए पोस्टमार्टम हाउस में ताला लटका हुआ है.

तीन पोस्टमार्टम के बाद से बंद है नया पोस्टमार्टम हाउस
अस्पताल में वर्षों पुराने एक छोटे कमरे में बने पोस्टमार्टम हाउस से निजात पाने के लिए विभाग ने नए आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण कराया था. इसमें शव को रखने के लिए मोर्चरी भी बनाये गए हैं लेकिन मात्र तीन पोस्टमार्टम करने के बाद इसे बंद करना पड़ गया.

लाखों रुपये की लागत से बने पोस्टमार्टम हाउस में लट रहा है ताला

नहीं है वेंटिलेटशन की कोई व्यवस्था
यहां पहला पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सह जिले के प्रभारी सिविल सर्जन भूपेन्द्र नाथ ने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस तो बन गया लेकिन उसमे न ए.सी लगाई गई और न हीं वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई. जिससे शव से उठने वाले दुर्गंध में काम करना असंभव हो जाता है. इसी वजह से वे लोग पुराने पोस्टमार्टम हाउस में ही पोस्टमार्टम करते हैं.

buxar
प्रभारी सिविल सर्जन भूपेन्द्र नाथ

लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था निर्माण
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के निर्देश पर जिले के 8 हेल्थ वेलनेस सेंटर के साथ अस्पताल में टेली मेडिसिन सेवा और नए पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण कराया गया था.

बक्सर: जिले में स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधाओं का घोर अभाव है. केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग वेंटीलेटर पर है. यहां के सदर अस्पताल में लाखों रुपये की लागत से बने नए पोस्टमार्टम हाउस में ताला लटका हुआ है.

तीन पोस्टमार्टम के बाद से बंद है नया पोस्टमार्टम हाउस
अस्पताल में वर्षों पुराने एक छोटे कमरे में बने पोस्टमार्टम हाउस से निजात पाने के लिए विभाग ने नए आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण कराया था. इसमें शव को रखने के लिए मोर्चरी भी बनाये गए हैं लेकिन मात्र तीन पोस्टमार्टम करने के बाद इसे बंद करना पड़ गया.

लाखों रुपये की लागत से बने पोस्टमार्टम हाउस में लट रहा है ताला

नहीं है वेंटिलेटशन की कोई व्यवस्था
यहां पहला पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सह जिले के प्रभारी सिविल सर्जन भूपेन्द्र नाथ ने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस तो बन गया लेकिन उसमे न ए.सी लगाई गई और न हीं वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई. जिससे शव से उठने वाले दुर्गंध में काम करना असंभव हो जाता है. इसी वजह से वे लोग पुराने पोस्टमार्टम हाउस में ही पोस्टमार्टम करते हैं.

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प्रभारी सिविल सर्जन भूपेन्द्र नाथ

लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था निर्माण
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के निर्देश पर जिले के 8 हेल्थ वेलनेस सेंटर के साथ अस्पताल में टेली मेडिसिन सेवा और नए पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण कराया गया था.

Intro:केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज मंत्री के संसदीय क्षेत्र का नया पोस्टमार्टम हाउस में सुविधाओं का घोर अभाव ,उदघाटन के बाद मात्र तीन पोस्टमार्टम कर नए पोस्टमार्टम हाउस को किया गया बन्द,अब पुराने पोस्टमार्टम हाउस में ही किया जा रहा है,पोस्टमार्टम


Body:केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य बिभाग खुद ही भेंटीलेटर पर है, जिलां में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर सरकार द्वारा नए नए बिल्डिंग,से लेकर सेंटर तक बनाये जा रहे है,लेकिन इन स्वास्थ्य केंद्रों पर सुविधाओ का घोर अभाव होने के कारण अब बिभागीय पदाधिकारी भी पुराने पद्धति पर ही काम कर रहे है। दर्शल यह पूरा मामला पुराने सदर अस्पताल में स्थित पोस्टमार्टम हाउस से जुड़ा हुआ है। जहाँ बर्षो पुराना एक छोटे कमरा के पोस्टमार्टम हाउस से निजात पाने के लिए बिभाग के द्वारा लाखो रुपये की लागत से आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस का निर्माण कराया गया , जिसमे शव को रखने के लिए मोर्चरी भी बनाये गए है। लेकिन उदघाटन के बाद मात्र तीन पोस्टमार्टम करने के बाद अब इस पोस्टमार्टम हाउस को बंद करना पड़ गया है,वही इस मामले को लेकर नए पोस्टमार्टम हाउस में ,पहला पोस्टमार्टम करने वाला डॉक्टर सह बक्सर जिलां के प्रभारी सिविल सर्जन भूपेन्द्र नाथ से पूछा गया तो इन्होंने कहा कि,पोस्टमार्टम हाउस तो बन गया लेकिन बिभाग के द्वारा उसमे न तो ऐसी लगाया गया, और नही भेंटीलेटर की व्यवस्था किया गया , जिसके कारण शव से उठने वाला दुर्गंध में काम करना असंभव है,इस लिए हम लोग पुराने वाले घर मे ही पोस्टमार्टम करते है,क्योकि उसमे ऐसी तो नही है लेकिन दुर्गंध बाहर निकलने का रास्ता है।


byte भूपेन्द्र नाथ, प्रभारी सिविल सर्जन बक्सर


Conclusion:गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान अपना पीठ थपथपाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के निर्देश के बाद बिभाग ने जिलां में 8 हेल्थ वेलनेस सेंटर के साथ ही जिलां अस्पताल में टेली मेडिसिन सेवा एवं नए,पोस्टमार्टम हाउस को चालू तो करा दिया लेकिन उदघाटन के बाद से ही ये तमाम सेंटर भेंटीलेटर पर अपना अंतिम सांस ले रहा है,सवाल ये है,की जब बिभागीय तैयारी नही थी ,उसके बाद भी उदघाटन के नाम पर क्यो कोरम पुरा कर दिया गया।
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