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बक्सरः प्रति क्विंटल में 67 किलो चावल निकलने पर ही धान की खरीदारी, पैक्स की शर्तों से किसान परेशान

बिहार में पैक्स ने धान बेचने वाले किसानों के सामने शर्त रख दी है. जिसके अनुसार 67 प्रतिशत चावल धान की खरीद होगी. जिससे किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है.

धान खरीदने में शर्त
धान खरीदने में शर्त
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Published : Dec 30, 2020, 1:40 PM IST

बक्सर: अब धान की खरीद के लिए पैक्स ने मानक तय कर दिया है. मानक के अनुसार अब उसी धान की खरीदारी होगी जिसमें 67 प्रतिशत चावल निकलेगा. जिससे किसानों की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. पैक्स कर्मियों की शर्त को पूरा करने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं. इधर सरकार और विपक्षी पार्टियां केवल किसान के नाम पर राजनीति करने में लगी हुई है. अब तक नमी का बहाना कर धान की खरीददारी करने से इनकार करने वाले पैक्स कर्मियों की शर्त पूरा करने में किसान सक्षम नहीं दिखाई दे रहे हैं.

जिलाधिकारी ने दिया था धान खरीद का आदेश
कुछ ही दिन पहले जिलाधिकारी अमन समीर ने सभी पैक्स कर्मियों को संख्त हिदायत देते हुए कहा था कि धान खरीद में नमी का बहाना नहीं चलेगा. सभी पैक्स कर्मी युद्ध स्तर पर धान की खरीददारी करें, जिसके बाद पैक्स कर्मियों ने किसानों के सामने नए शर्त रख दिया कि जिस धान में 67% चावल गिरेगा उसी धान की खरीदारी की जाएगी. दरअसल केंद्र सरकार के मानक के अनुसार 1 क्विंटल धान से 67 किलोग्राम चावल प्राप्त होना चाहिए . जोकि सभी किस्म के धान से निकलना सम्भव नहीं है. इसी का फायदा उठाते हुए पैक्स कर्मियों ने यह नई शर्त किसानों के सामने रख दी है.

देखें रिपोर्ट

पैक्स को सता रहा डर
कतरनी, विटी 52, सोनाचुर जैसे कई वैरायटी के धान हैं. जिससे 50% से लेकर 54% तक ही चावल की प्राप्ति हो रही है. जबकि मानक के अनुसार, 67% चावल प्राप्त होना चाहिए. ऐसे में पैक्स कर्मियों को घाटा होने का डर सता रहा है. जिसके कारण व धान की खरीदारी करने में आनाकानी कर रहे हैं.

सरकार एक क्विंटल के लिए देती है एक बोरा
बिहार सरकार की तरफ से पैक्स कर्मियों को एक क्विंटल धान की खरीदारी के लिए एक बोरा उपलब्ध कराया गया है, जिसकी कीमत 25 रूपए है. जबकि एक क्विंटल धान रखने के लिए तीन बोरे की आवश्यकता पड़ती है. जिसकी कुल लागत 75 रूपए पैक्स कर्मियों को देने पड़ रहै हैं.

किसानों से हो रही खर्च की वसूली
जिले में जो किसान के कम कीमत पर धान बेच रहे हैं. पैक्स कर्मी उनके धान की खरीदारी कर रहे हैं. लेकिन जो किसान सरकार द्वारा तय किये गये कीमत पर धान बेचने की बात कह रहे हैं. उनका धान खलिहान में ही पड़ा है. ऐसे में किसानों की समस्या का समाधान करने के बजाये राजनीतिक पार्टी के नेता केवल सियासत कर रहे हैं. किसानों की इस समस्या को लेकर जब राजपुर कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम से पूछा गया. तो उन्होंने सरकार को जिम्मेदार बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया.

नहीं खुल रहा पोर्टल
वहीं, वसुधा केंद्र कर्मी राजेश कुमार ने बताया कि पिछले 15 दिनों से किसान अपना आवेदन ऑनलाइन कराने के लिए आ रहे हैं. लेकिन सहकारिता विभाग का पोर्टल खुल ही नहीं रहा है. जिसके कारण किसान धान अधिप्राप्ति के लिए रजिस्ट्रेशन भी नहीं करा पा रहे हैं. वहीं, किसान बांगा यादव ने बताया कि पैक्स कर्मी कुल खर्च काटकर 1,500 रुपये क्विंटल ही की खरीददारी कर रहे हैं. मजबूरी में किसान औने-पौने दाम पर धान की बिक्री कर रहे हैं. किसानों को डर हैं कि कहीं धान खलिहानों में ही न रह जाये.

