बक्सर: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) के बावजूद आए दिन शराब की बरामदगी हो रही है. तस्कर शराब तस्करी के लिए नए नए तरीके अपना रहे हैं. ऐसा ही एक और मामला बक्सर के गंगा चेकपोस्ट पर वाहन चेकिंग के दौरान सामने आया. चेकिंग के दौरान जब ढोलक की जांच की गई तो इससे देसी शराब बरामद (Liquor Smuggling In Buxar) की गई. मामले में एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है.
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सोमवार को उत्पाद विभाग की टीम ने बक्सर गंगा चेकपोस्ट पर वाहन चेकिंग के दौरान ढोलक से शराब जब्त किया. साथ ही एक शराब तस्कर को भी पकड़ा गया है. युवक से पूछताछ करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया. गिरफ्तार व्यक्ति बक्सर मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के नदाव गांव का रहने वाला राजबंश चौहान बताया जाता है.
इस बाबत ईटीवी भारत से खास बातचीत में उत्पाद अधीक्षक देवेन्द्र प्रसाद ने बताया कि बक्सर गंगा नदी चेकपोस्ट पर वाहन जांच अभियान चलाया जा रहा था. तभी एक युवक ढोलक लेकर बक्सर की तरफ आ रहा था. पुलिस को उस व्यक्ति पर शक हुआ जिसके बाद उक्त शख्स से पूछताछ की गई. जब उसकी ढोलक की तलाशी ली गई तो शराब बरामद किया गया.
"ढोलक से 19 बोतल देसी शराब बरामद की गई है. शराब तस्कर को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया है. पुलिस को चकमा देने के लिए तरह तरह के तरीके इजाद किए जा रहे हैं. लेकिन हर बार पुलिस तस्करों की योजनाओं पर पानी फेर देती है."- देवेंद्र प्रसाद, उत्पाद अधीक्षक, बक्सर
उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि ज्यादातर मामलों में शक के आधार पर जांच होती है. लोग एक दो बार सफल हो जाने पर शराब तस्करी को कमाई का साधन बना लेते हैं. बाइक की डिक्की में या बैग में या फिर गाड़ी के सीट के नीचे छुपाकर तस्करी की जाती है.
देवेंद्र प्रसाद ने बताया कि चूंकि बक्सर, उत्तर प्रदेश की सीमा से मिलती है, जिसको गंगानदी विभाजित करती है. ऐसे में सीमित संसाधनों से इतने लंबे क्षेत्र में निगरानी रखने में बड़ी मुश्किलें आती हैं. रेलमार्ग भी उत्तर प्रदेश के बाद बक्सर में ही प्रवेश करती है,इसलिए ट्रेनों को भी चेक करना होता है. उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश होती है कि तस्करी पर विराम लगाया जाए लेकिन कभी कभी तस्कर अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं.
बता दें कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू हुए पांच साल हो गए. 2016 में सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून लागू किया गया था. बिहार में अपराध और घरेलू हिंसा के मामलों को कम करने के मकसद से सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने राजस्व के भारी नुकसान के बावजूद शराबबंदी कानून लागू करने का फैसला लिया था. लेकिन आज पांच साल बाद भी शराबबंदी कानून का पालन कराने को लेकर पुलिस प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.
नोट: बिहार में मद्य निषेध अर्थात् शराब से जुड़ी कोई भी शिकायत टोल फ्री नंबर 15545 पर की जा सकती है.
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