बक्सर: मौसम में आ रहे बदलाव एवं बाढ़ सुखाड़ की समस्याओं को दूर करने के लिए, बिहार के मुखिया नीतीश कुमार के द्वारा प्रदेश को समृद्ध बनाने के लिए, जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की गई थी. लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण, यह योजना आज तक जमीन पर नहीं उतर पायी है.
भू माफियाओं का बढ़ रहा दायरा
जिला प्रशासन के अधिकारियों के नाक के नीचे भू माफिया, सिंडिकेट, बाईपास नहर के जमीन पर ,नगर परिषद एवं नहर विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर धड़ल्ले से कब्जा कर रहे हैं. जिसपर किसी की नजर नही जाती है. इस सरकारी नहर से 1 किलोमीटर की परिधि में, सभी प्रशासनिक अधिकारियों का कार्यालय है, जहां से प्रतिदिन व्यवहार न्यायालय के जज से लेकर तमाम प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि गुजरते हैं. उसके बाद भी इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है. ईटीवी भारत के माध्यम से कई बार इन समस्याओं को उठाया गया. लेकिन केवल आश्वासन देने के बाद अधिकारी फिर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं.
जल संचयन के मोर्चे पर विभाग हुआ फेल
इस अभियान को लेकर जब उप विकास आयुक्त योगेश कुमार सागर से पूछा गया तो, उन्होंने बताया कि सात निश्चय योजना के तहत जितने भी अवयव है उसमें जल संचयन सबसे प्रमुख अवयव है. विभाग के द्वारा तालाबों और नहरों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए कर्रवाई की जा रही है. बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण हुआ है. एवं अन्य अवयव पर भी तेजी से काम चल रहा है.
जल जीवन हरियाली योजना.. ऐसे होगा पूरा ?
गौरतलब है कि औधोगिक थाना क्षेत्र से 500 मीटर की दूरी पर सिंडिकेट गोलंबर के पास 52 बीघा में स्थित , प्रसिद्ध बनबीघा के पशु मेला की सरकारी जमीन पर पहले गिट्टी बालू की दुकान की गयी. उसके बाद देखते ही देखते सफेद पोश एवं भू माफियाओ की मिली भगत से,बड़ी बड़ी इमारतें बना ली गईं. ऐसे में मुख्यमंत्री का जल जीवन हरियाली योजना का सपना कब पूरा होगा कह पाना मुश्किल है.