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बक्सर: कोरोना के खिलाफ जंग में डटे स्वास्थ्य कर्मियों में बढ़ रहा है इन्फेक्शन का डर

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Published : Aug 13, 2020, 3:23 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 6:43 PM IST

कोरोना महामारी से लड़ने के लिए डॉक्टर हमेशा तत्पर हैं. हालांकि ये डॉक्टर खुद कोरोना संक्रमित हो जा रहे हैं, लेकिन इनका हौसला कम नहीं हो रहा है. जिल में 8 डॉक्टर और 8 स्वास्थ्यकर्मी कोरोन पॉजिटिव हो गए फिर भी ये इलाज के बाद स्वस्थ हुए और अपनी ड्यूटी में तैनात हो गए.

कोरोना वॉरियर्स
कोरोना वॉरियर्स

बक्सर: वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए कोरोना वॉरियर्स के रूप में डॉक्टर और स्वस्थ्य कर्मियों की टीम हमेशा से आगे रही है. इसी कड़ी में जिले में कोरोना मरीजों के इलाज और देखभाल में तैनात डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मी में से 8 डॉक्टर और 8 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव हो गए. फिर भी अन्य डॉक्टरों का हौसला कम नहीं हुआ. हालांकि ये कोरोना वॉरियर्स, जिले में डॉक्टरों की कमी के कारण स्वस्थ्य होने के बाद फिर से ड्यूटी ज्वाइन किया और लोगों की इलाज में जुट गए हैं.

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बक्सर जिले में कुल 56 डॉक्टर मौजूद हैं. यदि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एक-एक डॉक्टर को भी तैनात कर दिया जाए तो भी कम पड़ेंगे. इन्हीं 56 डॉक्टर के कंधों पर 20 लाख लोगों की जान बचाने की जिम्मेदारी है. जो दिन रात अस्पतालों में डटे हुए हैं.

जिला प्रशासन ने लिया संज्ञान
हालांकि कोरोना पॉजिटिव हुए स्वास्थ कर्मियों ने बताया कि बताया कि संक्रमित होने के बाद समाज के लोगों की ओर तरह-तरह से मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है. हमारे परिवार के लोगों को ना तो सब्जी वाला सब्जी दे रहा था और ना ही दूध वाला दूध. जिला प्रशासन को व्यक्तिगत रूप से जब मैंने इसकी जानकारी दी तो अधिकारियों ने क्विक एक्शन लेते हुए मेरे परिजनों को जरूरत के सभी सामान उपलब्ध करावाया.

कोरोना से डॉक्टर्स भी हो रहे हैं संक्रमित
इसके साथ ही सिविल सर्जन ने डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया कि अप्रैल से लेकर अब तक 8 डॉक्टर और 8 स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो चुके हैं. कोरोना संक्रमण को मात देने के बाद इन डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को फिर से ड्यूटी पर तैनात किया गया है. क्योंकि हमारे यहां डॉक्टरों की कमी है. स्वास्थ्य कर्मी अपने दायित्वों का निर्वाहन पूरे जिम्मेदारी के साथ कर रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से एक माह का अतिरिक्त वेतन भुगतान के लिए घोषणा किया गया है. जो सभी स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा.

पहला मरीज 16 अप्रैल को मिला
जिले के डुमरांव अनुमण्डल अंतर्गत नया भोजपुर गांव में सबसे पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज 16 अप्रैल 2020 को मिला था. जिसके बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने कंटेनमेंट जोन बनाकर इस संक्रमण को नियंत्रण किया. लेकिन जैसे ही सरकार की ओर से अनलॉक वन घोषित किया गया. फिर से बक्सर जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों की बाढ़ सी आ गई.

32 हजार से ज्यादा लोगों की जांच
जिला प्रशासन की ओर से अब तक 32 हजार 696 लोगों का कोरोना जांच कराई गई है. जिसमें 31,961 लोगों की रिपोर्ट आ चुकी है. 1,879 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जबकि 24,372 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव है. अब तक 1001 लोग कोरोना को मात देकर अस्पताल से घर जा चुके हैं. जबकि 878 लोगों का इलाज अभी चल रहा है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी 735 लोगों की रिपोर्ट के आने का इंतजार कर रहे हैं. अब तक जिले में 2 लोगों की मौत इस संक्रमण के कारण हो चुकी है.

यहां-यहां बना है कोविड अस्पताल
इसके अलावा जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस महामारी से निपटने के लिए बक्सर के सदर अस्पताल कैंपस में बने पारा मेडिकल संस्थान में 204 बेडों का आइसोलेशन सेंटर. जबकि जेएनएम छात्रावास में 40 बेड का कोविड-19 हॉस्पिटल बनाया गया है. यहां 2 बेडों की आईसीयू की भी सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावे जिले के डुमरांव अनुमंडल में शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में 100 बेडों का आइसोलेशन सेंटर और 50 बेडों का कोविड -19 हॉस्पिटल सेंट्रलाइज तरीके से बनाया गया है. साथ ही 4 बेडों का आईसीयू भी तैयार किया गया है. जिससे किसी भी संक्रमित मरीज को इलाज के लिए बाहर नही जाना पड़े.

