बक्सर: बिहार के बक्सर जिले में प्रशासन की दबंगई देखने को मिली है. जहां नगर थाना क्षेत्र के पिपरपाती रोड पर फेरी लगाकर कैलेंडर बेचने वाले एक व्यक्ति को अतिक्रमणकारी बताकर सदर एसडीएम ने जमकर पिटाई (Calendar Sellers Beaten Up) कर दी. जिससे कैलेंडर बेचने वाले की नाक फट गयी. इस घटना को लेकर स्थानीय लोग काफी आक्रोशित दिखें.
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घटना के संबंध में पीड़ित गुपुत साह ने बताया कि वह कैमूर जिले के कोचस का रहने वाला है. प्रत्येक दिन की तरह वह बाइक पर कैलेंडर लेकर घूम-घूमकर बेच रहा था. इसी दौरान सदर एसडीएम दलबल के साथ वहां से गुजर रहे थे. जिसके बाद एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा गाड़ी से उतरकर कैलेंडर बेचने वाले के नाक पर मुक्का मार दिया. जिससे उसके नाक से खून गिरने लगा.
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इतना ही नहीं एसडीएम के सुरक्षाकर्मियों ने कैलेंडर बेचने वाले की डंडे से पिटाई करना शुरू कर दी. घटना को देख स्थानीय लोग पीड़ित को जब अस्पताल ले जाने लगे, एसडीएम और सुरक्षाकर्मी उससे भी उलझ गए. स्थानीय लोगों ने कहा कि जब गरीबों को फेरी लगाकर समान बेचने पर भी अधिकारी मारते हैं, तो कोई ऐसा कानून सरकार बनाये कि गरीबों को सीधे गोली मार दिया जाए.
'पिपरपाती रोड पर व्यक्ति बाइक पर कैलेंडर बेच रहा था. उसी दौरान एसडीएम वहां से गुजर रहे थे और गाड़ी से उतरने के साथ ही पिटाई शुरू कर दी. खून से लथपथ उस व्यक्ति को जब हमलोग अस्पताल ले जाने लगे, तो हमलोगों से धक्का-मुक्की करना शुरू कर दिया. अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रशासनिक अधिकारी गरीबों पर कहर बरपा रहे है. लेकिन इसी शहर के मुख्य सड़क पर सरकारी जमीन पर बड़े-बड़े व्यपारियों और राजनेताओं के द्वारा ऊंची-ऊंची इमारतें बनाई गईं हैं.' -रामजी सिंह, प्रत्यक्षदर्शी
'शहर में नियमित रूप से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. इस कड़ी में तीन बैंकों को भी नोटिस भेजा गया है लेकिन कुछ लोग अपना राजनीतिक रोटी सेंकने में लगे हुए हैं. वैसे लोगों को भी आगाह करता हूं कि वह कुछ भी कर ले अतिक्रमण मुक्त का यह अभियान रुकने वाला नहीं है. जिस व्यक्ति को चोट लगी है, उसें मैं खुद अपनी गाड़ी से अस्पताल ले जा रहा था लेकिन स्थानीय लोगों ने कहा कि पास में ही एक मेडिकल की दुकान है. वहां से हमलोग दवा दिलवा देंगे, उस व्यक्ति पर मैंने हाथ नहीं उठाया है.' -धीरेंद्र मिश्र, एसडीएम
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर सिंडिकेट नहर के बुधनपुरवा में जल स्त्रोत को अतिक्रमण मुक्त कराने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश पर पुलिसकर्मीयो ने महिलाओं और छोटे-छोटे बच्चों को दौड़ाकर पिटाई की. हैरानी की बात यह है कि उसी जलस्त्रोत पर परिवहन विभाग का कार्यालय भी बन रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने केवल उन गरीबों के आशियाने को उजाड़ने का आदेश दिया था या सभी तरह का अतिक्रमण को हटाने का.
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