बक्सर: जिले में यूरिया की कालाबाजारी से किसान परेशान हो गए है. गेंहू की पटवन कर यूरिया की खोज में किसान जिला मुख्यालय से लेकर दुकानों का चक्कर लगा रहे हैं. किसानों की समस्याओं को दूर करने के बजाए अधिकारी दलील देने में जुटे हुए हैं.
85 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेंहू की खेती
जिले में 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने गेंहू की खेती किया है. नहर में पानी आने के साथ ही किसानों ने गेंहू फसल की दूसरी बार पटवन तो कर दिया लेकिन उन्हें यूरिया खाद नहीं मिल रहा है. जिसके कारण अब फसल पीला होकर सूखने लगा है. जिले के राजपुर और चौसा प्रखण्ड में यूरिया की धड़ल्ले से कालाबाजारी हो रही है. उसके बाद भी जिला कृषि पदाधिकारी किसानों से झूठी दलील देकर अपनी नकामी को छिपाने में लगे हुए है.
265 की जगह 450 रुपये में यूरिया की बिक्री
राजपुर प्रखण्ड के कई ऐसे लाइसेंसी दुकानदार है जो कृषि विभाग के अधिकारियों के मिली भगत से पहले ही यूरिया को अपने गोदामो में डंप कर रख लिए है. इसके साथ ही 265 की जगह 450 रुपये बोरी यूरिया की बिक्री कर रहे हैं. नाम नहीं छापने के शर्त पर जिला के यूरिया खाद के दुकानदार ने बताया कि खरीफ मौसम के दौरान पूरे सीजन में 300 बोरी यूरिया खाद की बिक्री की गई थी. लेकिन गेंहू फसल के दौरान जब यूरिया का रेक लगा तो 40 हजार रुपये की मांग करने के लिए दुकान पर कृषि विभाग के अधिकारी आए थे. जब दुकानदार ने देने से इनकार कर दिया तो जांच के नाम पर दुकानदार को प्रताड़ित कर यूरिया नहीं दिया गया.
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जानिए क्या कहते हैं जिला के किसान
इटाढ़ी प्रखण्ड के किसान गोपाल त्रिवेदी ने बताया कि-
यूरिया की घोर किल्लत है. जब इसकी शिकायत जिला कृषि पदाधिकारी से किया गया तो उनका जवाब सुनकर ही हैरान हूं. किसान खेतो में अधिक यूरिया का इस्तेमाल कर रहे है. कुछ लोगों ने डंप भी कर लिया है. जिसके कारण यह परेशानी हो रही है. सभी लोग जानते है कि आवश्यकता से अधिक खेतो में यूरिया का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. उसके बाद भी इस तरह की बाते समझ से परे है. -गोपाल त्रिवेदी, किसान
जानिए क्या कहते है जनप्रतिनिधि
यूरिया की कालाबाजारी को लेकर राजपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने कहा कि-
मेरे विधानसभा में यूरिया के लिए किसान त्राहिमाम कर रहे हैं. उसके बाद भी किसानों की समस्या को दूर करने बजाये जिला के कृषि पदाधिकारी अनर्गल बयानबाजी कर रहे है. जब कोई किसान यूरिया लेने जा रहा है तो उससे आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड की मांग की जा रही है. उसके बाद भी महंगे दाम पर चोरी-चुप्पे यूरिया दिया जा रहा है. मानो वह किसान नहीं अपराधी है. जल्द ही यूरिया की समस्या को कृषि विभाग के अधिकारी दूर करें. वरना किसान सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य हो जाएंगे. -विश्वनाथ राम, कांग्रेस विधायक
जेल भेजने की दी थी धमकी
इस मामले को लेकर भाजपा के किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता ने जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णनदन चक्रवर्ती को फोन किया तो जिला कृषि पदाधिकारी ने उसे हरिजन एक्ट में फंसाकर जेल भेज देने की धमकी दी. जिसके बाद बीजेपी नेता ने इस बात की लिखित शिकायत कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह और जिलाधिकारी अमन समीर से की. उसके बाद भी कोई करवाई नहीं हुई. जिसके कारण जिला में विभागीय अधिकारियों की मनमानी चरम सीमा पर है.