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किताबों को बनाइए अपना साथी, देखिए कैसे जिंदगी को जीने और देखने का बदल जाएगा नजरिया - पुस्तकों का प्रभाव

यदि आप किताबें नहीं पढ़ते हैं तो आज से ही पढ़ने की आदत अपने अंदर डाल लीजिए. क्योंकि किताबें पढ़ने के बहुत फायदे हैं, जिसके बारे में शायद आप नहीं जानते हैं. जानें किताब पढ़ने के फायदें...

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Published : Aug 12, 2021, 12:05 PM IST

Updated : Aug 12, 2021, 12:37 PM IST

बक्सर: पिछले साल दिसंबर महीने की 13 तारीख को जिले में विश्वामित्र अभियान की शुरुआत की गई थी. एमपी हाई स्कूल बक्सर से संचालित इस अभियान का उद्देश्य गुरु शिष्य परंपरा को पुनर्जीवित कर किताबों और आधुनिक माध्यमों से शिक्षा की लौ जगाना था. इस कार्यक्रम के जरिए शिक्षक बच्चों को घर जाकर पढ़ाएं और प्रोत्साहित करें.

इसे भी पढ़ें: बगहा: सरकारी स्कूलों में लगे पुस्तक मेले में नहीं मिली किताबें, अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

जिला मुख्यालय सहित प्रत्येक प्रखंड में पुस्तकालय स्थापना करने की भी योजना थी. जिसमें विविध विषयों से संबंधित पुस्तकों का संग्रह किया जाना था. इस अभियान के तहत विश्वामित्र कुल छह छलांग बौद्ध केंद्र, पुस्तक दान, प्रबोधन, गुरु और संवाद रूपों में कार्य करेगा. बक्सर जिला प्रशासन ने लोगों से पुस्तकालय के संचालन के लिए किताबें दान करने का अनुरोध किया था.

देखें रिपोर्ट.

छात्रा जिज्ञासा कुमारी ने इस पहल की सराहना की है. साथ ही जिला प्रशासन का धन्यवाद किया. वहीं दूसरी ओर दसवीं की पढ़ाई कर रही अनन्या ने कहा कि ऐसे पुस्तकालयों की उपलब्धता से गरीब और संसाधन की कमियों से जूझ रहे छात्र-छात्राओं को काफी मदद मिलेगी. सामान्य पढ़ाई हो या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी सभी में काफी सहायक सिद्ध हो सकता है.

कहते हैं कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती है. लेकिन आजकल के इस बिजी लाइफस्टाइल में बहुत कम ही लोग ऐसे मिलेंगे, जो किताबें पढ़ते होंगे. दरअसल किताब पढ़ने की आदत को मनोरंजन से नहीं जोड़ना चाहिए. बल्कि इसे अपनी रोज के कार्यों में शामिल करना चाहिए. क्योंकि किताबें ही मनुष्य के हृदय को उज्ज्वल करती हैं.

अगर लोगों से यह पूछा जाए कि आपने लास्ट टाइम किताब कब पढ़ी थी, तो अधिकांश लोग सिर खुजलाते नजर आएंगे. यह सवाल स्कूल, कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं से ही नहीं बल्कि उन नौकरीपेशा युवाओं से भी है जो कॉलेज से निकल कर अपना भविष्य संवारने में लगे हुये हैं. आज कल इस व्यस्तता वाली जिंंदगी में लोग किताबों से दूर होते जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन इफेक्ट : किताबें पढ़ समय काट रहे हैं बिहार के मंत्री

दुनिया में जितने भी सफल और महान लोग देखे गए हैं, सभी के अन्दर एक सामान्य आदत देखने को मिलती है, वो है किताब पढ़ना. कहते हैं कि किताब इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती है. रोजाना पढ़ना न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से फायदेमंद है, बल्कि यह जानकारी भी बढ़ाता है. साथ ही सोचने और जीने के नजरिये को भी बदलता है.

