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बक्सर: यूरिया की कालाबाजारी से किसान परेशान, विधायक बोले- सदन में उठाऊंगा आवाज - यूरिया की कालाबाजारी

बक्सर में यूरिया की कालाबाजारी को लेकर कृषि विभाग के अधिकारी के बाद किसान सदर कांग्रेस विधायक से मिले. जिसके बाद विधायक ने कहा कि भ्रष्ट कृषि पदाधिकारी के खिलाफ सदन में आवाज उठाऊंगा.

black marketing of urea
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Published : Feb 8, 2021, 1:53 PM IST

Updated : Feb 8, 2021, 2:21 PM IST

बक्सर: जिले में यूरिया की किल्लत से किसान काफी परेशान हैं. पिछले 15 दिनों से जिला के किसान अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. उसके बाद भी उनकी समस्याओं को दूर करने के बजाये जिला कृषि पदाधिकारी किसानों को ही प्रताड़ित कर यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी के लिए दोषी ठहरा रहे हैं. जिसके बाद जिला के किसानों ने सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी से मदद के लिए गुहार लगायी है.

गेहूं फसल की बुवाई
जिले में लगभग 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं फसल की बुवाई किसानों के द्वारा किया गया है. नहरों और अन्य संसाधनों से गेंहू की दूसरी बार सिंचाई करने के बाद यूरिया के छिड़काव करने के लिए किसान परेशान हैं. लगातार दुकान से लेकर जिला मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. उसके बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल रहा है. कुछ दुकानदार 265 की जगह 500 रुपये देने पर, रात में यूरिया उपलब्ध करा रहे हैं.

black marketing of urea
यूरिया की धड़ल्ले से हो रही कालाबाजारी

यूरिया की कालाबाजारी
जिले में धड़ल्ले से हो रहे यूरिया की कालाबाजारी को लेकर, कार्यालय में पदस्थापित एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि यूरिया की कालाबाजारी का खेल हाई लेवल पर खेला जा रहा है. विभाग के वरीय अधिकारियों को इस बात की पहले से जानकारी थी कि गेंहू फसल की सिंचाई करने के बाद, किसान यूरिया का छिड़काव करेंगे. उसके बाद भी निजी लाभ लेने के लिए कुछ दुकानदारों को आवश्यकता से कई गुणा अधिक यूरिया दे दिया गया. जिन्होंने अपने गोदामों में पहले ही डंप कर लिया और अब मनमाने दाम पर बेच रहे हैं.

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कांग्रेस विधायक संजय तिवारी
"यूरिया का छिड़काव नहीं होने के कारण अब फसल खेतो में ही सूखने लगे हैं. जिला कृषि पदाधिकारी यह दलील दे रहे हैं कि किसानों ने आवश्यकता से अधिक खेतों में यूरिया का इस्तेमाल कर दिया है. जिसके कारण यूरिया की किल्लत हो गई है. लेकिन दुकानदार आज भी 265 के जगह 500 रुपये बोरिया यूरिया खाद किसानों को चोरी छिपे बेच रहे हैं. उसके बाद भी कृषि पदाधिकारी कार्रवाई करने के बजाए किसानों को धमका रहे हैं"- हरिशंकर त्रिवेदी, किसान "जिला में ऐसा पदाधिकारी होना ही हास्यास्पद है. जिसपर घोटाला का कई आरोप लगा हुआ है. इस बार यूरिया की कालाबाजारी की गूंज विधानसभा में सुनाई देगी. इस पूरे मामले को तथ्य के साथ विधानसभा में उठाऊंगा. कुछ किसानों के द्वारा कई प्रूफ उपलब्ध कराया गया है"- संजय तिवारी, कांग्रेस विधायक

ये भी पढ़ें: ऋतुराज के परिजनों से मिले पप्पू यादव, कहा- मामले की हो CBI जांच, तभी मिलेगा रूपेश को न्याय

किसानों की फर्जी सूची
बता दें जिला में किसानों की योजना में गड़बड़ी करने का खेल, लंबे समय से चल रहा है. वर्ष 2018-19 और 2019-20 में जिला के किसानों को 90% अनुदान पर देने के लिए 750 क्विंटल ढईचा घास का बीज और 350 क्विंटल अरहर की बीज राज्य सरकार द्वारा जिला में भेजी गयी थी. लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों ने डीलरों के माध्यम से उसे बाजार में बेचकर किसानों की फर्जी सूची तैयार कर दी. मामला मीडिया में आने के बाद, पटना से आये विभागीय अधिकारियों ने जब जांच की तो, वह भी हैरान रह गए. इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा उपविकास आयुक्त को दिया गया. उसके बाद भी 2 सालों से फाइल डीआरडीए के ऑफिस में दबाकर रखा गया है.

