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बक्सर के इस जगह पर 5 बार आए थे बापू, अब खंडहर में हुआ तब्दील - महात्मा गांधी की 150वीं जयंती

आजादी के 73 साल बाद भी गांधी से जुड़े बक्सर का श्रीचन्द्र मन्दिर अपने पहचान बचाने के लिए जूझ रहा है. 1917 के चंपारण आंदोलन से लेकर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के बीच राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आगमन बक्सर जिला के श्रीचन्द्र मन्दिर में 5 बार हुआ था.

महात्मा गांधी
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Published : Oct 4, 2019, 11:25 PM IST

बक्सर: देश में बड़े ही धूमधाम से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई गई. अधिकारी से लेकर सरकारी बाबुओं के तरफ से कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. लेकिन दुर्भाग्य है कि आजादी के 73 साल बाद भी गांधी से जुड़े स्थल अपनी पहचान बचाने के लिए जूझ रहे हैं. साल 1917 के चंपारण आंदोलन से लेकर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के बीच राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आगमन बक्सर जिला के श्रीचन्द्र मन्दिर में 5 बार हुआ था.

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केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने निकाली रैली

विरासत को बचाने की पहल नहीं
महात्मा गांधी के विचारों और उनके भाषण से प्रभावित होकर आजादी की लड़ाई को बुलंद करने के लिए बक्सर जिले की महिलाओं ने अपने आभूषण तक उतारकर दे दिए थे. लेकिन, मौजदूा समय में गांधीजी से जुड़ा बक्सर का यह श्रीचन्द्र मन्दिर अपने बेबसी पर आंसू बहा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मंत्री हो या विधायक किसी ने भी अब तक इस खंडहरनुमा महात्मा गांधी से जुड़ी विरासत को बचाने की पहल नहीं की है.

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कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी ने निकाली रैली

पद यात्रा निकाली गई
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी से लेकर स्थानीय सांसद सह केंद्र सरकार के मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के तरफ से पद यात्रा निकाली गई थी. लेकिन गांधी से जुड़े इस धरोहर को बचाने के लिए किसी के पास कोई शब्द नहीं था.

श्री चन्द्र मन्दिर पर 5 बार यहां आए थे बापू

मंत्री ने कहा लिखकर दे दीजिए
वहीं, पदयात्रा में पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को जब हमारे संवाददाता ने इन स्थानों से अवगत कराया तो उनका जवाब भी कुछ राजनीतिक तरह का ही था. उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा सवाल है, पत्रकार होने के नाते आपको कुछ ज्यादा नॉलेज होगा. लिखकर दे दीजिए, केंद्र एवं राज्य सरकार इसको ठीक कराएगी.

बक्सर: देश में बड़े ही धूमधाम से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई गई. अधिकारी से लेकर सरकारी बाबुओं के तरफ से कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. लेकिन दुर्भाग्य है कि आजादी के 73 साल बाद भी गांधी से जुड़े स्थल अपनी पहचान बचाने के लिए जूझ रहे हैं. साल 1917 के चंपारण आंदोलन से लेकर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के बीच राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आगमन बक्सर जिला के श्रीचन्द्र मन्दिर में 5 बार हुआ था.

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केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने निकाली रैली

विरासत को बचाने की पहल नहीं
महात्मा गांधी के विचारों और उनके भाषण से प्रभावित होकर आजादी की लड़ाई को बुलंद करने के लिए बक्सर जिले की महिलाओं ने अपने आभूषण तक उतारकर दे दिए थे. लेकिन, मौजदूा समय में गांधीजी से जुड़ा बक्सर का यह श्रीचन्द्र मन्दिर अपने बेबसी पर आंसू बहा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मंत्री हो या विधायक किसी ने भी अब तक इस खंडहरनुमा महात्मा गांधी से जुड़ी विरासत को बचाने की पहल नहीं की है.

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कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी ने निकाली रैली

पद यात्रा निकाली गई
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर कांग्रेस विधायक मुन्ना तिवारी से लेकर स्थानीय सांसद सह केंद्र सरकार के मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के तरफ से पद यात्रा निकाली गई थी. लेकिन गांधी से जुड़े इस धरोहर को बचाने के लिए किसी के पास कोई शब्द नहीं था.

श्री चन्द्र मन्दिर पर 5 बार यहां आए थे बापू

मंत्री ने कहा लिखकर दे दीजिए
वहीं, पदयात्रा में पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को जब हमारे संवाददाता ने इन स्थानों से अवगत कराया तो उनका जवाब भी कुछ राजनीतिक तरह का ही था. उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा सवाल है, पत्रकार होने के नाते आपको कुछ ज्यादा नॉलेज होगा. लिखकर दे दीजिए, केंद्र एवं राज्य सरकार इसको ठीक कराएगी.

Intro:आजादी के 73 साल बाद भी अपने बेबसी पर आंसू बहा रहा है,गांधी से जुड़ा बक्सर का श्रीचन्द्र मन्दिर,जनप्रतिनधियो से लेकर अधिकारियो ने गांधी के विचारों से नही लिया कोई सिख।


Body:देश मे बड़े ही धूम धाम से महात्मा गांधी की 150 वी जयंती मनाई जा रही है,अधिकारियो से लेकर सरकारी बाबुओं के द्वारा कई कार्यक्रम का आयोजन आयोजन भी कराया गया ,लेकिन दुर्भाग्य है कि आजादी के 73 साल बाद भी गांधी से जुड़े स्थल अब अपने पहचाने बचाने के लिए जूझ रहा है,जी हां 1917 के चंपारण आंदोलन से लेकर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के बीच राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आगमन बक्सर जिला के श्रीचन्द्र मन्दिर में 5 बार हुआ,महात्मा गांधी के बिचारो एवं उनके भाषण से प्रभावित होकर आजादी की लड़ाई को बुलंद करने के लिए बक्सर जिलां के महिलाओ ने महात्मा गांधी को अपने आभूषण तक उतारकर दे दी ,आज गांधी से जुड़ा बक्सर का यह श्रीचन्द्र मन्दिर अपने बेबसी पर आंसू बहा रहा है।स्थानीय लोगो की माने तो मंत्री हो या विधायक किसी ने भी अब तक इस खंडहरनुमा महात्मा गांधी से जुड़े विरासत को बचाने की पहल नही की।

byte स्थानीय

महात्मा गांधी के 150 वी जयंती के मौके पर कांग्रेस बिधायक मुन्ना तिवारी से लेकर स्थानीय सांसद सह केंद्र सरकार के मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के द्वारा पद यात्रा भी निकाली गई लेकिन गांधी से जुड़े इस धरोहर को बचाने के लिए किसी के पास कोई शब्द नही था। वही पदयात्रा में पहुचे केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे को जब हमारे संवाददाता के द्वारा इन स्थानों से अवगत कराया तो उनका जवाब भी कुछ राजनीतिक तरह का ही था,बहुत अच्छा सवाल है,पत्रकार होने के नाते आपको कुछ ज्यादा नॉलेज होगा लिखकर दे दीजिए,केंद्र एवं राज्य सरकार इसको ठीक कराएगी।

byte संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी बिधायक कांग्रेस
byte अश्वनी कुमार चौबे केंद्रीय राज्य मन्त्री


Conclusion:गौरतलब है,की महात्मा गांधी के नामो को अपनाकर अपना राजनीतिक दुकान चलाने वाले नेताओं को महात्मा गांधी के आदर्श एवं विचार से खासा परहेज है,नही तो आजादी के 73 साल बाद भी यह जगह उपेक्षित नही होता।
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