ऑनलाइन का चाहे जितना भी बोलबाला हो जाए, लेकिन पुस्तक पढ़ने का कोई जवाब नहीं हो सकता. पुस्तक पढ़ने के फायदे की बात की जाए, तो इसके बहुत से फायदे हैं. पुस्तक पढ़ने से आपका ध्यान एक जगह केंद्रित हो जाता है. रोजाना पढ़ने की आदत एकाग्रता को बढ़ाती है. इसके साथ ही किसी भी कार्य को करने में मन लगता है.

रोजाना किताब पढ़ने से दिमाग सक्रिय रहता है. दिमाग की नसों को आराम मिलता है. इसके साथ ही दिमाग तनावमुक्त होकर किसी भी कार्य पर फोकस करता है. अत: रोजाना पढ़ने की आदत आपका तनाव कम (Tension Free) करती है. प्रत्येक व्यक्ति को रोजाना अपना पसंदीदा उपन्यास, किताब या ब्लॉग पढ़ना चाहिए.

ये भी पढ़ें: छात्रों के लिए Good News: बिहार में पहली से 12वीं कक्षा तक की सभी किताबें अब ऑनलाइन

रोजाना पढ़ने से जानकारी बढ़ती है. नये-नये शब्द, नई-नई बातों का पता चलता है. जिंदगी को देखने और जीने का नजरिया बदलता है. किताबें पढ़ने से जिंदगी के फैसले समझदारी और आसानी से लिए जा सकते हैं. एक सार्वभौमिक सत्य है कि आप अपनी जिंदगी में सब कुछ खो सकते हैं, नौकरी, व्यवसाय, धन, परिवार और यहां तक कि अपना स्वास्थ्य भी, लेकिन आपका ज्ञान, आपकी जानकारी, आपकी बुद्धि को कोई आपसे नहीं छीन सकता है.

जानकारी के अभाव में कई जगह आपको चुप रहना पड़ता है. बात करने में झिझक (Hesitation) होती है या ढंग से बात नहीं कर पाते हैं. पढ़ने से ज्ञान और जानकारी में बढ़ोत्तरी होती है. जिसके आधार पर आप किसी से भी, कहीं पर भी, किसी भी विषय पर बात कर सकते हैं. किताबें पढ़ने से बोलने और बात करने का आत्मविश्वास बढ़ता है. कहते हैं जो अच्छा बोल सकता है वह अच्छा लिख भी सकता है.

यदि आप किताबें पढ़ते हैं तो उसमे लिखी बातों को, उसमें बताए तरीकों को अपनी जिन्दगी से जोड़कर देखने लग जाते हैं. इसके साथ ही अपनी जिंदगी में उतारना शुरू कर देते हैं. जब आप किसी डरावनी (Horror) या दुविधा (Suspense) वाले उपन्यास को पढ़ते हैं, तो उसके पात्र, घटनायें दिमाग (Mind) में उतरने लगते हैं. जिसके बाद उपन्यास को पूरा पढ़ें बिना ही उसके निष्कर्ष (Conclusion) को समझने का प्रयास करने लग जाते हैं या समझ जाते हैं.

जब भी आप कोई उपन्यास या कहानी की किताब पढ़ते हैं, तो उसके किरदार, पृष्ठभूमि आपको काफी दिन तक याद रहते हैं. रोजाना पढ़ने की आदत आपकी याद करने और याद रखने की क्षमता विकसित करता है. आपकी याद्दाश्त दिन-प्रतिदिन पहले से बेहतर होती जाती है. जिससे दिमाग का विकास होता है.

आपने कई जगह पढ़ा या सुना होगा कि जब नींद नहीं आए तो किताब पढ़ना शुरू कर दीजिए, आपको अच्छी नींद आयेगी. रात को सोने से पहले जब आप किताब पढ़ते हैं, तो आपका दिमाग थकता है, दिमाग की नसें शांत होती हैं, जो अच्छी नींद लाने में सहायक होती है. इसलिये अच्छी नींद के लिए रोजाना सोने से पहले पढ़ने की आदत जरूर डालें.

