बक्सर: जिले में यूरिया की किल्लत से किसान काफी परेशान हैं. पिछले 15 दिनों से जिला के किसान अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. उसके बाद भी उनकी समस्याओं को दूर करने के बजाये जिला कृषि पदाधिकारी किसानों को ही प्रताड़ित कर यूरिया की किल्लत और कालाबाजारी के लिए दोषी ठहरा रहे हैं. जिसके बाद जिला के किसानों ने सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी से मदद के लिए गुहार लगायी है.
गेहूं फसल की बुवाई
जिले में लगभग 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं फसल की बुवाई किसानों के द्वारा किया गया है. नहरों और अन्य संसाधनों से गेंहू की दूसरी बार सिंचाई करने के बाद यूरिया के छिड़काव करने के लिए किसान परेशान हैं. लगातार दुकान से लेकर जिला मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. उसके बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल रहा है. कुछ दुकानदार 265 की जगह 500 रुपये देने पर, रात में यूरिया उपलब्ध करा रहे हैं.
यूरिया की कालाबाजारी
जिले में धड़ल्ले से हो रहे यूरिया की कालाबाजारी को लेकर, कार्यालय में पदस्थापित एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि यूरिया की कालाबाजारी का खेल हाई लेवल पर खेला जा रहा है. विभाग के वरीय अधिकारियों को इस बात की पहले से जानकारी थी कि गेंहू फसल की सिंचाई करने के बाद, किसान यूरिया का छिड़काव करेंगे. उसके बाद भी निजी लाभ लेने के लिए कुछ दुकानदारों को आवश्यकता से कई गुणा अधिक यूरिया दे दिया गया. जिन्होंने अपने गोदामों में पहले ही डंप कर लिया और अब मनमाने दाम पर बेच रहे हैं.
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किसानों की फर्जी सूची
बता दें जिला में किसानों की योजना में गड़बड़ी करने का खेल, लंबे समय से चल रहा है. वर्ष 2018-19 और 2019-20 में जिला के किसानों को 90% अनुदान पर देने के लिए 750 क्विंटल ढईचा घास का बीज और 350 क्विंटल अरहर की बीज राज्य सरकार द्वारा जिला में भेजी गयी थी. लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों ने डीलरों के माध्यम से उसे बाजार में बेचकर किसानों की फर्जी सूची तैयार कर दी. मामला मीडिया में आने के बाद, पटना से आये विभागीय अधिकारियों ने जब जांच की तो, वह भी हैरान रह गए. इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा उपविकास आयुक्त को दिया गया. उसके बाद भी 2 सालों से फाइल डीआरडीए के ऑफिस में दबाकर रखा गया है.