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धार्मिक मंच पर बिछी 'सियासी बिसात', क्या आने वाले वक्त में बदलेगी बक्सर की राजनीति? - अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन का सियासी एंगल

4 से 10 मार्च तक बक्सर में अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन सह 251 कुण्डीय श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ (International Religion Conference in Buxar) का आयोजन किया गया. इस दौरान धर्म से जुड़े लोगों के साथ-साथ सियासी नेताओं का भी जमावड़ा लगा रहा. जिस वजह से इस बात की सुगबुगाहट भी तेज होने लगी है कि क्या आने वाले वक्त में कोई नया समीकरण देखने को मिल सकता है.

धार्मिक मंच पर बिछी 'सियासी बिसात'
धार्मिक मंच पर बिछी 'सियासी बिसात'
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Published : Mar 12, 2022, 12:23 PM IST

बक्सर: वैसे तो धार्मिक नगरी बक्सर के खरवानिया में वैष्णव संप्रदाय के महान संत श्री रामानुजाचार्य के सहस्त्र जन्म दिवस के अवसर पर सिद्ध संत श्री त्रिदंडी स्वामी के शिष्य लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन (International Religion Conference in Buxar) का आयोजन किया. जिसमें न केवल भारतवर्ष के विभिन्न मठों के सैकड़ों संत शामिल हुए, बल्कि विश्व के कोने-कोने में अधिष्ठापित मठों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन के मंच पर कहीं न कहीं बक्सर के लिए बिछ रही नई राजनीतिक विसात भी दिखी. धर्म सम्मेलन के मंच पर कई राजनेता भी शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान एक-एक कर राजनेताओं के पहुंचने का दौर जो प्रारंभ हुआ, वह खूब चला.

ये भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जीत पर बोले अश्विनी चौबे- UP में चला बाबा का बुलडोजर

धार्मिक मंच पर बिछी 'सियासी बिसात': जमुई सांसद चिराग पासवान, हुलास पांडेय, यूपी बीजेपी नेता दया शंकर सिंह, एनडीए के एमएलसी उम्मीदवार राधाचरण सेठ, पूर्व मंत्री छेदी पासवान, बीजेपी नेता नेता मनोज तिवारी और केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे (Union Minister of State Ashwini Choubey) सहित दर्जनों नेता यहां पहुंचे थे. इसके साथ ही सवाल उठने लगे हैं कि क्या बक्सर की राजनीति में नए राजनीतिक समीकरण की शुरुआत होने जा रही है.

धार्मिक आयोजन में नेताओं का जुटान: ईटीवी भारत से बताचीत करते हुए कार्यक्रम के मुख्य आयोजक मिथिलेश पाठक ने कहा कि यह तो धार्मिक आयोजन है और अगर कोई (नेता) आ रहा है तो उसे कैसे मना किया जा सकता है. आने वाले तमाम लोग बोल रहें हैं कि हम बस स्वामीजी का दर्शन करके आए हैं. ऐसे में हमलोगों का जो स्वभाव है, उसके मुताबिक हम उनको रोक नहीं सकतें हैं. हर इंसान को धार्मिक होना चाहिए.

'राजनीतिक नहीं धार्मिक मंच': इस कार्यक्रम के दौरान लोगों की भीड़ से उत्साहित मिथिलेश पाठक ने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतना अच्छी रिस्पॉन्स मिलेगा. लोगों का बहुत ही प्यार मिल रहा है. हालांकि यह राजनीतिक मंच नहीं है पर राजनीतिक लोग आ रहे हैं. यह धार्मिक आयोजन ही है, इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए. वैसे मेरे मन में बक्सर के लिए बहुत कुछ है. बक्सर के विकास के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूं. गुजरात में मेरा सफल व्यवसाय है लेकिन मैं बक्सर का धरतीपुत्र हूं, इसलिए यहां के प्रति मेरा मेरा कर्तव्य है.

ये भी पढ़ें: बक्सर में अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन का हुआ समापन, रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी स्मृति समारोह पर किया गया था आयोजन

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बक्सर: वैसे तो धार्मिक नगरी बक्सर के खरवानिया में वैष्णव संप्रदाय के महान संत श्री रामानुजाचार्य के सहस्त्र जन्म दिवस के अवसर पर सिद्ध संत श्री त्रिदंडी स्वामी के शिष्य लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन (International Religion Conference in Buxar) का आयोजन किया. जिसमें न केवल भारतवर्ष के विभिन्न मठों के सैकड़ों संत शामिल हुए, बल्कि विश्व के कोने-कोने में अधिष्ठापित मठों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन के मंच पर कहीं न कहीं बक्सर के लिए बिछ रही नई राजनीतिक विसात भी दिखी. धर्म सम्मेलन के मंच पर कई राजनेता भी शिरकत करने पहुंचे. इस दौरान एक-एक कर राजनेताओं के पहुंचने का दौर जो प्रारंभ हुआ, वह खूब चला.

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धार्मिक आयोजन में नेताओं का जुटान: ईटीवी भारत से बताचीत करते हुए कार्यक्रम के मुख्य आयोजक मिथिलेश पाठक ने कहा कि यह तो धार्मिक आयोजन है और अगर कोई (नेता) आ रहा है तो उसे कैसे मना किया जा सकता है. आने वाले तमाम लोग बोल रहें हैं कि हम बस स्वामीजी का दर्शन करके आए हैं. ऐसे में हमलोगों का जो स्वभाव है, उसके मुताबिक हम उनको रोक नहीं सकतें हैं. हर इंसान को धार्मिक होना चाहिए.

'राजनीतिक नहीं धार्मिक मंच': इस कार्यक्रम के दौरान लोगों की भीड़ से उत्साहित मिथिलेश पाठक ने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतना अच्छी रिस्पॉन्स मिलेगा. लोगों का बहुत ही प्यार मिल रहा है. हालांकि यह राजनीतिक मंच नहीं है पर राजनीतिक लोग आ रहे हैं. यह धार्मिक आयोजन ही है, इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए. वैसे मेरे मन में बक्सर के लिए बहुत कुछ है. बक्सर के विकास के लिए बहुत कुछ करना चाहता हूं. गुजरात में मेरा सफल व्यवसाय है लेकिन मैं बक्सर का धरतीपुत्र हूं, इसलिए यहां के प्रति मेरा मेरा कर्तव्य है.

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