किताबें इंसान की सच्ची दोस्त होती है. ये आपके अकेलेपन को दूर करने में मदद करती है. जब भी आप अपने आपको अकेला या बोर महसूस कर रहे हों, तो पढ़ना शुरू कर दें. पढ़ने की आदत आपके अंदर नई उर्जा भरती है. आपकी मनोदशा (Mood) में बदलाव लाकर आराम देती है.

बक्सर: पिछले साल दिसंबर महीने की 13 तारीख को जिले में विश्वामित्र अभियान की शुरुआत की गई थी. एमपी हाई स्कूल बक्सर से संचालित इस अभियान का उद्देश्य गुरु शिष्य परंपरा को पुनर्जीवित कर किताबों और आधुनिक माध्यमों से शिक्षा की लौ जगाना था. इस कार्यक्रम के जरिए शिक्षक बच्चों को घर जाकर पढ़ाएं और प्रोत्साहित करें.

इसे भी पढ़ें: बगहा: सरकारी स्कूलों में लगे पुस्तक मेले में नहीं मिली किताबें, अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

जिला मुख्यालय सहित प्रत्येक प्रखंड में पुस्तकालय स्थापना करने की भी योजना थी. जिसमें विविध विषयों से संबंधित पुस्तकों का संग्रह किया जाना था. इस अभियान के तहत विश्वामित्र कुल छह छलांग बौद्ध केंद्र, पुस्तक दान, प्रबोधन, गुरु और संवाद रूपों में कार्य करेगा. बक्सर जिला प्रशासन ने लोगों से पुस्तकालय के संचालन के लिए किताबें दान करने का अनुरोध किया था.

देखें रिपोर्ट.

छात्रा जिज्ञासा कुमारी ने इस पहल की सराहना की है. साथ ही जिला प्रशासन का धन्यवाद किया. वहीं दूसरी ओर दसवीं की पढ़ाई कर रही अनन्या ने कहा कि ऐसे पुस्तकालयों की उपलब्धता से गरीब और संसाधन की कमियों से जूझ रहे छात्र-छात्राओं को काफी मदद मिलेगी. सामान्य पढ़ाई हो या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी सभी में काफी सहायक सिद्ध हो सकता है.

कहते हैं कि किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती है. लेकिन आजकल के इस बिजी लाइफस्टाइल में बहुत कम ही लोग ऐसे मिलेंगे, जो किताबें पढ़ते होंगे. दरअसल किताब पढ़ने की आदत को मनोरंजन से नहीं जोड़ना चाहिए. बल्कि इसे अपनी रोज के कार्यों में शामिल करना चाहिए. क्योंकि किताबें ही मनुष्य के हृदय को उज्ज्वल करती हैं.

अगर लोगों से यह पूछा जाए कि आपने लास्ट टाइम किताब कब पढ़ी थी, तो अधिकांश लोग सिर खुजलाते नजर आएंगे. यह सवाल स्कूल, कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं से ही नहीं बल्कि उन नौकरीपेशा युवाओं से भी है जो कॉलेज से निकल कर अपना भविष्य संवारने में लगे हुये हैं. आज कल इस व्यस्तता वाली जिंंदगी में लोग किताबों से दूर होते जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन इफेक्ट : किताबें पढ़ समय काट रहे हैं बिहार के मंत्री

दुनिया में जितने भी सफल और महान लोग देखे गए हैं, सभी के अन्दर एक सामान्य आदत देखने को मिलती है, वो है किताब पढ़ना. कहते हैं कि किताब इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती है. रोजाना पढ़ना न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से फायदेमंद है, बल्कि यह जानकारी भी बढ़ाता है. साथ ही सोचने और जीने के नजरिये को भी बदलता है.

ऑनलाइन का चाहे जितना भी बोलबाला हो जाए, लेकिन पुस्तक पढ़ने का कोई जवाब नहीं हो सकता. पुस्तक पढ़ने के फायदे की बात की जाए, तो इसके बहुत से फायदे हैं. पुस्तक पढ़ने से आपका ध्यान एक जगह केंद्रित हो जाता है. रोजाना पढ़ने की आदत एकाग्रता को बढ़ाती है. इसके साथ ही किसी भी कार्य को करने में मन लगता है.

