ETV Bharat / state

बक्सर में यूरिया की किल्लत पर JDU नेता बोले- 'जिले में चरम पर अफसरशाही, किसानों की नहीं सुनते हैं अधिकारी' - etv bharat

बक्सर में यूरिया की किल्लत (Shortage of Urea in Buxar) से किसान परेशान हैं. किसान यूरिया के लिए दुकानदारों से लेकर जिला कृषि कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. ऐसे में जेडीयू नेता ने कहा कि जिले में अफसरशाही चरम पर है. अधिकारी किसानों की सुनते ही नहीं है. सड़कों पर किसान यूरिया के लिए चक्कर लगा रहा है और अधिकारी कोरोना का बहाना बनाकर कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला बंदकर अंदर बैठे हैं.

बक्सर में यूरिया की किल्लत
बक्सर में यूरिया की किल्लत
author img

By

Published : Jan 13, 2022, 7:06 AM IST

बक्सर: बिहार के बक्सर जिले में डीएपी की घोर किल्लत के बाद बिना उर्वरक (Buxar Urea Crisis) के ही जिले के 95% किसानों ने रबी फसल की बुवाई कर ली है. लगभग 80 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं फसल की बुवाई हुई है. किसान गेहूं की पहली सिंचाई करने के बाद अब यूरिया के छिड़काव करने के लिए दुकानदारों से लेकर जिला कृषि कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. उसके बाद अब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है.

ये भी पढ़ें- बिहार के किसानों का दर्द: पहले डीएपी के लिए दर-दर भटके.. अब यूरिया की आस में रुक रही गेहूं की पटवन

बक्सर जिले में 2 लाख 9 हजार रजिस्टर्ड किसान है, जिनके द्वारा 1 लाख 6 हजार हेक्टेयर भूमि पर रबी फसल की बुवाई की गई है. विभागीय अधिकारियों की माने तो 95% किसानों ने रबी फसल की बुवाई कर ली है. लगभग 80 हजार हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने गेहूं फसल की बुवाई की है. पहली सिंचाई करने के बाद अब यूरिया का छिड़काव करने के लिए किसान दुकानदारों से लेकर जिला मुख्यालय तक के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन, उन्हें यूरिया नहीं मिल रहा है. कुछ प्राइवेट डीलरों ने पहले ही यूरिया को अपने गोदामों में जमा कर लिया है और अब वो 266 रुपये पैकेट का यूरिया 500 से लेकर 700 में बेच रहे हैं.

बक्सर में यूरिया की किल्लत

बक्सर में अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले भाकपा माले विधायक अजित कुमार सिंह के बाद अब सत्ताधारी दल जदयू के नेताओं ने भी अपने ही सरकार के अधिकारियों पर गम्भीर आरोप लगाया है. बक्सर में यूरिया की किल्लत पर जदयू प्रवक्ता अशोक कुमार सिंह (JDU on shortage of urea in Buxar) ने कहा कि ''अफसरशाही चरम पर है. जिले की सड़कों पर यूरिया के लिए किसान भूखे, प्यासे दौड़ रहे हैं और अधिकारी कोरोना का बहाना बनाकर कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला बंदकर अंदर हैं.''

ये भी पढ़ें- नैनो यूरिया में किसानों की कोई रूचि नहीं, कहा- 'जिसके बारे में पता ही नहीं, उस पर कैसे करें विश्वास'

डीएपी के बाद अब यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी से परेशान सैकड़ों किसान जिला कृषि पदाधिकारी से गुहार लगाने के लिए कृषि कार्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन मुख्य गेट पर ही अधिकारियों ने ताला बंद करा दिया है. ताकि किसानों से उनकी मुलाकात न हो, नाराज किसान गेट पर ही नारे बाजी कर खुद के भाग्य को कोसते हुए घर लौट जा रहे हैं, लेकिन उन्हें यूरिया सस्ते दर पर नहीं मिल रहा है. किसानों ने बताया कि जब रबी फसल की बुवाई का समय था तो डीएपी नहीं मिला, खरपतवार डालकर किसी तरह गेहूं की बुवाई की गई. अब सिंचाई करने के बाद यूरिया नहीं मिल रहा है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

बक्सर: बिहार के बक्सर जिले में डीएपी की घोर किल्लत के बाद बिना उर्वरक (Buxar Urea Crisis) के ही जिले के 95% किसानों ने रबी फसल की बुवाई कर ली है. लगभग 80 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं फसल की बुवाई हुई है. किसान गेहूं की पहली सिंचाई करने के बाद अब यूरिया के छिड़काव करने के लिए दुकानदारों से लेकर जिला कृषि कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. उसके बाद अब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है.

ये भी पढ़ें- बिहार के किसानों का दर्द: पहले डीएपी के लिए दर-दर भटके.. अब यूरिया की आस में रुक रही गेहूं की पटवन

बक्सर जिले में 2 लाख 9 हजार रजिस्टर्ड किसान है, जिनके द्वारा 1 लाख 6 हजार हेक्टेयर भूमि पर रबी फसल की बुवाई की गई है. विभागीय अधिकारियों की माने तो 95% किसानों ने रबी फसल की बुवाई कर ली है. लगभग 80 हजार हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने गेहूं फसल की बुवाई की है. पहली सिंचाई करने के बाद अब यूरिया का छिड़काव करने के लिए किसान दुकानदारों से लेकर जिला मुख्यालय तक के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन, उन्हें यूरिया नहीं मिल रहा है. कुछ प्राइवेट डीलरों ने पहले ही यूरिया को अपने गोदामों में जमा कर लिया है और अब वो 266 रुपये पैकेट का यूरिया 500 से लेकर 700 में बेच रहे हैं.

बक्सर में यूरिया की किल्लत

बक्सर में अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले भाकपा माले विधायक अजित कुमार सिंह के बाद अब सत्ताधारी दल जदयू के नेताओं ने भी अपने ही सरकार के अधिकारियों पर गम्भीर आरोप लगाया है. बक्सर में यूरिया की किल्लत पर जदयू प्रवक्ता अशोक कुमार सिंह (JDU on shortage of urea in Buxar) ने कहा कि ''अफसरशाही चरम पर है. जिले की सड़कों पर यूरिया के लिए किसान भूखे, प्यासे दौड़ रहे हैं और अधिकारी कोरोना का बहाना बनाकर कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला बंदकर अंदर हैं.''

ये भी पढ़ें- नैनो यूरिया में किसानों की कोई रूचि नहीं, कहा- 'जिसके बारे में पता ही नहीं, उस पर कैसे करें विश्वास'

डीएपी के बाद अब यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी से परेशान सैकड़ों किसान जिला कृषि पदाधिकारी से गुहार लगाने के लिए कृषि कार्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन मुख्य गेट पर ही अधिकारियों ने ताला बंद करा दिया है. ताकि किसानों से उनकी मुलाकात न हो, नाराज किसान गेट पर ही नारे बाजी कर खुद के भाग्य को कोसते हुए घर लौट जा रहे हैं, लेकिन उन्हें यूरिया सस्ते दर पर नहीं मिल रहा है. किसानों ने बताया कि जब रबी फसल की बुवाई का समय था तो डीएपी नहीं मिला, खरपतवार डालकर किसी तरह गेहूं की बुवाई की गई. अब सिंचाई करने के बाद यूरिया नहीं मिल रहा है.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.