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बक्सर में कुत्तों एवं बंदरों के आतंक से परेशान हैं लोग, बढ़ रही है घायलों की संख्या

जिला में लगातार बंदर और कुत्ते के बढ़े आतंक के बाद भी ना तो अब तक नगर परिषद और ना ही जिला प्रशासन के द्वारा कोई उचित कदम उठाया गया है.

injured children and man
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Published : Feb 5, 2019, 11:28 AM IST

Updated : Feb 5, 2019, 7:38 PM IST

बक्सरः जिला में कुत्ता और बंदरों द्वारा काटे जाने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सदर अस्पताल में रोजाना 80 से 100 की सख्यां में ये मरीज इलाज के लिए आते हैं. इसके बावजूद नगर परिषद की ओर से इसके लिए अबतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

इन दिनों बक्सर में जिलावासी आवारा कुत्ते और बंदरों के आतंक से परेशान हैं. आए दिन हो रहे बंदर और कुत्ते के हमले में अब तक हजारों लोग जख्मी हो चुके हैं. उसके बाद भी न तो अब तक नगर परिषद और न ही जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया है. इस कारण इस तरह के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है.

नर्स ने बताई ये बात

सदर अस्पताल में कुत्ते एवं बंदरों के हमले में घायल लोगों के इलाज कर रही सदर अस्पताल की नर्स ने बताया कि रोजाना 85 से100 मरीज औसतन आते हैं. कभी कभी हालात ऐसे हो जाते हैं कि अस्पताल के पास इस तरीके के मरीजों को देने के लिए इंजेक्शन ही नहीं रहता है.

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CS ने क्या कहा

वहीं, सिविल सर्जन किरण कुमार लाल ने बताया कि पूरे बिहार में सबसे अधिक कुत्ता एवं बंदरों के काटने के मरीज बक्सर सदर अस्पताल में आते हैं. जिनका इलाज किया जाता है, हमारे पास दवाई की कोई कमी नहीं है.

अस्पताल में जख्मी बच्चे और लोग
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नगर परिषद का ध्यान नहीं

मालूम हो कि जिले में बंदर और कुत्ते के बढ़े आतंक के बाद भी ना तो अब तक नगर परिषद और ना ही जिला प्रशासन द्वारा कोई उचित कदम उठाया गया है. उधर सदर अस्पताल के डॉक्टर भी अब इस तरह के मरीजों की बढ़ रही संख्या से परेशान हैं.

बक्सरः जिला में कुत्ता और बंदरों द्वारा काटे जाने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सदर अस्पताल में रोजाना 80 से 100 की सख्यां में ये मरीज इलाज के लिए आते हैं. इसके बावजूद नगर परिषद की ओर से इसके लिए अबतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

इन दिनों बक्सर में जिलावासी आवारा कुत्ते और बंदरों के आतंक से परेशान हैं. आए दिन हो रहे बंदर और कुत्ते के हमले में अब तक हजारों लोग जख्मी हो चुके हैं. उसके बाद भी न तो अब तक नगर परिषद और न ही जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया है. इस कारण इस तरह के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है.

नर्स ने बताई ये बात

सदर अस्पताल में कुत्ते एवं बंदरों के हमले में घायल लोगों के इलाज कर रही सदर अस्पताल की नर्स ने बताया कि रोजाना 85 से100 मरीज औसतन आते हैं. कभी कभी हालात ऐसे हो जाते हैं कि अस्पताल के पास इस तरीके के मरीजों को देने के लिए इंजेक्शन ही नहीं रहता है.

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CS ने क्या कहा

वहीं, सिविल सर्जन किरण कुमार लाल ने बताया कि पूरे बिहार में सबसे अधिक कुत्ता एवं बंदरों के काटने के मरीज बक्सर सदर अस्पताल में आते हैं. जिनका इलाज किया जाता है, हमारे पास दवाई की कोई कमी नहीं है.

अस्पताल में जख्मी बच्चे और लोग
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नगर परिषद का ध्यान नहीं

मालूम हो कि जिले में बंदर और कुत्ते के बढ़े आतंक के बाद भी ना तो अब तक नगर परिषद और ना ही जिला प्रशासन द्वारा कोई उचित कदम उठाया गया है. उधर सदर अस्पताल के डॉक्टर भी अब इस तरह के मरीजों की बढ़ रही संख्या से परेशान हैं.

Intro:बक्सर/एंकर- बक्सर जिला में कुत्ता एवं बंदरों द्वारा काटे जाने वाले मरीजों की बढ़ती संख्या से परेशान है, सदर अस्पताल के डॉक्टर, 80 से 100 मरीजो का प्रति दिन सदर अस्पताल में होता है, इलाज।


Body:इन दिनों बक्सर जिला में आवारा कुत्ते और बंदरों का आतंक से परेशान है जिला वासी । आए दिन हो रहे बंदर और कुत्ते के हमले में अब तक हजारो लोग जख्मी हो चुके है, उसके बाद भी न तो अब तक नगर परिषद और न ही जिला प्रशासन के द्वरा कोई ठोस कदम उठाया गया है, जिसके कारण इस तरह की मरीजो की संख्या दिन प्रतिदिन अस्पतालों में बढ़ती जा रही है। वहीं अस्पतालों में कुत्ते और बंदरों के हमले में जख्मी लोगों के इलाज कर रहे बक्सर जिला के सिविल सर्जन किरण कुमार लाल ने बताया कि ,बक्सर जिला में पूरे बिहार में सबसे अधिक प्रतिदिन कुत्ता एवं बंदरों के काटने का मरीज सदर अस्पताल में आते हैं, जिनका इलाज किया जाता है, हमारे पास दवाई की कोई कमी नहीं है।
byte किरण कुमार लाल सिविल सर्जन बक्सर

वही सदर अस्पताल में कुत्ते एवं बंदरों के हमले में घायल लोगों के इलाज कर रही सदर अस्पताल के नर्स ने बताया कि ,प्रतिद 85 से लेकर 100 मरीज औसतन आते है, कभी कभी हालात ऐसे हो जाते हैं ,कि अस्पताल के पास इस तरीके के मरीजों को देने के लिए इंजेक्शन ही नहीं रहता है।

byte नर्स सदर अस्पताल


Conclusion:हम आपको बताते चलें कि जिला में लगता बंदर और कुत्ते के बढ़े आतंक के बाद भी ना तो अब तक नगर परिषद और ना ही जिला प्रशासन के द्वारा कोई उचित कदम उठाया गया है । जिसके कारण इस तरह की घटनाओं में दिन प्रतिदिन वृद्धि होते जा रही है हालात ऐसे हो गए हैं ,की अब सदर अस्पताल के डॉक्टर भी इस तरह के मरीजों की बढ़ रहे संख्या से परेशान है।
Last Updated : Feb 5, 2019, 7:38 PM IST
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