रोजाना किताब पढ़ने से दिमाग सक्रिय रहता है. दिमाग की नसों को आराम मिलता है. इसके साथ ही दिमाग तनावमुक्त होकर किसी भी कार्य पर फोकस करता है. अत: रोजाना पढ़ने की आदत आपका तनाव कम (Tension Free) करती है. प्रत्येक व्यक्ति को रोजाना अपना पसंदीदा उपन्यास, किताब या ब्लॉग पढ़ना चाहिए.

ये भी पढ़ें: छात्रों के लिए Good News: बिहार में पहली से 12वीं कक्षा तक की सभी किताबें अब ऑनलाइन

रोजाना पढ़ने से जानकारी बढ़ती है. नये-नये शब्द, नई-नई बातों का पता चलता है. जिंदगी को देखने और जीने का नजरिया बदलता है. किताबें पढ़ने से जिंदगी के फैसले समझदारी और आसानी से लिए जा सकते हैं. एक सार्वभौमिक सत्य है कि आप अपनी जिंदगी में सब कुछ खो सकते हैं, नौकरी, व्यवसाय, धन, परिवार और यहां तक कि अपना स्वास्थ्य भी, लेकिन आपका ज्ञान, आपकी जानकारी, आपकी बुद्धि को कोई आपसे नहीं छीन सकता है.

जानकारी के अभाव में कई जगह आपको चुप रहना पड़ता है. बात करने में झिझक (Hesitation) होती है या ढंग से बात नहीं कर पाते हैं. पढ़ने से ज्ञान और जानकारी में बढ़ोत्तरी होती है. जिसके आधार पर आप किसी से भी, कहीं पर भी, किसी भी विषय पर बात कर सकते हैं. किताबें पढ़ने से बोलने और बात करने का आत्मविश्वास बढ़ता है. कहते हैं जो अच्छा बोल सकता है वह अच्छा लिख भी सकता है.

यदि आप किताबें पढ़ते हैं तो उसमे लिखी बातों को, उसमें बताए तरीकों को अपनी जिन्दगी से जोड़कर देखने लग जाते हैं. इसके साथ ही अपनी जिंदगी में उतारना शुरू कर देते हैं. जब आप किसी डरावनी (Horror) या दुविधा (Suspense) वाले उपन्यास को पढ़ते हैं, तो उसके पात्र, घटनायें दिमाग (Mind) में उतरने लगते हैं. जिसके बाद उपन्यास को पूरा पढ़ें बिना ही उसके निष्कर्ष (Conclusion) को समझने का प्रयास करने लग जाते हैं या समझ जाते हैं.

जब भी आप कोई उपन्यास या कहानी की किताब पढ़ते हैं, तो उसके किरदार, पृष्ठभूमि आपको काफी दिन तक याद रहते हैं. रोजाना पढ़ने की आदत आपकी याद करने और याद रखने की क्षमता विकसित करता है. आपकी याद्दाश्त दिन-प्रतिदिन पहले से बेहतर होती जाती है. जिससे दिमाग का विकास होता है.

आपने कई जगह पढ़ा या सुना होगा कि जब नींद नहीं आए तो किताब पढ़ना शुरू कर दीजिए, आपको अच्छी नींद आयेगी. रात को सोने से पहले जब आप किताब पढ़ते हैं, तो आपका दिमाग थकता है, दिमाग की नसें शांत होती हैं, जो अच्छी नींद लाने में सहायक होती है. इसलिये अच्छी नींद के लिए रोजाना सोने से पहले पढ़ने की आदत जरूर डालें.

किताबें इंसान की सच्ची दोस्त होती है. ये आपके अकेलेपन को दूर करने में मदद करती है. जब भी आप अपने आपको अकेला या बोर महसूस कर रहे हों, तो पढ़ना शुरू कर दें. पढ़ने की आदत आपके अंदर नई उर्जा भरती है. आपकी मनोदशा (Mood) में बदलाव लाकर आराम देती है.

Last Updated : Aug 12, 2021, 12:37 PM IST
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