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बक्सर: हल्की बारिश में खुली पोल, गंगा में बह गई मिट्टी भरी बोरी

हल्की बारिश में बाढ़ नियंत्रण को लेकर की गई तैयारियों का पोल खुल गया है. बांध की सुरक्षा के लिए बनाए गए स्पर पर रखी बालू की बोरी बह गई. इससे कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. ग्रामीण दहशत में हैं. वहीं, प्रशासनिक अधिकारी सब कुछ नियंत्रण में होने की बात कह रहे हैं.

Pre-flood preparation pole open due to light rain in buxar
Pre-flood preparation pole open due to light rain in buxar
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Published : Aug 25, 2020, 9:44 AM IST

बक्सर: बिहार के 16 जिले बाढ़ की चपेट में है. इस बाढ़ के कारण राज्यभर में 70 लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुई है. वहीं जिले में बाढ़ को लेकर पूर्व तैयारी की गई, लेकिन हल्की सी बारिश ने सारी पोल खोलकर रख दी. बाढ़ से बचाव को लेकर गंगा नदी के किनारे बांध पर बनाए गए स्पर से बालू भरी बोरियां बह गई. इससे जिले के एक बड़े इलाके पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

जिले के पांच प्रखंड चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर प्रखंड को बढ़ से बचाने के लिए ढाई महीना पहले ही 10 एजेंसी के माध्यम से बाढ़ से निपटने की सारी तैयारी पूरी करने का दावा किया गया था. लेकिन बाढ़ पूर्व तैयारी में अनियमितता के कारण ये सारे दावे फेल हो गए हैं. इस अनियमितता को लेकर ईटीवी भारत ने डीएम अमन समीर को 2 महीने पहले ही अवगत करवाया था. बताया गया था कि बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से गंगा के कटाव को रोकने के लिए जो स्पर बनाया जा रहा है वो मानक के अनुरूप नहीं है. बोरियों में बालू की जगह मिट्टी भरकर रखा जा रहा है. जो खतरे से खाली नहीं है. उसके बाद जांच की बात कहकर मामले को ठंढे बस्ते में डाल दिया गया.

15 मिनट की बारिश में खुली पोल
देर रात 15 मिनट तक हुई हल्की सी बारिश में कटाव को रोकने के लिए बोरियो के अंदर रखी गई मिट्टी पूरी तरह से गल कर बह गई. देखते ही देखते कटाव रोकने के लिए जिला प्रशासन और बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से बनाया गया स्पर गंगा के गोद में समा गया. स्थानीय लोगों जब इसकी सूचना दी तो प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन-फानन में बाढ़ नियंत्रण विभाग से संपर्क किया और सबकुछ ठीक होने की बात कही गई. बताया गया कि कहीं कुछ भी नहीं हुआ है.

बाढ़ नियंत्रण कार्य के दौरान ग्रामीणों को धमकी
मिट्टी भरी बोरियों के बह जाने को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि 2 महीना पहले ही जब बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से काम कराया जा रहा था, उस समय ही ग्रामीणों ने बोरियों में मिट्टी भरने का विरोध किया था. हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी, ठेकेदार और एसडीएम ने रंगदारी मांगने का आरोप लगाकर जेल भेज देने की धमकी देकर ग्रामीणों को चुप करा दिया.

'ग्रामीणों ने फैलाया है अफवाह'
इस मामले को लेकर जब बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि जिले में बाढ़ तो आने की अंदेशा दिख नहीं रहा है. वैसे हमारी तैयारी पूरी है. कहीं भी स्पर डैमेज नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने सिर्फ अफवाह फैलाया है. मेरी गाड़ी में खुद मीडिया कर्मियों बैठकर गए थे, जिन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक है. लेकिन कैमरे के सामने ये बातें बोलने के लिए कहने पर वो मौके से खिसक गए.

दोषी ठेकेदार या अधिकारी पर होगी कार्रवाई
सिमरी प्रखंड के अंचालधिकारी से फोन पर जानाकारी लेने पर उन्होंने कहा कि बारिश के कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई है. यदि बारिश के दौरान ग्रामीण सावधान होकर सभी बोरियो को प्लास्टिक से ढक देते तो कटाव नहीं हुआ होता. अंचलाधिकारी के हैरान कर देने वाले इस बयान को लेकर उप विकास आयुक्त ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. जिसके बाद दोषी ठेकेदार हो या अधिकारी पर कार्रवाई हर हाल में होगी.

