बक्सर: देश के किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए पीएम मोदी ने किसानों को बड़ी सौगात देते हुए 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' की शुरुआत की थी. जिसके बाद प्रदेशभर के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई थी. इस योजना के तहत जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि थी, उनको प्रतिवर्ष 6 हजार की राशी मिलने का प्रावधान था. लेकिन, सरकार की ये महत्वकांक्षी योजना अधिकारियों की फाइलों में सिमट कर रह गई. जिस वजह से किसानों की उम्मीद की किरणों पर आंसुओं की बरसात हो गई.
92 हजार किसानों ने किया था आवेदन
बताया जा रहा है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए जिले से 92 हजार किसानों ने अपना आवेदन ऑनलाइन किया था. जिसके बाद जांच सत्यापन का कार्य संपन्न होने के बाद यह योजना कृषी अधिकारियों की लापरवाही के वजह से फाइलों में दब कर रह गई. जिस वजह से जिले के किसान कृषि कार्य को छोड़कर अधिकारियों के दफ्तर में चक्कर लगा रहे हैं.
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कृषि अधिकारी की कार्यशैली की होगी जांच- मंत्री
प्रदेश की सरकार में पर्यटन मंत्री सह बक्सर के प्रभारी मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि इन दिनों जिले के दौरे पर है. ऐसे में जब किसानों ने इस मामलें में मंत्री से शिकायत की तो उन्होंने बताया कि यह मामला आज ही मेरे संज्ञान में आया है. जिला कृषि अधिकारी की लापरवाही सामने आ रही है. कृषि अधिकारी की कार्यशैली का जांच करवाई जाएगी. जिसके बाद लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी.
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योजना जमीन पर फेल- कांग्रेस विधायक
इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने कांग्रेस से सदर विधायक मुन्ना तिवारी से बात की तो उन्होंने कहा कि भ्रष्ट कृषि अधिकारियों के वजह से किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकार इन अधिकारियों की जांच कर इनपर कार्रवाई करे. यह योजना जमीन पर पूरी तरह से फेल है.
क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना?
पीएम किसान सम्मान निधि योजना का ऐलान पीएम मोदी सरकार के अंतरिम बजट के दौरान किया गया था. इस योजना के तहत देश के छोटे किसानों को उनके बैंक खाते में हर साल 6 हजार की सहायता राशि देने का प्रावधान था. यह योजना 1 दिसंबर 2018 से पूरे देश में लागू है. योजना में पहले आर्थीक रूप से कमजोर किसानों को राशी देने का नियम था, लेकिन बाद में केंद्र सरकार नें इसे देश के सभी किसानों को राशी देने का ऐलान किया था.