बक्सर: इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं को गोलबंद करने में लगी हुई हैं. कोरोना वैश्विक महामारी के बीच स्थानीय लोगों की चिंता को छोड़ चुनाव की तैयारी में जुटे नेताओं को भी जनता ने आइना दिखाना शुरू कर दिया है. यही कारण है कि सांसद और विधायकों के वादों को अब जनता ने मीडिया के सामने लाना शुरू कर दिया है.
दरअसल साल 2019 लोकसभा चुनाव में जाने से पहले स्थानीय सांसद सह भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने पुराने सदर अस्पताल में स्थापित हेल्थ वैलनेस सेंटर में मेडिसिन एटीएम लगवाया था. लेकिन चुनाव परिणाम आने के साथ ही उस हेल्थ एटीएम में ताला बंद हो गया. बक्सर वासियों ने मंत्री जी से मिलकर और पत्र के माध्यम से कई बार मेडिसिन एटीएम को चालू कराने के लिए गुहार लगाई. उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में लोग आगामी चुनाव में उन्हें सबक सिखाने की बात कर रहे हैं.
सांसद ने फिर दी सौगात
2020 बिहार विधानसभा चुनाव में जाने से पहले स्थानीय सांसद के द्वारा 2 दिन पहले जिलावासियों को डिजिटल एक्स-रे का सौगात दी गई है. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उनका ध्यान आकृष्ट कराते हुए इटीवी भारत के माध्यम से पूछा है कि साल 2008 में जब वे राज्य सरकार में मंत्री थे, उस समय से लेकर अब तक उन्होंने जितनी भी सौगात बक्सर वासियों को दी, उन सब में चुनाव बीतने के साथ ही ताला क्यों लटक जाता है?
क्या कहते हैं सामाजिक कार्यकर्ता?
जिले की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जब स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता रामजी सिंह ने सांसद अश्विनी चौबे से सवाल किया था तो सांसद के साथ उनकी धक्का-मुक्की हुई थी. जिसके बाद मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिलावासियों को सफाई दी थी. अब एक बार फिर सामाजिक कार्यकर्ता रामजी सिंह ने ईटीवी भारत का माध्यम से सांसद से सवाल किया है कि चुनाव परिणाम आने के बाद सांसद की सौगात बेकार क्यों हो जाती है?
एक्स-रे मशीन पर उठाए सवाल
गौरतलब है कि 9 मार्च 2019 को केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री सह स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा हेल्थ वेलनेस सेंटर में हेल्थ एटीएम, एम्बुलेंस, लवाईक, वाटर एटीएम की सुविधा प्रदान की गई था. लेकिन कुछ ही दिन बाद एम्बुलेंस और लवाईक किसी अन्य जिला में चला गया, जबकि हेल्थ एटीएम एवं वाटर एटीएम में ताला बंद हो गया. अब एक बार फिर बक्सर वासियों को जब डिजिटल एक्स-रे का सौगात मिली है तो लोगों ने सवाल उठाए हैं.