बक्सर: जिले में पिछले 10 दिनों से शीतलहर का प्रकोप जारी है. जिससे जिला के किसानों की परेशानी और बढ़ गई है. शीतलहर के कारण एक तरफ जहां खेतों में लगे आलू, टमाटर, और मटर के पौधों को पाला मार रहा है. वहीं दूसरी तरफ बाहरी व्यापारियों के नहीं आने के कारण, आलू, टमाटर के दामों में 90% तो मटर की छेमी के दाम में 60% की गिरावट आई है. जिससे किसान काफी परेशान है.
शीत लहर से किसान परेशान
सदर प्रखंड के किसान मनोज केसरी ने बताया कि महंगे बीज खरीद कर एक एकड़ भूमि पर आलू, टमाटर और मटर की खेती की थी. लेकिन पिछले 10 दिनों से शीत लहर का इस कदर सितम जारी है. जिसने किसानों की कमर तोड़ दी है. एक तरफ जहां खेतों में लगे पौधे को पाला मार रहा हैं. वहीं दूसरी तरफ आलू, टमाटर, मटर के दाम लगतार निचे गिर रहे हैं. घने कोहरे के कारण बाहरी व्यापारी आ नहीं रहे हैं.
"फसल ओने-पौने दाम में किसी तरह से स्थानीय व्यापारियों को दिया जा रहा है. 10 दिन पहले आलू 48 रुपये किलो और टमाटर 55 रुपये किलो बिक रहे थे. लेकिन आज 10 रुपये प्रति केजी भी कोई खरीदने वाला नहीं है. मटर 100 रुपये किलो बिक रहे थे. आज 30 रुपये प्रति केजी भी कोई खरीदार नहीं मिल रहा है. ऐसे में किसान क्या करें"- मनोज केसरी, किसान
मुसीबतों से भरा रहा साल
बता दें साल 2020 जिला के किसानों के लिए मुसीबतों भरा रहा. मार्च महीने से ही रवि फसल की कटाई की तैयारी में जुटे किसान, कोरोना का सामना कर अपने आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं. लेकिन हर बार उनका यह प्रयास विफल हो जा रहा है.
अपने आर्थिक परिश्रम और प्रवासी श्रमिकों के सहयोग से 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर 5 लाख मैट्रिक टन से अधिक धान उत्पादन कर पुराने सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया. उसके बाद भी धान फसल की बिक्री करने के लिए संघर्ष कर रहे किसानों के सामने अब शीतलहर ने सितम ढाना शुरू कर दिया है.