बक्सरः जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन काफी गंभीर है. इसे लेकर 8 जुलाई को बक्सर जिलाधिकारी अमन समीर और पुलिस कप्तान उपेंद्र नाथ वर्मा ने सभी अधिकारियों के साथ बैठक की और जिला में 3 दिनों तक लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया.
डीपीआरओ ने दी जानकारी
जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी कन्हैया कुमार ने एक प्रेस रिलीज जारी की. जिसमें ने 10 जुलाई से 12 जुलाई तक जिला में लॉकडाउन लगाने की जानकारी दी गई. इसके बाद यह सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई और लोग बाजार से सामान की खरीदारी करने में जुट गए.
'कैसे होगी धान की रोपनी'
वहीं, सावन महीना में लॉकडाउन घोषित होने से किसान काफी परेशान हैं. इसी महीने में किसान अपने धान की रोपनी करते हैं. लेकिन लॉकडाउन लग जाने के कारण ना तो उन्हें मजदूर मिल पाएंगे और ना ही उनके धान की रोपनी हो पाएगी.
'मार्च में भी फसल हुई थी बर्बाद'
मार्च महीना में भी देश में लगे लॉकडाउन के कारण मजदूर नहीं मिलने से किसान रवि फसल की कटाई नहीं कर पाए थे. फसल खेतों में ही बर्बाद हो गई थी, सब्जी उत्पादक किसानों को बाजार नहीं मिलने से सब्जी खेतो में ही सड़ गई, अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 1 जून से अनलॉक घोषित होने के बाद जैसे ही जिलावासियों ने रोजी रोजगार शुरू किया फिर लॉकडाउन लग गया.
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क्या कहते हैं किसान
धान की रोपनी करने खेतों में पहुंचे किसानों ने कहा कि पहले ही लॉकडाउन ने किसानों की कमर तोड़ दी है. अब धान की रोपनी का समय चल रहा है तो फिर लॉकडाउन लग गया. अब ना तो मजदूर घर से बाहर निकलेंगे, और ना ही कोई संसाधन मिलेगा. जिसके कारण कृषि कार्य प्रभावित होगा.
किसानों ने कहा कि अगर इस महीना में धान की रोपनी नहीं हो पाई तो, फिर किसान दाने-दाने के लिए मोहताज हो जाएंगे. सरकार और कृषि विभाग को गाइडलाइन जारी करना चाहिए कि कृषि कार्य में लगे लोग अपना काम करेंगे या नहीं.
आगे भी बढ़ सकता है लॉकडाउन
गौरतलब है कि जिला में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने 10 जुलाई से 12 जुलाई तक लॉकडाउन घोषित किया है. संभावना जताई जा रही है कि इस 3 दिनों की अवधि में अगर स्थिति नियंत्रित नहीं हुई तो आगे भी लॉकडाउन जारी रहेगा.