बक्सर: बिहार के 16 जिले बाढ़ की चपेट में है. इस बाढ़ के कारण राज्यभर में 70 लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुई है. वहीं जिले में बाढ़ को लेकर पूर्व तैयारी की गई, लेकिन हल्की सी बारिश ने सारी पोल खोलकर रख दी. बाढ़ से बचाव को लेकर गंगा नदी के किनारे बांध पर बनाए गए स्पर से बालू भरी बोरियां बह गई. इससे जिले के एक बड़े इलाके पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.

जिले के पांच प्रखंड चौसा, बक्सर, सिमरी, चक्की और ब्रह्मपुर प्रखंड को बढ़ से बचाने के लिए ढाई महीना पहले ही 10 एजेंसी के माध्यम से बाढ़ से निपटने की सारी तैयारी पूरी करने का दावा किया गया था. लेकिन बाढ़ पूर्व तैयारी में अनियमितता के कारण ये सारे दावे फेल हो गए हैं. इस अनियमितता को लेकर ईटीवी भारत ने डीएम अमन समीर को 2 महीने पहले ही अवगत करवाया था. बताया गया था कि बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से गंगा के कटाव को रोकने के लिए जो स्पर बनाया जा रहा है वो मानक के अनुरूप नहीं है. बोरियों में बालू की जगह मिट्टी भरकर रखा जा रहा है. जो खतरे से खाली नहीं है. उसके बाद जांच की बात कहकर मामले को ठंढे बस्ते में डाल दिया गया.

15 मिनट की बारिश में खुली पोल
देर रात 15 मिनट तक हुई हल्की सी बारिश में कटाव को रोकने के लिए बोरियो के अंदर रखी गई मिट्टी पूरी तरह से गल कर बह गई. देखते ही देखते कटाव रोकने के लिए जिला प्रशासन और बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से बनाया गया स्पर गंगा के गोद में समा गया. स्थानीय लोगों जब इसकी सूचना दी तो प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन-फानन में बाढ़ नियंत्रण विभाग से संपर्क किया और सबकुछ ठीक होने की बात कही गई. बताया गया कि कहीं कुछ भी नहीं हुआ है.

बाढ़ नियंत्रण कार्य के दौरान ग्रामीणों को धमकी
मिट्टी भरी बोरियों के बह जाने को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि 2 महीना पहले ही जब बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से काम कराया जा रहा था, उस समय ही ग्रामीणों ने बोरियों में मिट्टी भरने का विरोध किया था. हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी, ठेकेदार और एसडीएम ने रंगदारी मांगने का आरोप लगाकर जेल भेज देने की धमकी देकर ग्रामीणों को चुप करा दिया.

'ग्रामीणों ने फैलाया है अफवाह'
इस मामले को लेकर जब बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि जिले में बाढ़ तो आने की अंदेशा दिख नहीं रहा है. वैसे हमारी तैयारी पूरी है. कहीं भी स्पर डैमेज नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने सिर्फ अफवाह फैलाया है. मेरी गाड़ी में खुद मीडिया कर्मियों बैठकर गए थे, जिन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक है. लेकिन कैमरे के सामने ये बातें बोलने के लिए कहने पर वो मौके से खिसक गए.

दोषी ठेकेदार या अधिकारी पर होगी कार्रवाई
सिमरी प्रखंड के अंचालधिकारी से फोन पर जानाकारी लेने पर उन्होंने कहा कि बारिश के कारण इस तरह की स्थिति उत्पन्न हुई है. यदि बारिश के दौरान ग्रामीण सावधान होकर सभी बोरियो को प्लास्टिक से ढक देते तो कटाव नहीं हुआ होता. अंचलाधिकारी के हैरान कर देने वाले इस बयान को लेकर उप विकास आयुक्त ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. जिसके बाद दोषी ठेकेदार हो या अधिकारी पर कार्रवाई हर हाल में होगी.

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