बक्सर: बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राज्यभर में सियासी गलियारों में बहस तेज हो गई है. सभी राजनीतिक दलों के बीच एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. राजनीतिक पार्टी के नेता जनता को गोलबंद करने में लगे हैं. इसी बीच जेडीयू के डुमराव विधायक ददन पहलवान ने आरजेडी पर जमकर हमला बोला है.
आरजेडी के नेता प्रवासी मजदूरों को नीतीश सरकार के कार्यकाल में अपराध, भ्रष्टाचार और कई तरह की कमी के बारे में बताकर लुभाने में लगे हैं. वहीं, दूसरी तरफ सत्ताधारी दल के नेता लालू राज का वर्णन कर मजदूरों और प्रदेश की जनता को अपने पक्ष में करने में लगे हैं. जेडीयू की तरफ से बिहार की जनता को 15 साल जंगल राज बनाम 15 साल सुशासन के शासनकाल का मूल्यांकन करने के लिए संकेत दे रहे हैं. इसी बीच बीजेपी के कई नेता चुपचाप गांव-गांव में पहुंचकर, दूसरे प्रदेश से आए प्रवासी मजदूरों को आरजेडी के जंगल राज को याद दिला रहे हैं. वहीं, नीतीश कुमार के सुशासन को समर्थन देने के लिए अपील कर रहे हैं.
'महागठबंधन की ओर नहीं देखेगी जनता'
हालांकि डुमराव से जेडीयू के विधायक ददन पहलवान ने आरजेडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव के राज में मियांपुर, बथानी, सासाराम, शेरघाटी, सीतामढ़ी नरसंहार सहित ना जाने ऐसे कितने नरसंहार हुए. जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई और इस नरसंहार में यादव को ही सबसे अधिक फंसाया गया. अब बिहार के यादव समाज के लोग फिर से लालू यादव की तरफ नहीं देखेंगे.
तेजस्वी यादव पर तंज
इसके साथ ही ददन पहलवान ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि जिनके राज में अपहरण को उद्योग समझा जाता था. प्रायोजित हत्याएं होती थी. अब फिर से बिहार की जनता राज्य को उसी अंधकार युग में नहीं ले जाएगी. चुनाव से पहले ही नेता प्रतिपक्ष फड़फड़ाना शुरू कर दिया है, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद उनका फड़फड़ाहट बंद हो जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में आरजेडी को राज्यभर में सिर्फ 15-20 फीसदी वोट मिलेंगे.