बक्सरः जिला में कुत्ता और बंदरों द्वारा काटे जाने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सदर अस्पताल में रोजाना 80 से 100 की सख्यां में ये मरीज इलाज के लिए आते हैं. इसके बावजूद नगर परिषद की ओर से इसके लिए अबतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
इन दिनों बक्सर में जिलावासी आवारा कुत्ते और बंदरों के आतंक से परेशान हैं. आए दिन हो रहे बंदर और कुत्ते के हमले में अब तक हजारों लोग जख्मी हो चुके हैं. उसके बाद भी न तो अब तक नगर परिषद और न ही जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया है. इस कारण इस तरह के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है.
नर्स ने बताई ये बात
सदर अस्पताल में कुत्ते एवं बंदरों के हमले में घायल लोगों के इलाज कर रही सदर अस्पताल की नर्स ने बताया कि रोजाना 85 से100 मरीज औसतन आते हैं. कभी कभी हालात ऐसे हो जाते हैं कि अस्पताल के पास इस तरीके के मरीजों को देने के लिए इंजेक्शन ही नहीं रहता है.
CS ने क्या कहा
वहीं, सिविल सर्जन किरण कुमार लाल ने बताया कि पूरे बिहार में सबसे अधिक कुत्ता एवं बंदरों के काटने के मरीज बक्सर सदर अस्पताल में आते हैं. जिनका इलाज किया जाता है, हमारे पास दवाई की कोई कमी नहीं है.
नगर परिषद का ध्यान नहीं
मालूम हो कि जिले में बंदर और कुत्ते के बढ़े आतंक के बाद भी ना तो अब तक नगर परिषद और ना ही जिला प्रशासन द्वारा कोई उचित कदम उठाया गया है. उधर सदर अस्पताल के डॉक्टर भी अब इस तरह के मरीजों की बढ़ रही संख्या से परेशान हैं.