अधिकारी कराएंगे धान की खरीद
गौरतलब है कि जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार बक्सर जिला में अब तक कुल पैक्स एवं व्यापार मंडल के द्वारा 15 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई है. 10 जनवरी से जिला प्रशासन के अधिकारी खुद फील्ड में उतरकर किसानों के धान की बिक्री कराएंगे. जिसके लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली गई है.

बक्सर: अब धान की खरीद के लिए पैक्स ने मानक तय कर दिया है. मानक के अनुसार अब उसी धान की खरीदारी होगी जिसमें 67 प्रतिशत चावल निकलेगा. जिससे किसानों की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. पैक्स कर्मियों की शर्त को पूरा करने में किसानों के पसीने छूट रहे हैं. इधर सरकार और विपक्षी पार्टियां केवल किसान के नाम पर राजनीति करने में लगी हुई है. अब तक नमी का बहाना कर धान की खरीददारी करने से इनकार करने वाले पैक्स कर्मियों की शर्त पूरा करने में किसान सक्षम नहीं दिखाई दे रहे हैं.

जिलाधिकारी ने दिया था धान खरीद का आदेश
कुछ ही दिन पहले जिलाधिकारी अमन समीर ने सभी पैक्स कर्मियों को संख्त हिदायत देते हुए कहा था कि धान खरीद में नमी का बहाना नहीं चलेगा. सभी पैक्स कर्मी युद्ध स्तर पर धान की खरीददारी करें, जिसके बाद पैक्स कर्मियों ने किसानों के सामने नए शर्त रख दिया कि जिस धान में 67% चावल गिरेगा उसी धान की खरीदारी की जाएगी. दरअसल केंद्र सरकार के मानक के अनुसार 1 क्विंटल धान से 67 किलोग्राम चावल प्राप्त होना चाहिए . जोकि सभी किस्म के धान से निकलना सम्भव नहीं है. इसी का फायदा उठाते हुए पैक्स कर्मियों ने यह नई शर्त किसानों के सामने रख दी है.

देखें रिपोर्ट

पैक्स को सता रहा डर
कतरनी, विटी 52, सोनाचुर जैसे कई वैरायटी के धान हैं. जिससे 50% से लेकर 54% तक ही चावल की प्राप्ति हो रही है. जबकि मानक के अनुसार, 67% चावल प्राप्त होना चाहिए. ऐसे में पैक्स कर्मियों को घाटा होने का डर सता रहा है. जिसके कारण व धान की खरीदारी करने में आनाकानी कर रहे हैं.

सरकार एक क्विंटल के लिए देती है एक बोरा
बिहार सरकार की तरफ से पैक्स कर्मियों को एक क्विंटल धान की खरीदारी के लिए एक बोरा उपलब्ध कराया गया है, जिसकी कीमत 25 रूपए है. जबकि एक क्विंटल धान रखने के लिए तीन बोरे की आवश्यकता पड़ती है. जिसकी कुल लागत 75 रूपए पैक्स कर्मियों को देने पड़ रहै हैं.

किसानों से हो रही खर्च की वसूली
जिले में जो किसान के कम कीमत पर धान बेच रहे हैं. पैक्स कर्मी उनके धान की खरीदारी कर रहे हैं. लेकिन जो किसान सरकार द्वारा तय किये गये कीमत पर धान बेचने की बात कह रहे हैं. उनका धान खलिहान में ही पड़ा है. ऐसे में किसानों की समस्या का समाधान करने के बजाये राजनीतिक पार्टी के नेता केवल सियासत कर रहे हैं. किसानों की इस समस्या को लेकर जब राजपुर कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम से पूछा गया. तो उन्होंने सरकार को जिम्मेदार बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया.

नहीं खुल रहा पोर्टल
वहीं, वसुधा केंद्र कर्मी राजेश कुमार ने बताया कि पिछले 15 दिनों से किसान अपना आवेदन ऑनलाइन कराने के लिए आ रहे हैं. लेकिन सहकारिता विभाग का पोर्टल खुल ही नहीं रहा है. जिसके कारण किसान धान अधिप्राप्ति के लिए रजिस्ट्रेशन भी नहीं करा पा रहे हैं. वहीं, किसान बांगा यादव ने बताया कि पैक्स कर्मी कुल खर्च काटकर 1,500 रुपये क्विंटल ही की खरीददारी कर रहे हैं. मजबूरी में किसान औने-पौने दाम पर धान की बिक्री कर रहे हैं. किसानों को डर हैं कि कहीं धान खलिहानों में ही न रह जाये.

अधिकारी कराएंगे धान की खरीद
गौरतलब है कि जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार बक्सर जिला में अब तक कुल पैक्स एवं व्यापार मंडल के द्वारा 15 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई है. 10 जनवरी से जिला प्रशासन के अधिकारी खुद फील्ड में उतरकर किसानों के धान की बिक्री कराएंगे. जिसके लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली गई है.

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