बक्सर: बिहार के बक्सर में लोग अपने सिम को बीएसएनएल में पोर्ट ( Phone Number Port in BSNL ) कराने के लिए पहुंच रहे हैं. देश की सबसे बड़ी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी रिलायंस जियो कंपनी ने आज से सेवाओं की शुल्क दरों में 21% तक की वृद्धि कर दी है. परेशान यूजर्स जियो की सिम को बीएसएनएल में पोर्ट कराने के लिए डीलरों का चक्कर लगा रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर बीएसएनएल का नेटवर्क ठीक हो जाए तो यह अच्छी कंपनी है.
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75 वाले जियो प्लान के लिए यूजर्स को 91 खर्च करने होंगे. वहीं अनलिमिटेड प्लांस में 129 वाले प्लान के लिए 155 रुपये, 149 रुपये वाले प्लान के लिए लिए 179 रुपये, 199 रुपये वाले प्लान के लिए 239 रुपये, 249 वाले प्लान के लिए 299 रुपये, 399 वाले प्लान के लिए 479 रुपये, 444 वाले प्लांन के लिए 533 रुपये और 599 वाले प्लान के लिए 719 रुपये खर्च करने होंगे.
साल 2021 के आखिरी महीने में सरकार ने देशवासियों के जेब पर बोझ डाल दिया है. क्योंकि इस महीने कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी के साथ, एसबीआई क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करना महंगा हो गया है. वहीं बीते 14 साल से माचिस की कीमत में कोई इजाफा नहीं हुआ था, वह भी अब महंगाई की मार से अपने आप को नहीं बचा सकी है. इसके अलावा लोगों से मोबाइल पर बात करना और डीटीएच के जरिए मनोरंजन करना भी महंगा हो गया है. दूसरी और कई सरकारी बैंकों ने ब्याज में कटौती करके कस्टमर को साल के आखिरी महीने में झटका दिया है.
एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के बाद देश की सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर कंपनी रिलायंस जियो भी अपने मोबाइल रिचार्ज प्लान को आज से महंगा कर चुकी है. जिओ के ऐलान के बाद बदले हुए कीमत लागू हो गए हैं. जानकारी के अनुसार जियो प्रीपेड रिचार्ज प्लान 21 फीसदी महंगा हो गया है. जिससे यूजर्स काफी परेशान हैं. वहीं वोडाफोन-आईडिया भी अपने प्लान की कीमत में 25 फीसदी की बढ़ोतरी कर देशवासियों के जेब पर बोझ डाल चुकी है. अब यूजर्स अपने सिम कार्ड को बीएसएनएल में पोर्ट कराने के लिए डीलरों का चक्कर लगा रहे हैं.
बक्सर जिले में लगभग 15 लाख यूजर्स जियो सिम का उपयोग कर रहे हैं. लोगो की मानें तो ईस्ट इंडिया कम्पनी जिस तरह व्यापार के नाम पर हिंदुस्तान में दस्तक दी और भारत को गुलाम बना लिया. ठीक वही नीति यहां के टेलीकॉम कंपनियों ने अपना लिया और देशवासियों का दोहन करने लगे हैं. शुरुआती दौर में लाइफ टाइम फ्री की बात कहकर देशवासियों को इन कंपनियों ने गुमराह किया. जब लोग इसके जाल में फंस गए तो अब आर्थिक दोहन करना शुरू कर दिया. जिसमें वर्तमान सरकार भी अहम भूमिका निभा रही है.
कंपनियों को फायदा पहुचाने के लिए वर्तमान सरकार पहले बीएसएनएल को बर्बाद की, उसके बाद उसके कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. जिससे कि लोग निजी क्षेत्र के टेलीकॉम कंपनियों पर निर्भर हो जाएं. और वही हुआ. निजीकरण के नाम पर देश वासियो को बेहतर सुविधा मुहैया कराने का दावा करने वाले लोग आज अपनी जबान पर ताला बंद किये हुए हैं. कोरोना काल में लोगों की रोजगार छिन गई है. देश मे बेरोजगारों की एक लंबी फौज खड़ी है. सरकार डिजिटल इंडिया की बात कहकर लोगों को दिग्भर्मित कर रही है.
बक्सर के सिम डीलरों ने बताया कि यूजर्स काफी परेशान हैं. 23 नवंबर से ही एयरटेल, वोडा और अब जियो सिम को बीएसएनल में पोर्ट कराने के लिए लोग आ रहे हैं. इस जिले के 60% से अधिक ऐसे लोग हैं, जो इतने महंगे रिचार्ज कराने में सक्षम नहीं हैं. जिसके कारण उनकी परेशानियां बढ़ गई है. उनकी पहला पसंद एक बार फिर बीएसएनएल बनती जा रही है. बीएसएनएल नेटवर्क की जो समस्या है, यदि सरकार उस समस्या को दूर करा दी, तो देशवासियों की पहली पसंद एक बार फिर बीएसएनल कंपनी बन जाएगी. निजी टेलीकॉम कंपनियां अपनी बोरिया बिस्तर बांध लेगी.
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