बक्सर: वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए कोरोना वॉरियर्स के रूप में डॉक्टर और स्वस्थ्य कर्मियों की टीम हमेशा से आगे रही है. इसी कड़ी में जिले में कोरोना मरीजों के इलाज और देखभाल में तैनात डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मी में से 8 डॉक्टर और 8 स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव हो गए. फिर भी अन्य डॉक्टरों का हौसला कम नहीं हुआ. हालांकि ये कोरोना वॉरियर्स, जिले में डॉक्टरों की कमी के कारण स्वस्थ्य होने के बाद फिर से ड्यूटी ज्वाइन किया और लोगों की इलाज में जुट गए हैं.

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बक्सर जिले में कुल 56 डॉक्टर मौजूद हैं. यदि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एक-एक डॉक्टर को भी तैनात कर दिया जाए तो भी कम पड़ेंगे. इन्हीं 56 डॉक्टर के कंधों पर 20 लाख लोगों की जान बचाने की जिम्मेदारी है. जो दिन रात अस्पतालों में डटे हुए हैं.

जिला प्रशासन ने लिया संज्ञान
हालांकि कोरोना पॉजिटिव हुए स्वास्थ कर्मियों ने बताया कि बताया कि संक्रमित होने के बाद समाज के लोगों की ओर तरह-तरह से मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है. हमारे परिवार के लोगों को ना तो सब्जी वाला सब्जी दे रहा था और ना ही दूध वाला दूध. जिला प्रशासन को व्यक्तिगत रूप से जब मैंने इसकी जानकारी दी तो अधिकारियों ने क्विक एक्शन लेते हुए मेरे परिजनों को जरूरत के सभी सामान उपलब्ध करावाया.

कोरोना से डॉक्टर्स भी हो रहे हैं संक्रमित
इसके साथ ही सिविल सर्जन ने डॉ. जितेंद्र नाथ ने बताया कि अप्रैल से लेकर अब तक 8 डॉक्टर और 8 स्वास्थ्य कर्मी संक्रमित हो चुके हैं. कोरोना संक्रमण को मात देने के बाद इन डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को फिर से ड्यूटी पर तैनात किया गया है. क्योंकि हमारे यहां डॉक्टरों की कमी है. स्वास्थ्य कर्मी अपने दायित्वों का निर्वाहन पूरे जिम्मेदारी के साथ कर रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से एक माह का अतिरिक्त वेतन भुगतान के लिए घोषणा किया गया है. जो सभी स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा.

पहला मरीज 16 अप्रैल को मिला
जिले के डुमरांव अनुमण्डल अंतर्गत नया भोजपुर गांव में सबसे पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज 16 अप्रैल 2020 को मिला था. जिसके बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने कंटेनमेंट जोन बनाकर इस संक्रमण को नियंत्रण किया. लेकिन जैसे ही सरकार की ओर से अनलॉक वन घोषित किया गया. फिर से बक्सर जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों की बाढ़ सी आ गई.

32 हजार से ज्यादा लोगों की जांच
जिला प्रशासन की ओर से अब तक 32 हजार 696 लोगों का कोरोना जांच कराई गई है. जिसमें 31,961 लोगों की रिपोर्ट आ चुकी है. 1,879 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जबकि 24,372 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव है. अब तक 1001 लोग कोरोना को मात देकर अस्पताल से घर जा चुके हैं. जबकि 878 लोगों का इलाज अभी चल रहा है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी 735 लोगों की रिपोर्ट के आने का इंतजार कर रहे हैं. अब तक जिले में 2 लोगों की मौत इस संक्रमण के कारण हो चुकी है.

यहां-यहां बना है कोविड अस्पताल
इसके अलावा जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस महामारी से निपटने के लिए बक्सर के सदर अस्पताल कैंपस में बने पारा मेडिकल संस्थान में 204 बेडों का आइसोलेशन सेंटर. जबकि जेएनएम छात्रावास में 40 बेड का कोविड-19 हॉस्पिटल बनाया गया है. यहां 2 बेडों की आईसीयू की भी सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावे जिले के डुमरांव अनुमंडल में शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में 100 बेडों का आइसोलेशन सेंटर और 50 बेडों का कोविड -19 हॉस्पिटल सेंट्रलाइज तरीके से बनाया गया है. साथ ही 4 बेडों का आईसीयू भी तैयार किया गया है. जिससे किसी भी संक्रमित मरीज को इलाज के लिए बाहर नही जाना पड़े.

Last Updated : Aug 19, 2020, 6:43 PM IST
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