बक्सर: जिले में यूरिया की किल्लत से किसान काफी परेशान हैं. पिछले 15 दिनों से जिला के किसान अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. उसके बाद भी उनकी समस्याओं को दूर करने के बजाये जिला कृषि पदाधिकारी किसानों को ही प्रताड़ित कर यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी के लिए दोषी ठहरा रहे हैं. जिसके बाद जिला के किसानों ने सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी से मदद के लिए गुहार लगायी है.

गेहूं फसल की बुवाई
जिले में लगभग 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं फसल की बुवाई किसानों के द्वारा किया गया है. नहरों और अन्य संसाधनों से गेंहू की दूसरी बार सिंचाई करने के बाद यूरिया के छिड़काव करने के लिए किसान परेशान हैं. लगातार दुकान से लेकर जिला मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. उसके बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल रहा है. कुछ दुकानदार 265 की जगह 500 रुपये देने पर, रात में यूरिया उपलब्ध करा रहे हैं.

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यूरिया की धड़ल्ले से हो रही कालाबाजारी

यूरिया की कालाबाजारी
जिले में धड़ल्ले से हो रहे यूरिया की कालाबाजारी को लेकर, कार्यालय में पदस्थापित एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि यूरिया की कालाबाजारी का खेल हाई लेवल पर खेला जा रहा है. विभाग के वरीय अधिकारियों को इस बात की पहले से जानकारी थी कि गेंहू फसल की सिंचाई करने के बाद, किसान यूरिया का छिड़काव करेंगे. उसके बाद भी निजी लाभ लेने के लिए कुछ दुकानदारों को आवश्यकता से कई गुणा अधिक यूरिया दे दिया गया. जिन्होंने अपने गोदामों में पहले ही डंप कर लिया और अब मनमाने दाम पर बेच रहे हैं.

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कांग्रेस विधायक संजय तिवारी
"यूरिया का छिड़काव नहीं होने के कारण अब फसल खेतो में ही सूखने लगे हैं. जिला कृषि पदाधिकारी यह दलील दे रहे हैं कि किसानों ने आवश्यकता से अधिक खेतों में यूरिया का इस्तेमाल कर दिया है. जिसके कारण यूरिया की किल्लत हो गई है. लेकिन दुकानदार आज भी 265 के जगह 500 रुपये बोरिया यूरिया खाद किसानों को चोरी छिपे बेच रहे हैं. उसके बाद भी कृषि पदाधिकारी कार्रवाई करने के बजाए किसानों को धमका रहे हैं"- हरिशंकर त्रिवेदी, किसान "जिला में ऐसा पदाधिकारी होना ही हास्यास्पद है. जिसपर घोटाला का कई आरोप लगा हुआ है. इस बार यूरिया की कालाबाजारी की गूंज विधानसभा में सुनाई देगी. इस पूरे मामले को तथ्य के साथ विधानसभा में उठाऊंगा. कुछ किसानों के द्वारा कई प्रूफ उपलब्ध कराया गया है"- संजय तिवारी, कांग्रेस विधायक

ये भी पढ़ें: ऋतुराज के परिजनों से मिले पप्पू यादव, कहा- मामले की हो CBI जांच, तभी मिलेगा रूपेश को न्याय

किसानों की फर्जी सूची
बता दें जिला में किसानों की योजना में गड़बड़ी करने का खेल, लंबे समय से चल रहा है. वर्ष 2018-19 और 2019-20 में जिला के किसानों को 90% अनुदान पर देने के लिए 750 क्विंटल ढईचा घास का बीज और 350 क्विंटल अरहर की बीज राज्य सरकार द्वारा जिला में भेजी गयी थी. लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों ने डीलरों के माध्यम से उसे बाजार में बेचकर किसानों की फर्जी सूची तैयार कर दी. मामला मीडिया में आने के बाद, पटना से आये विभागीय अधिकारियों ने जब जांच की तो, वह भी हैरान रह गए. इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा उपविकास आयुक्त को दिया गया. उसके बाद भी 2 सालों से फाइल डीआरडीए के ऑफिस में दबाकर रखा गया है.

Last Updated : Feb 8, 2021, 2:21 PM IST
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