बक्सरः बिहार के बक्सर जिले के धनसोई स्थित खरवनिया गांव में चल रहे अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन सह 251 कुण्डीय श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ का समापन (International Religious Conference In Buxar) बुधवार को हो गया. 4 मार्च से शुरू हुए सम्मेलन में विश्व भर से हिन्दू धर्म को मानने वाले संतों और धार्मिक विद्वानों ने हिस्सा लिया. श्री भाष्कराचार्य भगवदतपाद रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी (1000वीं जयंती) के अवसर पर धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया.
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श्रीरामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी स्मृति समारोह सह अंतराष्ट्रीय धर्मसम्मेलन का आयोजन पूजनीय श्री जीयर स्वामी जी के नेतृत्व में हुआ. इस दौरान धार्मिक नगरी बक्सर का खरवानिया क्षेत्र बिल्कुल वैष्णव मय दिख रहा है. वैष्णव संप्रदाय के महान संत श्री रामानुजाचार्य के सहस्त्र जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित इस सम्मेलन में भारत ही नहीं विश्व के कोने-कोने से संत जुटे थे.
वेलूर मठ हावड़ा कोलकात्ता से आए स्वामी अज्ञानंद जी महाराज ने कहा कि रामानुजाचार्य जी ने समाज मे समरसता की बात की हैं और नारायण मंत्र दलितों को इन्होंने दिया है, जो सामाजिक विभेदन को कम करता है. वहीं कर्नाटक से पहुंचे राम प्रेसनांद जी महाराज ने कहा कि रामानुजाचार्य जी ने दलितों को मंदिरों में प्रवेश दिलाया. अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली से पधारे स्वामी भद्रेश जी महाराज ने कहा कि उत्तर भारत में जो धर्म दीपक को जलाने का कार्य कर रहे हैं वह अतुलनीय हैं.
वहीं इस्कान मंदिर के प्रतिनिधि संत ने कहा कि आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है, जिसे विश्व गुरु कहा गया था. नेपाल से आए संत चतुर्भुजस्वामी जी ने कहा कि आज सनातन परंपरा पूरे विश्व में अपना परचम लहरा रही हैं, जो शांति और सौहार्द का संदेश देती हैं.
धर्मसम्मेलन में आकर्षण का केंद्र रहे कांचीपुरम से पहुंचे श्रीनिवासाचार्य स्वामी जी महाराज ने वैष्णव संप्रदाय पर अपना विचार रखे. गुजरात से आए मध्वप्रियचार्य स्वामी ने बताया कि जिस जगह पर आज हम सभी उपस्थित हैं, वह अवतारों की भूमि है जिसका नेतृत्व आज जीयर स्वामी जी कर रहे हैं. धर्मसम्मेलन के बाद संध्या में भजन गायन भी हुआ. भजन संध्या में भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भक्ति गीतों से भक्तों को मंत्र मुग्ध कर दिया.
एक मंच पर जुटे अलग-अलग मतों को मानने वाले संतों मानवता और सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने विचार रखे. कार्यक्रम में मुख्य आयोजक बक्सर के स्थानीय वासी और गुजरात के कारोबारी मिथिलेश पाठक ने बताया कि आयोजन में बड़ी संख्या में संतों और हजारों की संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया.
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